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राजभाषा प्रतिज्ञा भारिीय संतिधान के अनच्ु छे द 343 और 351 िथा राजभाषा संकल्प 1968 के आलोक में हम, कें द्र सरकार के कातमिक यह प्रतिज्ञा करिे हैं तक अपने उदाहरणमय नेित्ृ ि और तनरंिर तनगरानी से; अपनी प्रतिबद्धिा और प्रयासों से; प्रतिक्षण और प्राइज़ से अपने सातथयों में राजभाषा प्रेम की ज्योति जलाये रखेंगे, उन्हें प्रेररि और प्रोत्सातहि करें गे; अपने अधीनस्थ के तहिों का ध्यान रखिे हुए; अपने प्रबंधन को और अतधक कुिल और प्रभाििाली बनािे हुए राजभाषा-तहन्दी का प्रयोग, प्रचार और प्रसार बढ़ाएगं े । हम राजभाषा के सिं द्धिन के प्रति सदैि ऊजाििान और तनरंिर प्रयासरि रहेंगे । जय राजभाषा ! जय तहन्द ! ---
संकल्प
हम भारि के संतिधान में संघ की राजभाषा के संदभि में तकये गये प्रािधानों के प्रति तनष्ठािान रहेंगे, सरकारी कामकाज में तहन्दी का प्रयोग स्ियं करें गे िथा कायािलय में उसके प्रयोग को बढ़ािा देंगे। अनिु ाद का सहारा नहीं लेंगे। राजभाषा के नीति के कायािन्ियन के तलये िैयार तकये गये िातषिक कायिक्रम में तदये गये लक्ष्यों की प्राति के तलये परू ी तनष्ठा के साथ प्रयत्निील होंगे।
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अंजोर सरं क्षक प्रधान संपादक संपादक
श्री के . सी. देिसेनापति, भा.प्र.से. डॉ तदतबबजोय तगरी श्री अजय कुमार
क्रम संख्या 1. 2. 3. 4. 5.
तिषय-सचू ी माननीय गृह मत्रं ी, भारि सरकार तनदेिक एिं तनयंत्रण अतधकारी का संदि े प्रधान संपादक के तिचार-तबन्दु संपादक के कलम से ..................
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तनदेिक एिं तनयंत्रण अतधकारी संयक्त ु तनदेिक एिं कायािलय प्रमख ु सहायक तनदेिक एिं राजभाषा अतधकारी पृष्ठ सख्ं या
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संदेश
तकसी भी राष्ट्र की प्रगति में उसकी सम्पकि भाषा का महत्िपणू ि योगदान होिा है | भारि जैसे देि में , जहां अभी भी जनसख्ं या का एक बड़ा तहस्सा गााँि में गजु र- बसर करिा है िहां सम्पकि की अपनी सरल भाषा का महत्त्ि और भी बढ़ जािा है | तहन्दी आज देि के सभी तहस्सों में बोली और समझी जािी है | अब िक के भारिीय इतिहास पर दृति डाली जाए िो तहन्दी के संदभि में यह बाि और भी अतधक स्पि होिी है | राजभाषा अथािि राज-काज की भाषा, अथािि सरकार द्वारा आम- जन के तलए तकए जाने िाले कायों की भाषा | राजभाषा के प्रति लगाि और अनरु ाग राष्ट्र प्रेम का ही एक रूप हैं | महान लेखक महािीर प्रसाद तद्विेदी की पंतक्तयां “आप जिस प्रकार बोलते हैं, बातचीत करते हैं, उसी तरह जलखा भी कीजिए | भाषा बनावटी नहीं होनी चाजहए |” देि के कोने-कोने का प्रतितनतधत्ि करने िाली सतं िधान सभा में सतं िधान तनमाििाओ ं ने समग्र तस्थति का आकलन कर दरू दतिििा के साथ अिलोकन, तचंिन कर एक तनणिय पर पहुचें और परू ी सतं िधान सभा ने सिािनमु ि से 14 तसिबं र 1949 के तदन तहदं ी को राजभाषा के रूप में स्िीकार करने का तनणिय तलया | राजभाषा के सफल कायािन्ियन के तलए राजभाषा तिभाग , गहृ मंत्रालय ने “12 प्र की रणनीतिरुपरे खा (frame work) की सरं चना की है, जो तनम्न प्रकार से है : 1 प्रेरणा (Inspiration and Motivation) 2 प्रोत्साहन (Encouragement) 3 प्रेम (Love and Affection) 4 प्राइज अथािि परु स्कार (Rewards) 8
