Story Transcript
ISBN: 9781638501459
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PREFACE
This book is generally for class 6 to 10.This is written by myself Er. Tripurari Jha.This is basic formula based book.There are so much books available in market.But in this book all formulas are divided in section wise. The main approach of this book is grow the basic development of student.In this book all formula’s are in hindi. All student from class 6 to 10 try this formula book.In this formula book there are 22 part
regarding it. I want to thank Mr Arvind Kumar Jha ( m.sc physics)
,My elder brother Mr Bhupendra Singh,and my friend to help and motivate to wrote this book.
ER TRIPURARI JHA 2|Page
CONTENTS 1.सरलीकरण (Simplification) 2.प्रतिशि ( Percentage ) : Important Facts and Formulas 3. महत्तम समापवितक एवं लघुत्तम समापवर्त्त (H.C.F. and L.C.M. ) 4. औसि ( Average ) 5. दशमलव और भिन्न 6. अनुपाि एवं समानुपाि ( Ratio and Proportion ) 7. घन एवं घनमूल ( Cube and Cubic Root ) 8. िाजकिा के तन्म (Rules Of Divisiblity) 9. वर्त एवं वर्तमूल(Cube and Cubic Root) 10. संख््ा पद्धति (Number System) 11. मापन की इकाइ्ााँ(Unit of Measurement) 12. समाकलन के सत्र ू (Integration Formulas) 13. अवकलन के सत्र ू िथा सीमाओं का प्रसार ( Formulas of Differentiation )
14. चिुिज ुत से सम्बंधधि सूत्र 3|Page
15. त्रत्रिज ु से सम्बंधधि सूत्र 16. घन / घनाि से सम्बंधधि सत्र ू 17. र्ोले से सम्बंधधि सूत्र 18. वत्त ृ से सम्बंधधि सूत्र 19. आ्िन के सत्र ू 20. सवतसभमकाएाँ 21. क्षेत्रभमति के सूत्र 22. लाि -हातन से सम्बंधधि सूत्र 23. समांिर श्रेणी 24. प्रात्किा 25. स ांख्यिकी 26. त्रत्रकोणभमति
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सरलीकरण (Simplification) किसी गणितीय व्यंजि िो साधारि भिन्न या संख्यात्मि रूप में बदलने िी प्रकिया
‘ सरलीकरण ’ िहलाती है । इसिे अन्तगगत गणितीय संकियाओं ; जैसे जोड़ , घटाव , गुिा , िाग आदद िो BODMAS िम िे आधार पर हल िरते हुए ददए गए व्यंजि िा मान प्राप्त किया जाता है ।
कोष्ठक चार प्रकार के होिे हैं 1 . ― → रे खा िोष्ठि ( Line Bracket ) 2 . ( ) → छोटा िोष्ठि ( Simple or Small Bracket ) 3 . { } → मझला िोष्ठि ( Curly Bracket ) 4 . [ ] → बड़ा िोष्ठि ( Square Bracket ) इनिो इसी िम में सरल िरते हैं । यदद िोष्ठि िे पहले ऋि चिह्न हो , तो सरल िरने पर अन्दर िे सिी चिह्न बदल जाते हैं । BODMAS का तन्म B → िोष्ठि ( Bracket ) रे खा िोष्ठि , छोटा िोष्ठि , मझला िोष्ठि , बड़ा िोष्ठि O → िा ( Of ) D → िाग ( Division ) M → गुिा ( Multiplication ) A → योग ( Addition ) 5|Page
S → अन्तर ( Subtraction ) उपरोक्त िम िे अलावा व्यंजिों िे सरलीिरि में ववभिन्न बीजगणितीय सूत्रों िा िी प्रयोग किया जाता है ।
सरलीकरण हे िु महर्तवपण ू त सवतसभमकाएं उि्तनष्ट र्ुणक c(a+b) = ca + cb द्ववपद का वर्त •
