रैवन
की लोककथाएँ
उत्तरी अमेरिका का नक्शा
रैवन
की लोककथाएँ सुषमा गुप्ता
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RAVEN KI LOKKATHAYEN Folktales by Smt. Sushma Gupta Published by PRABHAT PAPERBACKS 4/19 Asaf Ali Road, New Delhi-110002 ISBN 978-93-5322-936-8
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भूमिका
ककथाएँ किसी भी समाज की संस्कृति का एक अटूट हिस्सा होती हैं। ये संसार को उस समाज के बारे में बताती हैं, जिसकी वे लोककथाएँ हैं। आज से बहुत साल पहले, करीब 100 साल पहले, ये केवल जबानी ही कही जाती थीं और कह-सुनकर ही एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी को दी जाती थीं, इसलिए किसी भी लोककथा का मूल रूप क्या रहा होगा, यह कहना मुश्किल है। आज हम ऐसी ही कुछ अंग्रेजी और कुछ दूसरी भाषा बोलनेवाले देशों की लोककथाएँ अपने हिंदी भाषा बोलनेवाले समाज तक पहुँचाने की कोशिश कर रहे हैं। इनमें से बहुत सारी लोककथाएँ हमने अंग्रेजी की पुस्तकों से, कुछ विश्वविद्यालयों में दी गई थीसिज से और कुछ पत्रिकाओं से ली हैं और कुछ लोगों से सुनकर लिखी हैं। अभी तक 2,000 से अधिक लोककथाएँ संकलित की जा चुकी हैं। इस बात का खास ध्यान रखा गया है कि ये सब लोककथाएँ हर वह आदमी पढ़ सके, जो थोड़ी सी भी हिंदी पढ़ना जानता हो और उसे समझता हो। ये कथाएँ यहाँ तो सरल भाषा में लिखी गई हैं, पर इनको हिंदी में लिखने में एक बहुत बड़ी समस्या आई है, वह यह है कि करीब-करीब 95 प्रतिशत विदेशी नामों को हिंदी में लिखना बहुत मुश्किल है, चाहे वे आदमियों के हों या फिर जगहों के। दूसरे उनका उच्चारण भी बहुत ही अलग तरीके का होता है। कोई कुछ बोलता है तो कोई कुछ। इसको साफ करने के लिए इस सीरीज की सब पुस्तकों
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में फुटनोट्स में उनको अंग्ज रे ी में लिख दिया गया है, ताकि कोई भी उनको अंग्ज रे ी के शब्दों की सहायता से कहीं भी खोज सके। इसके अलावा और भी बहुत सारे शब्द, जो हमारे भारत के लिए नए हैं, उनको भी फुटनोट्स और चित्रों द्वारा समझाया गया है। ये सब कथाएँ ‘देश-विदेश की लोककथाएँ’ नाम की सीरीज के अंतर्गत छापी जा रही हैं। आशा है कि ये लोककथाएँ आपका मनोरंजन तो करेंगी ही, साथ ही दूसरे देशों की संस्कृति के बारे में भी जानकारी देंगी। हिंदी साहित्य जगत् में इनके भव्य स्वागत की आशा के साथ...