5 प्रतिक्षण (Training) 6 प्रयोग (Usage) 7 प्रचार (Advocacy) 8 प्रसार (Transmission) 9 प्रबंधन (Administration and Management) 10 प्रमोिन (पदोन्नति) (promotion) 11 प्रतिबद्धिा (Commitment) 12 प्रयास (Efforts) सिं ैधातनक दातयत्िों को पणू ि करिे हुए राजभाषा तहदं ी को और अतधक सरल बनाने के तलए कायािलय दृढ़ सक ं ल्प और तनरंिर प्रयासरि है | सघं की राजभाषा नीति के अनसु ार हमारा संिैधातनक दातयत्ि है तक हम राजभाषा संबंतधि अनदु ि े ों का अनपु ालन ित्परिा और परू ी तनष्ठा के साथ करें | राजभाषा तहन्दी की िातषिक पतत्रका “अजं ोर” के प्रकािन पर जनगणना कायि तनदेिालय छत्तीसगढ़ ‘ पररिार ‘ के सभी सदस्यों को हातदिक िभु कामनाएं |
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प्रधान संपादक के तिचार-तबन्दु भाषा तसफि तिचारों का संिहन नही करिी है, अतपिु राष्ट्र की सभ्यिा, सस्ं कृति एिं सस्ं कारों के तनमािण का महत्िपणू ि साधक भी होिा हैं | एक प्रजािांतत्रक देि के तलए सिाितधक महत्िपणू ि बाि यह है तक देि का प्रिासतनक, व्यािसातयक, िैज्ञातनक इत्यातद कायि देि की जनिा की भाषा में हो |भारि एक प्रजािांतत्रक देि है और तनबािध रूप से तहदं ी ही राजभाषा की उत्ररातधकररणी हैं | तपछले कई िषो से भारि राजभाषा तहदं ी के प्रयोग एिं तिकास के तलए प्रतिबद्ध रहा है | तभन्न-तभन्न भाषा-भातषयों के मध्य परस्पर तिचार-तितनमय का माध्यम बनने िाली भाषा को संपकि भाषा कहा जािा हैं | अपने राष्ट्रीय स्िरूप में ही तहदं ी परू े भारि की सम्पकि भाषा बनी हुई हैं | कश्मीर से कन्याकुमारी िक, साक्षर से तनरक्षर िक प्रत्येक िगि का व्यतक्त तहदं ी भाषा को आसानी से बोल - समझ लेिा हैं | यही इस भाषा की पहचान भी है | आज हम अपने ज्यादािर कायि न तसफि तहदं ी में कर रहे है बतल्क अन्य अतधकाररयों एिं कमिचाररयों का उत्साहिधिन भी कर रहे हैं | भारि में बहुराष्ट्रीय कंपतनयां अपने तिज्ञापनों के तलए खल ु कर तहदं ी का प्रयोग कर रही हैं | अनेक तिदेिी चैनलों ने तिज्ञापन के तलए चनु ा है | टी. िी. चैनलों ने भी व्यािसातयक दृति से महत्िपणू ि बनाया | गगू ल, यू ट्यबू ,ब्लाबस,सोिल नेटितकिं ग पर तहदं ी का बोलबाला है। अनेक कंप्यटू र प्रोग्राम एिं कंप्यटू र साफ्टिेयर पणू िि: सक्षम हैं | जैस-े बांबला,गजु रिी,गरुु मख ु ी आतद | कंप्यटु र से भारिीय तलतपयों का परस्पर पररिििन बहुि आसान हो गया हैं | यह तिश्व में िीसरी सबसे ज्यादा बोली जाने िाली भाषा हैं जो हमारे पारस्पररक ज्ञान, प्राचीन सभ्यिा और आधतु नक प्रगति के बीच एक सेिु भी हैं |
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जनगणना तनदेिालय छत्तीसगढ़ राजभाषा के प्रगामी प्रयोग हेिु प्रतिबद्ध है, “अंजोर” का यह अक ु पाठकों के प्रतितक्रया की प्रिीक्षा रहेगी | ं तिद्वान्जनों एिं आपके हाथों में है | प्रबद्ध
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संपादक
