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Story Transcript

अनकहे जज़्बात

पल्लवी टे के

Old No. 38, New No. 6 McNichols Road, Chetpet Chennai - 600 031 First Published by Notion Press 2020 Copyright © Pallavi Teke 2020 All Rights Reserved. ISBN 978-1-64892-556-6 This book has been published with all efforts taken to make the material error-free after the consent of the author. However, the author and the publisher do not assume and hereby disclaim any liability to any party for any loss, damage, or disruption caused by errors or omissions, whether such errors or omissions result from negligence, accident, or any other cause. While every effort has been made to avoid any mistake or omission, this publication is being sold on the condition and understanding that neither the author nor the publishers or printers would be liable in any manner to any person by reason of any mistake or omission in this publication or for any action taken or omitted to be taken or advice rendered or accepted on the basis of this work. For any defect in printing or binding the publishers will be liable only to replace the defective copy by another copy of this work then available.

कर्म-सच ू ी पर्स्तावना

vii

1. अनकहे जज़्बात

1

2. अब हार चक ु ी हु

2

3. मेरे बाद

3

4. साथ रहने की बात

4

5. हक़ है मेरा

5

6. नहीं आता मझ ु े

7

7. एक खबर है नयी

8

8. सोहबत

9

9. जब मैं नहीं रहंू गी तम् ु हारे साथ

10

10. टुटा िदल

12

11. बस अब दरू जाना पड़ेगा

13

12. तेरी यादें

14

13. गीली िमट्टी

15

14. मेरे गन ु ाह

16

15. तजिकरा

17

16. इश्क़

18

17. दोस्त

19

18. लम्हा

20

19. बेहद वाला प्यार

21

20. कस्मे-वादे

22

21. यादों की लहरें

23

• iii •

कर्म-सच ू ी 22. मस ु ािफर

24

23. मैं एक ख्वाब सा

25

24. दौर-ए-नफ़्स

26

25. एक सैलाब

27

26. पता नहीं क्यों

28

27. मेरी िज़न्दगी

29

28. इतना तो

30

29. पता नहीं क्या है

31

30. िकसी के बस की बात नहीं

32

31. बेहद

33

32. तेरे जाने से

34

33. ऐसा नहीं

35

34. कुछ लोग

36

35. तम् ु हारी दोस्ती

37

36. जब िमलो िकसीसे

38

37. कभी ज्यादा समझदार नहीं होना चािहए

39

38. अजनबी हो गए है

40

39. एक वक़्त

41

40. बहाने

42

41. हमे इतना मजबरू ना कर

43

42. पर ये मम ु िकन तो नहीं

44

43. अब नहीं कहें गे

45

• iv •

कर्म-सच ू ी 44. चाहा है तझ ु े

46

45. इंतजार

47

46. मोहोबत िमले तो िसफर् मझ ु े िमले

48

47. भल ू जाऊ मैं

49

48. तो क्या उसे भी

50

49. उनके प्यार मैं

51

50. बंिदशे

52

51. कुछ किम थी शायद

53

52. मंिजलों की उड़ान

54

53. िदल की हसरत

55

54. जब प्यार होता है

56

55. अगर तम् ु हे जाना है तो जाओ ना

57

56. हर कोई हम जैसा नहीं होता

58

57. िनकले थे

59

58. काश कोई िकताब होते हम

60

59. काश

62

60. कुछ ऐसे भी लोग

63

61. जब भी प्यार का िजकर् होता है

64

62. यार है तू

65

63. िकसी को समझने के िलए

67

64. मेरी नापाक िज़न्दगी

68

65. सोचा ना था

69

• v •

कर्म-सच ू ी 66. मझ ु े मजरू नहीं

70

67. बस तझ ु े चाहती हु

71

68. लोग है रत में हैं

72

69. बात बन जाए

73

70. तेरी याद अित है

74

71. इश्क़ बेवजह हो तो अच्छा है

75

72. कोई तकलीफ़

76

73. बािरश

77

74. तेरे ख्यालो को हवाओं की तरह

78

75. क्यों ना हम दोस्त बनके दे खते है

79

76. तेरे जाने का ग़म

81

77. तेरी पेहली मोहोब्बत

82

• vi •

पर्स्तावना इश्क़ वैसे तो ये शब्द खद ु में एक कहानी है मगर आज कल इसका वज़न थोड़ा कम होता जा रहा है और हो भी क्यू ना

हम इतने िबजी हो गए है की िरश्तों पर ध्यान ही नहीं दे त।े जब भी घर में रहते है तो फोन में ही लगे रहते है ।।ना जाने कब ठीक से घर वालों से बात की थी।।जब भी मैं इश्क़ के बारे में सोचती हु तो सबसे पहले मेरे सामने मेरे मम्मी पापा की तस्वीर आती है । मझ ु े लगता है की इश्क़ समझने के िलए सबसे पहले