—सुषमा गुप्ता
रै
रैवन की लोककथाएँ
वन काले रंग का कौए की तरह का एक पक्षी होता है, जो दुनिया में बहुत जगह पाया जाता है, पर यह अमेरिका और कैनेडा के उत्तर-पश्चिमी हिस्से में रहनेवाले मूल निवासियों की लोककथाओं का हीरो है। अमेरिका और कैनेडा की खोज से पहले अमेरिका और कैनेडा दो देश नहीं थे, इसलिए रैवन की कथाओं को अमेरिका के मूल निवासियों की लोककथा कहना ही ज्यादा उचित होगा, पर फिर भी ये लोककथाएँ कैनेडा के लोगों में ज्यादा प्रचलित हैं। अमेरिका के मूल निवासियों में बहुत सारी जनजातियाँ थीं और इन सबमें अलग-अलग लोककथाएँ थीं। रैवन की लोककथाएँ कई जनजातियों में अपनेअपने तरीके से कही-सुनी जाती थीं और लोकप्रिय थीं। आजकल रैवन कैनेडा देश के यूकोन प्रांत और भूटान देश का राष्ट्रीय पक्षी है और भूटान देश की तो यह शाही टोपी में भी लगा हुआ है। यह अपने काले रंग, सड़े हुए मांस खाने की आदत और कठोर आवाज की वजह से बहुत अपशकुनी माना जाता है पर फिर भी लोग इसको मारते नहीं हैं। अमेरिका के मूल निवासी इंडियंस के कायोटी1 की तरह से यह भी उनकी लोककथाओं का एक मुख्य हीरो है। इसकी दुनिया बनानेवाली कहानियाँ बहुत मशहूर हैं। इसको लोग जन्म और मौत के बीच का बिचौलिया मानते हैं। क्योंकि
1. Coyote—pronounced as Kaa-yo-tee. A little desert wolf - a very important hero of many Native Americans’ folktales. Read some folktales of Coyote in ‘Chaalaak Coyote-1’ by Sushma Gupta in Hindi language.
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यह सड़ा हुआ मांस खाता है, इसलिए इसका रिश्ता मरे हुए लोगों और भूतों से है और क्योंकि इसने दुनिया बनाने में बहुत मदद की है, इसलिए इसका रिश्ता जिंदगी से भी है। रैवन का जिक्र केवल कैनेडा की लोककथाओं में ही नहीं है बल्कि ग्रीस और रोम की दंतकथाओं में भी पाया जाता है। रोम की दंतकथाओं में अपोलो जो भविष्यवाणी करता है, वह उनसे जुड़ा हुआ है। स्वीडन में इसको कत्ल हुए लोगों का भूत मानते हैं। इगलैंड में कुछ ऐसा विश्वास है कि यदि रैवन ‘टावर ऑफ लंदन’2 से हटा दिए जाएँ तो इग्लैंड का राज्य ही खत्म हो जाएगा। बाइबिल में भी इसका जिक्र कई जगहों पर आया है। टालमुड3 में रैवन नोआ4 की नाव के उन तीन जानवरों में से एक है, जिन्होंने बाढ़ के समय में लैंगिक संबंध स्थापित किए थे और इसीलिए नोआ ने उसको सजा दी थी। कुरान में रैवन ने ऐडम के दो बेटे केन और एबिल5 में से केन को उसके कत्ल किए हुए भाई को दफनाना सिखाया। हिंदुओं की तुलसीदासजी की लिखी हुई ‘रामचरितमानस’ में यह कागभुशुंडिजी के रूप में आता है और 27 प्रलय देख चुका है। उसमें यह गरुड़ जी को राम-कथा सुनाता है। प्रशांत महासागर के उत्तर-पूर्व के लोगों में रैवन की जो लोककथाएँ कही-सुनी जाती हैं, उनसे पता चलता है कि वे लोग अपने वातावरण के कितने अधीन थे और उसकी कितनी इज्जत करते थे। रैवन अनंसी मकड़ों, कायोटी भेड़िए और मिंक की तरह से कोई भी रूप ले सकता है—जानवर का या आदमी का। वह कहीं भी आ-जा सकता है और उसके बारे में यह पहले से कोई भी नहीं बता सकता कि वह क्या करनेवाला है। वैसे तो वह बहुत ही चालाक है, लेकिन एक बार उसने एक बड़ी सीप में बंद नंगे लोगों के ऊपर दया दिखाई थी। फिर वह अपनी चालबाजी से 2. Tower of London—it is the place in London, England. 3. Talmud is the main scripture of Jews. 4. Noah was one of the earliest men who was guided by God to build a huge boat (Ark)) to collect all kinds of animals’ pairs in it till the Great Flood which was supposed to come in a week time, till it subsides 5. Adam’s two sons—Caine and Abel