राष्ट्रीय भाषा के तबना तकसी राष्ट्र के अतस्ित्ि की कल्पना नहीं की जा सकिी है। तितभन्न भाषाओ ं का सपं णू ि आदर करिे हुए तहन्दी राजभाषा के रूप में सभी को स्िीकायि हैं। तहन्दी ने सभी िब्दों को आत्मसाि् कर अपना िब्दकोि समद्ध ृ तकया हैं। जनगणना कायि तनदेिालय छत्तीसगढ़ के अतधकाररयों एिं कमिचाररयों के अतभव्यतक्त एिं लेखन कौिल का सारांतिि प्रतितबम्ब अंजोर पतत्रका का ििृ ीय अंक आपको समतपिि करिे हुए हातदिक प्रसन्न्िा व्यक्त कर रहा ह।ाँ अजं ोर का प्रकािन राजभाषा के तिकास में तकये जा रहे प्रयासों में मील का पत्थर सातबि होगा। तहन्दी भारिीय संस्कृति का संपकि सत्रू हैं। तहन्दी को प्रचतलि करना और सरकारी कामकाज में प्रयोग करना हमारे तलये प्रसन्निा का तिषय ही नहीं िरन् राजभाषा के प्रति राष्ट्रीय कििव्य का तनििहन भी है। यतद हमारी सस्ं कृति और परम्परा अलग-अलग हैं िो इसका यह अथि नहीं है तक हम अलग-अलग हैं। अनेकिा में एकिा भारि की िान रही हैं। पतत्रका में समािेतिि लेख, सस्ं मरण, कतििा, चटु कुले आतद का लेखन तनदेिालय के अतधकाररयों एिं कमिचाररयों का साथिक प्रयास िो हैं ही, उनकी सजृ नकला भी उभारने का एक सिक्त माध्यम हैं। अजं ोर पतत्रका के बारें में आपकी प्रतितक्रयाए,ं राय और तिचार हमारे आगामी अक ं के तलये अमल्ू य सातबि होंगे। कृपया अपने सझू ाि कलमबद्ध कर हमें अिश्य भेजें िातक आपकी आकांक्षाओ ं के अनरू ु प उन्हें समािेि कर पतत्रका को और आकषिक, सन्ु दर और उपयोगी बनाया जा सके ।
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तदनांक 14 तदसंबर 2021 रायपरु
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सहायक तनदेिक एिं राजभाषा अतधकारी
अजय कुमार, सहायक तनदेिक एिं राजभाषा अतधकारी िनगणना जनदेशालय के बारे में.................
भारि की जनगणना, सचू नाओ ं की समद्ध ृ तिरासि है और यह हमारे देि के लोगों के आक ं ड़ों का सबसे बड़ा एक मात्र स्रोि है। 1872 के बाद से सिि दिकीय जनगणना आयोजन करने के 125 िषों से अतधक िषों के इतिहास के साथ, यह तिश्वसनीय एिं समय परीतक्षि अभ्यास प्रत्येक दिक में आंकड़ों की प्रचरु संपदा लािा रहा है | यह जनसांतख्यकी, अथििास्त्र, नतृ िज्ञान, समाजिास्त्र, सातं ख्यकी और कई अन्य तिषयों में योजनाकारों, तिद्वानों और िोधकिािओ ं जैसे 14
तितभन्न आंकड़े उपयोगकिािओ ं के तलए एक उपयोगी एिं आकषिक डेटा स्रोि है। हमारे देि के तितभन्न तहस्सों में लोगों की समध्ृ द और पारंपररक तितिधिा जनगणना के माध्यम से ही पररलतक्षि होिी है, जो तनस्संदहे भारि को समझने और अध्ययन करने के तलए बतु नयादी उपकरणों में से एक है। निा रायपरु अटल नगर, छत्तीसगढ़ के सेक्टर 24 में अितस्थि “जनगणना भिन” जनगणना कायि तनदेिालय छत्तीसगढ़ भारि सरकार के गहृ मंत्रालय के अधीन भारि के महारतजस्रार एिं जनगणना आयक्त ु नई तदल्ली के नेित्ृ ि में आिा है। इसके िििमान महारतजस्रार एिं जनगणना आयक्त ु डॉ.तििेक जोिी, (भा.प्र. से.) हैं। राज्य की जनगणना के संचालन के तलए तनयक्त ु तनदेिक, भारि के महारतजस्रार एिं जनगणना आयक्त ु के मागिदििन और पयििेक्षण के िहि कायि करिे हैं। छत्तीसगढ़ राज्य में जनगणना 2021 का कायि तनदेिक श्री रजि कुमार, (भा.प्र. से.) मागिदििन और पयििेक्षण में प्रारंभ तकया गया। तनदेिक श्री रजि कुमार के भारि के महारतजस्रार एिं जनगणना आयक्त ु कायािलय, नई तदल्ली में पदस्थ होने के पश्चाि िििमान में छत्तीसगढ़ में जनगणना 2021 का कायि श्री के . सी. देिसेनापति, (भा.प्र. से.) मागिदििन और पयििेक्षण में तकया जा रहा है।