हमें उसके िरश्ते से ही शरू ु करना चािहए।।हम उनके ही मोहब्बत का नतीजा है

खैर माँ बाप पर ज्यादा नहीं कहना चाहती बस जब भी हमको सच्ची मोहब्बत की तलाश हो तो हमें अपने माँ बाप के प्यार की सामने रख कर फैसला करना चािहए।। इश्क़ इस दिु नया की सबसे खब ू सरू त चीज़ है ।।मेरी समझ में ये हर ददर् का इलाज है ।।

इश्क़ की वजह से ही दिु नया की शरु ु वात हुई

सारे धरम इश्क़ पर ही कायम है लेिकन हमारी बदनसीबी है की हम इसको समझ नहीं पाते और नफरत की तरफ बढ़ते जा रहे है ।।हमारे दे श मै जहाँ बचपन से िसफर् प्यार के ही िकस्से सन ु ाये जाते है वहां पर भी प्यार करने

वालो को डर डर के रहना

पड़ता है ।।एक लड़का लड़की बात नहीं कर सकते, हमारा समाज उनको घरू ने लगता है ।।एक लड़की अपने मज़ीर् से शादी नहीं कर सकती और घर में राधा और कृष्ण की कहािनया सन ु ाई जाती

है । हमने अभी तक िसफर् केिलन्डर की तारीखे बदली है बस खद ु • vii •

पर्स्तावना

की कभी नहीं बदला। ना जाने िकतने िकस्से ऐसे है िजसमे लड़िकयों के प्यार की सजा मौत दी है । एक लड़का प्यार करे तो भी कुछ लोग बदार्श्त करलेते है मगर लड़की का प्यार गले उतार पाना बहुत मिु श्कल होता है , िफर उसके करै क्टर पर उँ गिलयाँ उठने लगती है ।।

इस माहौल में हम िकतना भी राधा का नाम कृष्णा से पहले ले मगर राधा का हक़ कभी नहीं अदा कर सकते। ये िकताब इन सभी राधाओ

और मीराओं के िलए है जो अपने इश्क़ का

इज़हार नहीं कर पाती और अपनी िज़न्दगी अपने माँ बाप की मज़ीर् की आग में झोंक दे ती है । ये िकताब उन सब लड़िकयों के िलए है िजन्होंने अपने ज़ज़्बात समाज के िलए दबा कर रख िदए है । सईद इफ़्तेख़ार अली जो मेरे दोस्त है उन्होंने मझ ु े ये

िकताब िलखने के िलए पर्ेिरत िकया और बहुत ज्यादा सहायता की।

• viii •

1. अनकहे जज़्बात ना कहे सन ु लेना

ना मांगे समझ जाना

सब कह जाते है उनके अनकहे जज़्बात वो कान में फुसफुसाना और ना चाहते हुए भी दे दे ना

कभी यंू पास आ के अचानक चले जाना सब कह जाते है उनके अनकहे जज़्बात आँखों से बातें करना

और सच पकड़ा जाने पर आंख चरु ाना

अचानक से उन्ही आंख से पानी आना

सब कह जाते है उनके अनकहे जज़्बात चप ु के से सपनो में आ जाना और िबना बताये चले जाना

दस ू रे िदन असल मैं सॉरी कहना

सब कह जाते है उनके अनकहे जज़्बात वो हर बार िमलने की ख्वाइश रखना िफर ना िमले ही िबछड़ जाना इन बातों से आंख भर जाना

सब कह जाते है उनके अनकहे जज़्बात

कभी कभी िकसी लहरों की तरह बह जाना िफर वापस उसी िकनारे पर आना एक दस ू रे मैं गुम हो जाना

सब कह जाते है उनके अनकहे जज़्बात • 1 •

2. अब हार चक ु ी हु सब समझती हंु , जानती हंु पर अब हार चक ु ी हंु खद ु से बेहद स्टर्ॉगं हंु , और समझदार भी

पर अब हार चक ु ी हंु खद ु से बेहद सहा है और सहने की ताकत भी है पर अब हार चक ु ी हु खद ु से नहीं िदखाती मै, मेरे ददर् और तकलीफें

पर अब हार चक ु ी हु खद ु से बेहद कर ली सबके िलए दआ और िमन्नतें ु

पर अब हार चक ु ी हु खद ु से कह कह के थक गयी हंु के समझ सकती हंु तम् ु हे पर अब हार चक ु ी हंु खद ु से िकसी का इंतजार करना, उसको अपना मानना, वो वापस आयेगा इसिलए राह दे खना, नहीं होता अब

क्यों की मै अब सच मै

हार चक ु ी हु खद ु से.......