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उनके लिए शिकार, मछली, आग, कपड़े और ऐसी-ऐसी रस्में लेकर आया, जो उनको भूतों और आत्माओं के असर से बचा सकती थीं। उसने प्रकृति से लड़कर उन लोगों को काम के लायक बनाया। रैवन की भूख बहुत ज्यादा थी और वह अपनी भूख कोई भी चाल खेलकर ही मिटाया करता था, पर अकसर वह चाल उसी पर उलटी पड़ जाती थी। रैवन की बहुत सारी लोककथाएँ हैं। ‘रैवन की लोककथाएँ–1’6 में हमने रैवन के जन्म की, उसकी शक्ल की और उसके पहली-पहली चीजें लाने की 20 लोककथाओं का संकलन किया था। उसके बाद अब ‘रैवन की लोककथाएँ–2’ तुम्हारे हाथों में है जिसमें उसका दूसरे जानवरों के साथ व्यवहार दिखाया गया है। कुछ उसकी शादी की कथाएँ हैं और अंत में एक कथा उसके मरने की। यह कथा यह बताती है कि लोग रैवन को क्यों नहीं मारते। रैवन की ये लोककथाएँ रैवन के चरित्र के बारे कुछ जानकारी तो देंगी ही, साथ में बच्चों और बड़ों दोनों का मनोरंजन भी करेंगी। What Time is it in Canada? : Tima Zones in Canada
6. ‘Raven Ki Lok Kathayen-1’ by Sushma Gupta. India, Indra Publishing House. 2016, 114 p.
अनुक्रम भूमिका
रैवन की लोककथाएँ
5
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1. रैवन ने व्हेल कैसे मारी
13
3. रैवन और बड़ी बाढ़
22
2. रैवन की समुद्री यात्रा 4. सूरज की चोरी
5. रैवन और बेचारी चिड़ियाँ 6. लोमड़ा और रैवन 7. रैवन और उल्लू 8. रैवन और मिंक
9. नर गिलहरी और रैवन
10. रैवन और एक आदमी
11. रैवन और कौए का पौटलैच 12. रैवन और बतखें
13. रैवन और उसकी बतख पत्नी 14. रैवन ने शादी की
16 25 32 34 37 39 43 46 49 54 60 62
15. रैवन और उसकी दादी
65
17. जब रैवन की आँखें खो गईं
79
16. शिकारी रैवन
18. जिराल्डा का रैवन
19. एक बूढ़े पति-पत्नी और जूता बनानेवाले
73 84 94
20. जब रैवन मारा गया
100
22. रैवन ने तेल बेकार किया
109
21. रैवन पकड़ना आसान नहीं 23. बोलता रैवन जो हीरो बन गया
103 116
1
ह
रैवन ने व्हेल कैसे मारी7
र बार की तरह एक बार रैवन बहुत भूखा था। उसने सुन रखा था कि पास वाले टापू के पास एक व्हेल था, सो वह उसको देखने के लिए खुद ही वहाँ चला गया। जो लोग वहाँ के पास के गाँव में रहते थे, वे उस व्हेल से बहुत डरते थे इसलिए वे वहाँ मछली पकड़ने भी नहीं जाते थे। रैवन वहाँ गया और उस व्हेल को तीन दिन तक देखता रहा और सोचता रहा कि उस व्हेल को वह कैसे धोखा दे सकता था। उसको मालूम था कि एक बार व्हेल अगर मर गया तो उसको कितना सारा मांस खाने को मिलेगा और वह मांस उसके लिए तो बहुत दिन तक चलेगा। सोचते-सोचते उसके दिमाग में एक विचार आया और वह समुद्र के किनारे आराम करती हुई व्हेल के पास पहुँचा और उससे बोला—“ओ व्हेल, थोड़ा मेरे और पास आओ न, मैं तुमसे बात करना चाहता हूँ।” 7. How Raven Killed the Whale? —a folktale of Athabaskan American Indians, USA. Adapted from the Web Site : http://www.ankn.uaf.edu/ NPE/CulturalAtlases/Yupiaq/Marshall/raven/HowRavenKilledWhale. html