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2021 की जनगणना, 1872 के बाद से भारि की 16िीं दिकीय जनगणना है | यह स्ििंत्रिा के बाद लगािार आयोतजि की जाने िाली 8िीं जनगणना है। जनगणना का उद्देश्य योजनाकारों, जनसांतख्यकीय तिद्वानों और प्रिासकों की बढ़िी जरूरिों को परू ा करना है। सिेक्षणों के तिपरीि, जो तकसी तदए गए नमनू े के आकार पर तनभिर करिा हैं, जनगणना के िल तिश्वसनीय और प्रमातणक आंकड़े प्रदान करिी है, सम्पणू ि आबादी के तलए एक ही तबन्दु पर उपलब्ध हैं। भारि के महारतजस्रार का कायािलय देि में जन्म और मत्ृ यु पंजीकरण का कुिल कायािन्ियन (जन्म और मत्ृ यु पंजीकरण अतधतनयम, 1969) करिा है। भारि में जनगणना सतं िधान के अनच्ु छे द 246 और साििीं अनसु चू ी के अनक्र ु मांक 69 पर सचू ीबद्ध है। जनगणना अतधतनयम, 1948 भारि में जनगणना के सचं ालन के तलए काननू ी आधार उपलब्ध करािा है। जनगणना के आक ं ड़े राष्ट्रीय, राज्य, तजला, िहसील, ग्राम पचं ायि से लेकर ग्राम िथा नगर एिं िाडि स्िर िक आबादी एिं आिास, सामातजक, आतथिक, जन-सांतख्यकीय बदलाि और तिकास का प्रतितबम्ब हैं।
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िनगणना- के वल एक जगनती नहीं जनसख्ं या जनगणना को देि के सभी व्यतक्तयों अथिा उतचि रूप से पररभातषि तहस्से में एक तितिि समय पर जनसांतख्यकीय (डेमो-ग्रातफक), आतथिक और सामातजक डेटा एकत्र करने, तिश्लेषण करने की कुल प्रतक्रया के रूप में ितणिि तकया जा सकिा है । जनगणना तकसी तनतश्चि समय पर देि की आबादी एिं आिास का सम्पणू ि तििरण प्रदान करिी है। बहुनस्लीय बहुभाषी, बहु सांस्कृतिक और बहुस्िरीय समाज िाले भारि जैसे देि में जनगणना मात्र लोगों की तगनिी करना ही नहीं है। यह न के िल जनांतककी की िस्िीर प्रदान करिी है अतपिु तकसी तितिि समय पर देि की जनसांतख्यकीय (जनसख्ं या तििेषिाओ ं को सतम्मतलि करिे हुए), आतथिक गतितितध, साक्षरिा एिं तिक्षा, आिास एिं आिासीय सतु िधाओ,ं प्रिास, िहरीकरण, अनसु तू चि जाति िथा अनसु तू चि जनजाति, भाषा, धमि, तिकलांगिा (िारीररक रूप से अक्षम व्यतक्तयों) िथा तलगं प्रिासी से संबंतधि सामातजक और सांस्कृतिक तििरण भी देिी है। यह गांि िथा नगर (िाडि) स्िर के प्राथतमक आंकड़े उपलब्ध कराने का एकमात्र स्त्रोि है। यह सरकार द्वारा नीतियों के तनयोजन और तनरूपण के तलए बहुमल्ू य जानकारी प्रदान करिी है। राष्ट्रीय िथा अंिरराष्ट्रीय अतभकरणों, तिद्वानों, व्यापाररयों, उद्योगपतियों और बहुि से अन्य लोगों द्वारा भी इसके द्वारा उपलब्ध आक ं ड़े व्यापक रूप से उपयोग में लाए जािे हैं। इसके अतिररक्त जनगणना देि में अन्य सिेक्षणों के तलए ढांचा प्रदान करिी है। कोई सतु िचाररि तनणिय जो तक अनभु ातिक आंकड़ों के आधार पर तलया जािा है, िह जनगणना पर आधाररि होिे हैं। तनिािचन क्षेत्रों की पररसीमन जैसी लोकिांतत्रक प्रतक्रयाएं और आरक्षण जैसी सकारात्मक कारि िाई भी जनगणना के आधारभिू आक ं ड़ों पर आधाररि होिी है।
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संगठनात्मक सरं चना