(a+b)2 = a2 + 2ab + b2 (a-b)2 = a2 - 2ab + b2
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दो पदों के ्ोर् एवं अन्िर का र्ुणनफल (वर्ातन्िर सूत्र) a2 - b2 = (a+b) (a-b)
अन््ान्् सवतसभमकाएाँ(घनों का ्ोर् व अंिर) a3 - b3 = (a-b) (a2 + ab + b2)
a3 + b3 = (a+b) (a2 - ab + b2) •
द्ववपद का घन (a + b)3 = a3 + 3a2b + 3ab2 + b3 (a - b)3 = a3 - 3a2b + 3ab2 - b3
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बहुपद का वर्त (a + b + c)2 = a2 + b2 + c2 + 2ab + 2bc + 2ca
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दो द्ववपदों का र्ुणन जजनमें एक समान पद हो (x + a )(x + b ) = x2 + (a + b )x + ab 6|Page
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र्ाउस (Gauss) की सवतसभमका a3 + b3 + c3 - 3abc = (a+b+c) (a2 + b2 + c2 - ab -bc - ca)
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भलर्ेन्र (Legendre) सवतसभमका (a+b)2 + (a-b)2 = 2(a2 + b2) (a+b)2 - (a-b)2 = 4ab) (a+b)4 - (a-b)4 = 8ab(a2 + b2)
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लाग्रें ज (Lagrange) की सवतसभमका (a2 + b2)(x2 + y2) = (ax + by)2 + (ay - bx)2 (a2 + b2 + c2) (x2 + y2 + z2) = (ax + by + cz)2 + (ay - bx)2 + (az - cx)2 + (bz
-cy)2
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प्रतिशि ( Percentage ) : Important Facts and Formulas प्रतिशि - प्रततशत िा अर्ग ( प्रतत + शत ) प्रत्येि सौ पर या 100 में से x प्रततशत िा अर्ग 100 में से x x% = x/100
भिन्न X/Y िो प्रततशत में बदलने िे भलए भिन्न िो 100 से गि ु ा िरते है । किसी वस्तु िा X/Yिाग = उस वस्तु िा (X/Y) × 100 कुछ महर्तवपण ू त सत्र ू x िा y प्रततशत = x × Y/100 x , y िा कितना प्रततशत है = X/Y×100 y , x से कितना प्रततशत अचधि है = Y-X/X × 100 y , x से कितना प्रततशत िम है = X-Y/X × 100 प्रततशत वद् ृ चध = वद् ृ चध/प्रारं भिि मान ×100 प्रततशत िमी= िमी/प्रारं भिि मान×100 x िो R % बढाने पर , x(1 +R/100)प्राप्त होगा | x िो R % घटाने पर , x(1 -R/100)प्राप्त होगा | अन्् महर्तवपूणत सूत्र x में y % िी वद् ृ चध होने पर नई संख्या ज्ञात िरना = (100 + Y)/100×X
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यदद x िा मान y से R% अचधि है तो y िा मान x से R % में िम हैं=
(R/100+R ×
100) % यदद x िा मान y से R% िम है तो y िा मान x से R % में अचधि हैं= ( R/100-R × 100) % किसी वस्तु िे मल् ू य में R% वद् ृ चध होने पर िी वस्तु पर िुल खिग ना बढे इसिे भलए वस्तु िी खपत में R% िमी = (R/100+R × 100)%
किसी वस्तु िे मूल्य में R% िमी होने पर िी वस्तु पर िुल खिग ना घटे इसिे भलए
वस्तु िी खपत में R% वद् ृ चध = (R/100-R × 100) %
यदद A = x × y तो x में m% पररवतगन एवं y में n% पररवतगन िे िारि A में प्रततशत पररवतगन = m + n + mn/100 जहााँ वद् ृ चध िे भलए + एवं िमी िे भलए - चिन्ह िा उपयोग किया जाएगा ।