• 2 •

3. मेरे बाद मेरे बाद अगर िकसीको मझ ु जैसा पाओ तो

मेरे बाद िकसी के साथ मझ ु जैसा मत करना

क्यों की मझ ु जैसी तो िमल जाएगी पर वो मैं नहीं आपके िबना कहे आपको समझना िबना बोले आपको सन् ु ना

आपके न चाहते हुए भी आपके पीछे पीछे आना िकतना भी गस् ु सा हो िफर भी आपको प्यार से मानना अगर ऐसा करने वाली िमले तो समझ जाना की वो मैं नहीं

आपके गुस्से को प्यार समझना

आपके इंकार को इज़हार मानना

आपकी बात ना मानने का िदखावा करना पर सारी बातें चप ु चाप मान लेना

अगर ऐसा करने वाली कोई िमले तो समझ जाना की वो मैं नहीं

आपसे रूठने का नाटक करना पर तरु ं त ही मान जाना

िकतना भी गुस्सा आये िफर भी आपके फालतू जोक पे हसना

अगर ऐसा कोई िमले तो समझ जाना की वो मैं नहीं..

• 3 •

4. साथ रहने की बात साथ रहने की बात भी आप ही करते हो

साथ छोड़ने की बात भी आप ही करते हो कहते हो हमेशा साथ रहें गे

और पल भर मैं ये भी बोलते हो हम साथ नहीं रहें गे कभी कहते हो तम् ु हारे िबना रह नहीं सकता

तो कभी कहते हो हमारा साथ रहना ठीक नहीं कभी कहते हो आिखर तक साथ रहें गे

तो कभी कहते हो शायद हमारा साथ यही तक था

कभी कहते हो एक तम ु ही हो जो मझ ु े समझ सकती हो तो कभी कहते हो तम ु मझ ु े नहीं समझ सकती

कभी कहते हो के एक तम ु ही हो जो मेरे िदल के इतने करीब हो िफर पता नहीं इतने करीब हो के इतनी तकलीफ क्यों

कभी कहते हो की मैं इसिलए जल्दी रूठ जाता हँू क्यों की तम् ु हारा मनाना मझ ु े अच्छा लगता तो पता नहीं क्यों कभी कभी ऐसा रूठ जाते हो की मानाने का मौका ही नहीं दे ते

• 4 •

5. हक़ है मेरा पता है नहीं आओगे िफर भी, तम् ु हारा इंतज़ार करना हक़ है मेरा

पता है िफ़कर् करते हो, िफर भी ऐ बोलना की आपको िफ़कर् नहीं

हक़ है मेरा

पता है बोहोत प्यार करते हो, िफर भी प्यार नहीं है ऐ बोलना

हक़ है मेरा

पता है नहीं जाओगे छोड़के, िफर भी छोड़के गए तो उसे बात से डरना हक़ है मेरा

पता है नहीं रे ह सकते मेरे िबना, िफर भी ऐ कहना की आपको तो मझ ु से कोई मतलब ही नहीं है हक़ है मेरा

पता है आप िसफर् मेरे हो, िफर भी ऐ बोलना की पता नहीं और कोण कोण है हक़ है मेरा

पता है मैं आपके िलए सब कुछ हँू, िफट भी ऐ बोलना के मैं हँू ही कोण हक़ है मेरा

पता है िसफर् मेरी बात का असर होता है आप पे, िफर भी ऐ बोलना की कोई फरक नहीं पड़ता आपको हक़ है मेरा

• 5 •

अनकहे जज़्बात

पता है िसफर् मेरे ही सामने िदल खोलके बात करते हो, िफर भी ऐ बोलना की आप मझ ु े कुछ नहीं बताते हक़ है मेरा

पता है िसफर् मेरे सामने भाऊक होते हो, िफर भी पता नहीं िकतनी लड़िकयों से ऐसी बातें करते हो ऐ बोलना हक़ है मेरा

पता है मेरी हर बात सन ु ते हो, िफर भी ऐ कहना की बोहोत ढीट हो हक़ है मेरा

पता है हर वक़्त मझ ु े याद करते हो, िफर भी ऐ कहना की आपको तो याद भी नहीं आती मेरी हक़ है मेरा

पता है आपकी वो हर एक बात, जो शायद िसफर् मैं जानती

हँू, िफर भी ऐ कहना की मझ ु े तो आप कुछ बताते ही नहीं हो हक़ है मेरा

• 6 •

6. नहीं आता मझ ु े नहीं आता मझ ु े आपके जैसे बतार्व करना

नहीं आता मझ ु े अपना प्यार छुपाना नहीं आता मझ ु े खद ु की फीिलंग्स पे कण्टर्ोल करना नहीं समझ पाती मैं आपकी ख़ामोशी को

नही आता मझ ु े खद ु को आपसे बात करने से रोकना

नहीं आता मझ ु े वो हर चीज़ करना जो आप हमेशा करते हो नहीं रोक सकती मैं खद ु को आपके बारे मैं सोचने से नहीं होता मझ ु से आपसे दरू रहना, कमजोर पड़ जाती हँू मैं नहीं दे सकती कभी कोई बहाने आपसे दरू जाने का नहीं करती कभी कोई िशकायत अगर प्यार कम पड़े

नहीं होता मझ ु े बदार्श्त जब आप िकसी और के बारे मैं सोचो

• 7 •

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