िनगणना: जनगणना आयक्त ु , भारि जनगणना अतधतनयम, 1948 और उसके िहि बनाए गए तनयमों के िहि भारि में मकानों और जनसख्ं या की गणना आयोतजि करने की तजम्मेदारी के साथ तनतहि है। योजना, समन्िय, क्षेत्रातधकार पररिििनों का समािेिन, प्रतिक्षण, क्षेत्र की गतितितधयों का पयििेक्षण, आंकड़ों की जांच, जनगणना पररणामों का सारणीकरण, संकलन और प्रचार-प्रसार इस िाखा की तजम्मेदारी है । राष्ट्रीय िनसंख्या रजिस्टर (एन.पी.आर.): नागररकिा (संिोधन) अतधतनयम 2003 में तनतहि प्रािधानों के अनसु रण में, राष्ट्रीय जनसंख्या रतजस्टर से संबंतधि योजना, समन्िय, प्रतिक्षण, क्षेत्र की गतितितधयों का पयििेक्षण, आक ं ड़ों का सक ं लन और प्रचार-प्रसार इस िाखा की तजम्मेदारी है । नागररक पंिीकरण प्रणाली (सी.आर.एस.): जनगणना आयक्त ु , भारि को जन्म और मत्ृ यु पंजीकरण अतधतनयम, 1969 के िहि भारि के रतजस्रार जनरल के रूप में भी नातमि है तजसमें जन्म और मत्ृ यु के अतनिायि पंजीकरण का प्रािधान है। इस भतू मका में यह िाखा मख्ु य रतजस्रार (जन्म एिं मत्ृ य)ु , छत्तीसगढ़ िासन एिं भारि के महारतजस्रार का कायािलय के मध्य समन्िय का कायि करिा है। न्यादशश पंिीकरण प्रणाली (एस.आर.एस.): न्यादिि पंजीकरण प्रणाली का कायािन्ियन, तजसमें अत्यतधक िातषिक आधार पर महत्िपणू ि घटनाओ ं का बड़े पैमाने पर नमनू ा सिेक्षण तकया जािा है. एस.आर.एस. देि में राज्य स्िर पर जन्म दर, मत्ृ यु दर, तििु मत्ृ यु दर और मािृ मत्ृ यु दर जैसी महत्िपणू ि दरों का एक महत्िपणू ि स्रोि है । मानजचत्र: गणना के इकाइयों की तितिििा सतु नतश्चि करने के तलए जनगणना मानतचत्र एक सटीक भौगोतलक ढ़ाच ं ा प्रदान करिा है। जनगणना होने से पहले अपेतक्षि रूप से, क्षेत्रातधकार की सीमाएं तनधािररि होिी हैं। प्रिासतनक मानतचत्र, राज्य की जनगणना में सहायिा के तलए तबना तकसी चक ू और
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दोहराि के सभी क्षेत्रों को समातहि करने में मदद करिा है। इसतलए सभी स्िरों पर प्रिासतनक इकाई के नक्िे िैयार तकये जािे है जैसे राज्य, तजला, उप-तजला, नगर, गांि, िाडि । जिला िनगणना हस्तपुजस्तका: भारि के महारतजस्रार एिं जनगणना आयक्त ु का कायािलय,भारि सरकार द्वारा सक ं तलि तजला जनगणना हस्िपतु स्िका (DCHB), तजला स्िर पर जनगणना का सबसे मल्ू यिान एिं उपयोगी प्रकािन है, तजसको समस्ि राज्य सरकारों/कें द्र िातसि प्रदेिों के तनतहिाथि, भारि के महारतजस्रार कायािलय द्वारा प्रकातिि तकया जािा है I इसमें संबंतधि तजलों के प्रत्येक ग्राम और नगर की कुछ बतु नयादी जनसांतख्यकी और सामातजक–आतथिक तििेषिाओ ं िथा कतिपय महत्िपणू ि नागररक सतु िधाओ ं की उपलब्धिा के बारे में आंकड़े/जानकारी प्राि होिी है I योजना, समन्िय, प्रतिक्षण, क्षेत्र की गतितितधयों का पयििेक्षण, सक ं लन, आक ं ड़ों की जांच, सारणीकरण इस िाखा की तजम्मेदारी है । डाटा सेंटर: जनगणना तनदेिालय में डाटा सेंटर जनगणना के आक ं ड़ों को अतं िम रूप देने में प्रमख ु भतू मका तनभािा है। िििमान में जनगणना को तडतजटल मोड में मोबाईल एप्प के माध्यम से करने का प्रस्िाि है। डाटा सेंटर में आक ं ड़ों की प्रोसेतसगं एिं सग्रं हण का कायि तकया जािा है। देि में कुल 18 डाटा सेंटर स्थातपि है।
या
स्कैन ग िं सेंटर
डाटा सर्वर 19