जनसंख््ा पर आधाररि सूत्र माना किसी शहर िी जनसंख्या x है तर्ा प्रततवर्ग R% िी दर से बढती हैं तब n n वर्ग बाद जनसंख्या = x[1 +R/100] n वर्ग पूवग जनसंख्या = X/[1+R/100]n
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महत्तम समापवितक एवं लघुत्तम समापवर्त्त (H.C.F. and L.C.M. ) महत्तम समापवितक - ‘ महत्तम समापवतगि ’ वह अचधिता संख्या है , जो दी गई संख्याओं िो पूित ग या वविाजजत िरती है । जैसे - संख्याएाँ 10 , 20 , 30 िा महत्तम समापवतगि 10 है । समापवितक ( Common Factor ) - ऐसी संख्या जो दो या दो से अचधि संख्याओं में से प्रत्येि िो पूरी - पूरी वविाजजत िरें , जैसे - 10 , 20 , 30 िा समापवतगि 2 , 5 , 10 है । लघुत्तम समापवर्त्त - दो या दो से अचधि संख्याओं िा ‘ लघुत्तम समापवत्यग ’ वह छोटी - से -
छोटी संख्या है , जो उन दी गई संख्या में से प्रत्येि से पूित ग या वविाजजत हो जाती है । जैसे 3 , 5 , 6 िा लघुतम समापवत्यग 30 है , क्योंकि 30 िो ये तीनों संख्याएाँ िमशः वविाजजत िर सिती हैं ।
समापवर्त्त ( Common Multiple ) - एि संख्या जो दो या दो से अचधि संख्याओं में । से प्रत्येि से परू ी - परू ी वविाजजत होती हो , तो वह संख्या उन संख्याओं िी समापवत्यग िहलाती है , जैसे - 3 , 5 , 6 िा समापवत्यग 30 , 60 , 90 आदद हैं ।
अपवितक एवं अपवर्त्त ( Factor and Multiple ) - यदद एि संख्या m दस ू री संख्या n िो पूरी - पूरी िाटती है , तो m िो n िा अपवतगि ( Factor ) तर्ा n िो m िा अपवत्यग ( Multiple ) िहते हैं ।
महत्तम समापवितक ज्ञाि करने की ववधध्ााँ 1 . र्ुणनखण्ड ववधध - इस ववचध में दी गई सिी संख्याओं िे रूढ गुिनखण्ड िरते हैं । तर्ा जो संख्याएाँ सिी में सवगतनष्ठ हों उनिा गुिा िरते हैं । जैसे - 28 , 42 और 98 िा म.स. 28= 2× 2× 7 42= 2× 3× 7 98= 2× 7× 7 28 , 42 और 98 िा म स. = 2 × 7 = 14 10 | P a g e
2 . िार् ववधध - इस ववचध में दी गई संख्याओं में से सबसे छोटी संख्या से उससे बड़ी संख्या में िाग दे ते हैं , तत्पश्िात ् बिे शेर् से िाजि में िाग ददया जाता है और यह किया तब ति िरते हैं , जब ति शन् ू य शेर् बिे , तब अजन्तम िाजि ही दी हुई संख्याओं िा म.स. होगा यदद संख्या तीन हैं , तो प्राप्त म.स. तर्ा तीसरी संख्या िे सार् यही किया िरते हैं । आगे इसी तरह िरते जाते हैं | जैसे - 36 , 54 , 81 िा म.स. सवगप्रर्म 36 तर्ा 54 िा म.स. इस ववचध से तनिालते हैं । 36)54(1 36 18)36(2 36 × अतः 36 तर्ा 54 िा म.स. = 18 अब , 18 तर्ा 81 िा म.स. तनिालते हैं । 18)81(4 72 9 )18(2 18 × अतः 36 , 54 तर्ा 81 िा म.स. 9 है । लघत्त ु म समापवर्त्त ज्ञाि करने की ववधध्ााँ 1 . र्ुणनखण्ड ववधध - दी हुई संख्याओं िे अिाज्य गुिनखण्ड ज्ञात िर लेते हैं तर्ा गुिनखण्डों िो घात से प्रदभशगत िरते हैं , तत्पश्िात ् अचधितम घात वाली संख्याओं िा गुिा िरते हैं |
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जैसे - 16 , 24 , 40 , 42 िा ल.स. 16 = 2 × 2 × 2 × 2 = 24