14
रैवन की लोककथाएँ
व्हेल ने धीरे से अपनी आँखें खोलीं और किनारे की तरफ बढ़ा। वह उस काली चिड़िया के पास आकर बोला, “तुम मुझसे क्या कहना चाहते हो?” उस चालाक रैवन ने कहा, “मैं तुमसे यह कहना चाहता हूँ कि हम दोनों कजिन8 हैं।” व्हेल यह सुनकर आश्चर्य में पड़ गया और बोला, “यह तो मेरे लिए एक खबर है। यह तो हो ही नहीं सकता। तुम चिड़िया हो और मैं पानी में रहनेवाली मछली व्हेल हूँ। हम लोग एक-दूसरे के कजिन कैसे हो सकते है?” रैवन बोला, “यह सच है व्हेल और मैं इसे साबित कर सकता हूँ।” यह सुनकर तो व्हेल यह जानने के लिए बहुत ही उत्सुक हो गया कि वे दोनों कजिन कैसे हैं सो उसने कहा, “तो बताओ न कि हम लोग कजिन कैसे हैं?” रैवन बोला, “अगर तुम अपना मुँह खोलो तो मैं तुमको बता सकता हूँ कि हमारे और तुम्हारे गलों की शक्ल एक सी है, इसलिए हम कजिन हैं।” हालाँकि वह इतना बड़ा व्हेल रैवन की इस बात से कोई बहुत ज्यादा संतुष्ट तो नहीं था फिर भी उसने अपना मुँह खोल दिया। जब व्हेल का मुँह काफी बड़ा खुल गया तो रैवन उड़कर उसके गले के अंदर चला गया और वह उसमें बहुत नीचे तक चला गया। रैवन की कमर पर एक थैला लटका हुआ था। उस थैले में एक चाकू था और कुछ लकड़ियाँ थीं। जैसे ही वह व्हेल के अंदर पहुँचा, उसने अपने चाकू से व्हेल का थोड़ा सा मांस काटा और उन लकड़ियों से आग जलाकर उसे उस आग पर भूनना शुरू कर दिया। जब व्हेल को पता चला कि रैवन ने उसके साथ चालाकी खेली है तो उसने रैवन से प्रार्थना की कि वह वहाँ कुछ भी करे पर उसका दिल न खाए। रैवन उस समय उसकी बात मान गया और उसके पेट में बहुत दिनों तक रहा। अब जब भी उसको भूख लगती तभी वह व्हेल का थोड़ा सा मांस काट 8. Cousins are the brothers and sisters who are the children of mother’s or father’s brothers and sisters. Here cousins mean that “we come from the same family”.
रैवन ने व्हेल कैसे मार
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लेता और खा लेता। और क्योंकि वह तो हर समय ही भूखा रहता था सो वह हर समय ही उसका मांस काटता रहता और खाता रहता था। जब व्हेल का काफी सारा मांस कट गया और खा लिया गया तो रैवन ने उसके शरीर के दूसरे हिस्से काटने शुरू कर दिया, जैसे जिगर आदि पर उसका दिल अभी छोड़ दिया। एक दिन व्हेल ने रैवन को बताया कि समुद्र का पानी और उथला होता जा रहा था और वह खुद किनारे के पास आता जा रहा था। बस रैवन ने अपना चाकू निकाला, व्हेल का दिल काटा और खा लिया। दिल के कटने से व्हेल तुरंत ही मर गया। व्हेल का मरा हुआ शरीर धीरे-धीरे किनारे पर आकर लग गया, पर रैवन उसमें से बाहर नहीं निकल सका, क्योंकि जैसे ही व्हेल मरा उसका मुँह बंद हो गया। वह एक-दो दिन और वहीं रहा और उसकी पसलियाँ खाता रहा। तीसरे दिन उसको कुछ आदमियों की आवाजें सुनाई दीं। यह एक शिकारियों का समूह था, जिसको व्हेल का ढाँचा समुद्र के किनारे पड़ा मिल गया था। उन्होंने उस व्हेल को काट लिया और रैवन वहाँ से उड़कर भाग निकला। इस तरह से रैवन ने व्हेल को भी मारा और वह व्हेल के पेट से भी बचकर बाहर निकल आया।