आँकड़े प्रसार इकाई: जनगणना, न्यादिि पंजीकरण प्रणाली (एस.आर.एस.), नागररक पंजीकरण प्रणाली (सी.आर.एस.) आतद से प्राि आक ं ड़ों का प्रबंधन एिं उपयोगकिािओ ं िथा जनमानस िक पहुचाँ सतु नतश्चि करना। प्रशासन: जनगणना कायि तनदेिालय का प्रिासन अनभु ाग कातमिकों के सेिा सम्बंधी मामलों का तनपटान करिा है। कायािलय की स्थापना, तनयतु क्त, प्रतितनयतु क्त, िरीयिा, पदोन्नति जैसे समस्ि प्रिासतनक तिषय संबंधी कायि इस िाखा के अंिगिि तकए जािे हैं। रािभाषा अनुभाग: राजभाषा नीति का कायािन्ियन एिं उसका अनपु ालन, अनिु ाद, तहन्दी प्रतिक्षण, तहन्दी पत्राचार के लक्ष्य, अनभु ागों का तनरीक्षण, तिमाही/अद्धििातषिक/िातषिक ररपोटि, तहन्दी कायििाला/संगोष्ठी, तहन्दी तदिस/पखिाड़ा आतद का आयोजन, तिभागीय राजभाषा कायािन्ियन सतमति (तिराकास) के बैठक का आयोजन इत्यातद कायि। स्टोर: तनदेिालय का स्टोर अनभु ाग जनगणना, एन.पी.आर, सैम्पल रतजस्रेिन तसस्टम और तसतिल रतजस्रेिन तसस्टम जैसी तििाल प्रिासतनक कायो के सफल संचालन हेिु कायािलय के तलये आिश्यक प्रबंधन, सामग्री और मिीन की उपलब्धिा के तलये तजम्मेदार है । लेखा अनभ ु ाग: लेखा अनभु ाग की कायािलय मे बहुि महत्िपणू ि भतू मका है। यह अनभु ाग, तनयंत्रण अतधकारी एिं कायािलय प्रमख ु द्वारा अतधकृि आहरण एिं संतििरण अतधकारी के अधीन काम करिा है। डी.डी.ओ., सरकारी धन की प्राति और व्यय के तनयमन और कायािलय प्रमख ु की ओर से कायािलय का लेखा-जोखा रखिा है साथ ही व्यय के तितनयमन और खािों के रखरखाि पर सरकार द्वारा तनधािररि सभी तनयमों और तितनयमों का पालन करिे हुए कायािलय को कुिलिापिू िक चलाने मे महत्िपणू ि भतू मका तनभािा है।
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डॉ. जदजबबिय जगरर, संयुक्त जनदेशक िनभागीदारी से िनकल्याण िनगणना के पररप्रेक्ष्य में हमने कई बार कई लोगों से सनु ा है तक लोगों की भागीदारी समाज के साथ-साथ इसं ान का भी कल्याण करिी है। यतद कोई व्यतक्त सामातजक कायिकिाि के रूप में कायि करिा है, िो उसकी सेिा जनकल्याण का आधार स्िभं होगा । भागीदारी का अथि है तक लोग आतथिक, सामातजक, सांस्कृतिक और राजनीतिक प्रतक्रया में तनकटिा से िातमल होिे हैं जो उनके जीिन को प्रभातिि करिे हैं। इसतलए भागीदारी एक प्रतक्रया है तजसके द्वारा आय, व्यतक्तगि तिकास, आत्मतनभिरिा या अन्य मल्ू य, जो िे सजं ोिे हैं। ‘आत्मतनभिर भारि’ की ओर अग्रसर होने में भी जनभागीदारी का महत्िपणू ि स्थान है । जनभागीदारी, तजसे नागररक भागीदारी के रूप में भी जाना जािा है, तकसी भी सगं ठन या पररयोजना की गतितितधयों में जनिा का समािेि है। भारि में तितभन्न प्रकार के संगठन, संस्था िथा व्यािसातयक तनकाय संचातलि हैं तजसमें जनभागीदारी एक अतभन्न अगं है । जनगणना भी उनमें से एक है तजसके माध्यम से आम लोगों के आंकड़े िहृ द स्िर पर एकतत्रि तकया जािा है । सििप्रथम सन 1872 में देि के अलग-अलग भागों में जनगणना की िरुु िाि की गयी थी । सन 1881 से आज िक हर दस सालों में जनगणना होिे आ रही है तजसमें आम जनिा की भागीदारी अत्यंि महत्िपणू ि रही है । सन 2011 के जनगणना के अनसु ार देि की कुल जनसंख्या 1,210,854,977 िथा छत्तीसगढ़ राज्य की कुल जनसख्ं या 25,545,198 है । यह जनगणना जनभागीदारी के तबना सभं ि नहीं था । जनगणना कायि के पहले लोगों की भागीदारी बहुि ही महत्िपणू ि होिी है । जनगणना से जड़ु ी भ्ांतियों को लेकर सरकार द्वारा तितभन्न प्रकार के जन-जागरूकिा अतभयान चलाये जािे 21