24 = 3 × 2 × 2 × 2 = 3 × 23 40 = 5 × 2 × 2 × 2 = 5 × 23 42 = 7 × 3 × 2 = 7 × 3 × 2 ल.स. = 24 × 3 × 5 × 7 = 16 × 105 = 1680 2 . िार् ववधध - इस ववचध िो तनम्न उदाहरि द्वारा समझा जा सिता है । उदाहरिार्ग - 36 , 48 और 80 िा ल . स . 2 36 , 48 ,80 2 18 , 24 ,40 2 9 , 12 ,20 2 9 , 6 , 10 39 , 3 , 5 33 , 1 , 5 51 , 1 , 5 1 , 1 , 1 अतः 36 , 48 और 80 िा ल . स . = 2 × 2 × 2 × 2 × 3 × 3 × 5 = 720 इसमें संख्याओं िो उियतनष्ठ अिाज्य िाजिों द्वारा वविाजजत किया जा सिता है तर्ा इस किया िी पन ु राववृ त्त तब ति िरते हैं जब ति शेर्फल एि प्राप्त हो । इन अिाज्य िाजिों िा गि ु नफल ही अिीष्ट ल.स. होगा ।
दशमलव संख््ाओं का ल . स . िथा म . स . तनकालना दी गई सिी दशमलव संख्याओं िो पररमेय संख्या P/Qिे रूप में भलखते हैं तर्ा भिन्नों िे आधार पर उनिा ल.स. या म.स. ज्ञात िरते हैं | भिन्नों का म.स.प. एवं ल.स.प. 12 | P a g e
भिन्नों िा म.स.प. = अंशों िा म.स.प./हरों िा ल.स.प भिन्नों िा ल.स.प. = अंशों िा ल.स.प./हरों िा म.स.प
यदद किन्हीं संख्याओं में िोई उियतनष्ठ गुिनखण्ड न हो , तो उनिा म.स. 1 तर्ा ल.स. उनिा गुिनफल होता है ।
पहली संख्या × दस ू री संख्या = ल.स. × म.स.
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औसि ( Average ) औसि ( Average ) - दो या दो से अचधि सजातीय पदों िा ‘औसत’ वह संख्या है , जो ददए गए पदों िे योगफल िो उन पदों िी संख्या से िाग दे ने पर प्राप्त होती है । इसे ‘मध््मान’ िी िहा जाता है । औसत = सिी राभशयों िा योग/राभशयों िी संख्या सिी राभशयों िा योग = औसत × राभशयों िी संख्या
जैसे - x1 , x2 , x3 , . . . . . . xn पदों िा औसत =
𝒙𝟏 +𝒙𝟐 +𝒙𝟑 +⋯𝒙𝒏 𝑵
औसि से सम्बंधधि महर्तवपूणत सूत्र प्रर्म n संख्याओं िा औसत = ( n + 1 )/2
प्रर्म n सम संख्याओं िा औसत = ( n + 1 ) प्रर्म n ववर्म संख्याओं िा औसत = n 1 से n ति िी सम संख्याओं िा औसत = ( n + 2 )/2 ❆ 1 से n ति िी ववर्म संख्याओं िा औसत = ( n + 1)/2 ❆ प्रर्म n संख्याओं िे वगों िा औसत = ( n + 1 ) ( 2n + 1 )/6 ❆ दो िमागत पदों या संख्याओं िा अन्तर समान हो , तो औसत = पहली संख्या + अजन्तम संख्या/2 14 | P a g e
❆ यदद n1 पररमािों िा औसत x1 तर्ा n2 पररमािों िा औसत x2 हो , तो िुल पररमािों ( n1 + n2 ) िा औसत n1x1 + n2x2/n1+n2 होगा
❆ दो समान दरू रयां दो असमान िाल से तय िी गई हों , तो औसत िाल = 2 × पहली िाल × दस ू री िाल/ पहली िाल+ दस ू री िाल
❆ तीन समान दरू रयां तीन असमान िाल से तय िी गई हों , तो औसत िाल = 2 × पहली िाल × दस ू री िाल × तीसरी िाल/ × तीसरी िाल पहली िाल × दस ू री िाल + दस ू री िाल × तीसरी िाल + पहली िाल
❆ यदद किसी यात्रा में भिन्न - भिन्न दरू रयााँ भिन्न - भिन्न समय में तय िी गई हों , तो औसत िाल = तय िी गईिुल दरू ी/ िुल समय ❆ यदद m संख्याओं िा औसत x है तर्ा n संख्याओं िा औसत y है , तो शेर् संख्याओं िा औसत ( i ) शेर् संख्याओं िा औसत = mx – ny/ m-n
( जहााँ m > n ) ( ii ) शेर् संख्याओं िा औसत = ny – mx/ n-m
( जहााँ n > m ) कुछ अन्् सूत्र N ववद्याचर्गयों िे समूह िी औसत आयु T वर्ग है , जब n ववद्यार्ी और आ जाएाँ , तो समूह िी औसत आयु T वर्ग बढ जाती है , तब
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