हैं तजनमें आम नागररक की भागीदारी भी अपेतक्षि होिी है । जनगणना के दौरान कायि में लगे प्रगणकों/पयििेक्षकों को सही ि सटीक जानकारी प्रदान करना भी जनभागीदारी का महत्िपणू ि तहस्सा है । प्रगणकों/पयििक्ष े कों के द्वारा उनके मकान संबंधी िथा जीिन से जड़ु ी अनेक महत्िपणू ि जानकारी पछ ू ी जािी है तजसका ईमानदारी पिू िक जिाब देना भी एक प्रकार की जनभागीदारी है । जनभागीदारी का तजिना महत्ि जनगणना के पहले िथा जनगणना के दौरान है उिना ही महत्ि जनगणना के पश्चाि भी होिा है । जनगणना से प्राि आंकड़ों का प्रयोग सरकारी, स्ियंसेिी संस्थाओ,ं तनजी एिं व्यािसातयक तनकायों द्वारा चलाये गए तितभन्न कायिक्रमों के मल्ू यांकन आतद में होिा है । ऐसे में इन आक ं ड़ों का सदपु योग करना भी जनभागीदारी का एक तहस्सा है । इस प्रकार भारि के सभी नागररकों के जनगणना की इस प्रतक्रया को सफल और अिरोध रतहि तनष्ट्पादन के तलए तमलकर योगदान देना चातहए िभी “िनभागीदारी से िनकल्याण” का ध्येय सफल हो पाएगा । ---
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श्री अजय कुमार, सहायक तनदेिक एिं राजभाषा अतधकारी आओ हम तिश्वास जगा दें
जगं ल हो या मधबु न में ।
जन-जन में तिश्वास जगा दें ।
जतटल व्यतथि प्रस्िर-िम में ।
िोतणि धरा में अंकुर तनमिल
भल ू ों को हम राह तदखा दें
तछपा गहन िम में अतिरल ।
आओ हम तिश्वास जगा दें ।
निद्यतु ि का अतभषेक करा दें
मानििा को कर उद्वेतलि
आओ हम तिश्वास जगा दें ।।
तिश्वरूप को कर आनंतदि ।
नहीं आलोतकि पथ तजनका
प्रेम-पीयषू हम यहां बहा दें
तघर कंटक है रथ तजनका ।
जन-जन में तिश्वास जगा दें
उनको पथ का ज्ञान करा दें
आओ हम तिश्वास जगा दें ।।
आओ हम तिश्वास जगा दें ।
धमि-जाति का भेद तमटा दें
मेहनि का हम तबगल ु बजा
सांप्रदातयकिा को धल ू चटा दें ।
आिेग हृदय में दबा हुआ ।
समिा-स्िित्रं िा को लाकर
जन-जन में संिेग जगा दें
जगद्गरुु भारि को कर दें ।
आओ हम तिश्वास जगा दें ।।
आओ हम तिश्वास जगा दें
समु न हृदय बन जन-जन में
जन-जन में तिश्वास जगा दें।।
23
जहरेन्र कुमार जसन्हा सांजख्यकीय अन्वेषक ग्रेड-II वो तीन जमनट..... जनगणना 2011 के दौरान घतटि एक ऐसी घटना को आप सभी से िेयर करना चाहगाँ ा जो मझु े हमेिा याद रहेगा और हो सकिा है आगामी जनगणना में कभी ऐसी तस्थति आ जाए िो आप लोगों को भी यह घटना उतचि तनणिय लेने के तलए प्रेररि करे । तजस घटना के बारे में मैं तजक्र कर रहा हाँ दरअसल िह एक िासकीय रेन यात्रा थी तजसमें मैं और बड़े बाबू मेरा मिलब स्ियं प्रकाि जी िासकीय प्रिास पर जयपरु , राजस्थान गए थे। भारि के महारतजस्रार कायािलय से यह आदेि हुआ था तक जनगणना के तद्विीय चरण के कायि के दौरान ऐसे जनगणना मकान जहां जनसख्ं या गणना का कायि पणू ि हो जािे उस मकान के द्वार पर एक तस्टकर तचपकाया जाए तजससे यह पिा चले तक उक्त मकान में गणना कायि पणू ि हो चक ु ा है। तस्टकर तप्रटं कराने के तलए िासकीय तनयमानसु ार तनतिदा आमत्रं ण जैसी प्रतक्रया तकया जाना होिा है पर समय कम था और तफर तनतिदा के सफल होने में भी संदहे था। इसी दौरान ज्ञाि हुआ तक जनगणना तनदेिालय जयपरु ने तनतिदा प्रतक्रया पणू ि कर तलया है और उन्हें एक फ़मि से सस्िे दर पर तस्टकर तमल रहा है। ऐसे में जयपरु तनदेिालय के माध्यम से उस फ़मि से छत्तीसगढ़ के तलए भी उसी दर पर तस्टकर क्रय करने का तनणिय हुआ और िदानसु ार उस फ़मि को तस्टकर तप्रंट करने का ऑडिर तदया गया। यह सचू ना प्राि होने पर तक तस्टकर तप्रंट हो चक ु ा है और छत्तीसगढ़ से तकसी को भेज कर इसे प्राि कर तलया जािे, कायािलय द्वारा मझु े और स्ियं प्रकाि को जयपरु से लाने का कायि सौंपा गया। मन में गल ु ाबी िहर जयपरु जाने का एक अलग ही उत्साह था क्योंतक पहली बार िहााँ जाने का मौका तमला था। हालांतक पहले से पिा था तक जयपरु घमू ने, िहााँ के आमेर का 24
तकला, हिा महल आतद देखने का अिसर िायद ही तमलेगा पर इसी बाि तक िसल्ली रहेगी तक कम से कम जयपरु िो देख आया। हम रायपरु से जयपरु के तलए रेन से प्रस्थान कर गए और िहााँ पहुचाँ कर स्टेिन में ही फ्रेि होकर सीधे जनगणना तनदेिालय जयपरु पहुचाँ गए। िहााँ ज्ञाि हुआ तक तस्टकर तप्रंट िो हो चक ु ा और 34 बंडलों में पैक भी तकए जा चक ु े हैं पर यह कल दोपहर िक ही हमें तमल पाएगा। िाम हो चक ु ी थी । हमने स्टेिन के पास ही रुकने का तनणिय तलया और एक अच्छे से होटल में रुक गए। िाम को दसू रे तदन रायपरु जाने का रेन ररज़िेिन भी करा तलए। स्ियं प्रकाि के बड़े मामाजी उस समाया जयपरु में ही रहिे थे जो तक रे ल्िे में ऑतफसर थे। चंतू क हमारे पास दोपहर िक समय था इसतलए सोंचा तक क्यों न मामाजी से तमल तलया जाए। जब मामाजी को बिाया तक हमारे पास 34 बंडल सामान है तजसे रेन से रायपरु ले जाना है। मामाजी ने एक आदमी का ररफ्रेन्स तदया तक िो हमारे सामान को सरु तक्षि पासिल िेन में चढ़ाने में हमारी मदद करे गा। हमारी रेन िाम को 6 बजे थी। हम िहााँ दो घटं ा पहले ही पहुचाँ चक ु े थे। मामाजी ने तजस व्यतक्त का ररफरें स तदया था उनसे जब तमला िो ज्ञाि हुआ तक जयपरु से रायपरु होिे हुए आगे जाने िाली रेन में पासिल िेन खाली नहीं जािी इसतलए मामाजी ने यह मानकर तक भांजों द्वारा ले जाया जा रहा सामान बहुि ज्यादा होगा, एक नई पासिल िेन ही रेन में लगिा तदये। रेन आने पर हमारे जनगणना समान को पासिल िेन में चढ़ा तदया गया। हमारा सामान इिना था तक उस िेन के एक कोने में ही तसमट कर रह गया। पर हााँ हमारे बहाने एक चड़ू ी के व्यापारी को फायदा हो गया और बड़ी-बड़ी पेतटयों में भरकर उसी िेन में रख तदये तजसमें हमारा सामान था। हमारा सामान उन पेतटयों के बीच दब कर रह गया। कुछ अन्य सामान भी उसी िेन में भर तदये गए। रेन दसू रे तदन िाम 7-8 बजे रायपरु पहुचाँ ना था इसतलए हम तनतश्चिं होकर सफर करने लगे। सनु रखा था तक ये पासिल िाले कहीं का सामान कहीं उिार देिे है। यतद ऐसा हुआ िो हम दोनों का तनलंबन तनतश्चि। इसी डर के चलिे जब राजनांदगांि आया िो हम हमारे 25
सामान को देखने पासिल िेन िक चले गए। िहााँ जब तकसी व्यापारी के सामान को राजनांदगांि में उिारने के तलए खोला गया िो हमने भी िेन के अदं र झांक कर एक नज़र अपने सामानों पर डाल तलये। पर यह क्या हमारा सामान िो चड़ू ी की पेतटयों के नीचे अभी भी दबा हुआ है। जब गाडि से पछ ू ा तक ये पेतटयााँ कहााँ उिरे गी िो उन्होने बिाया तक तबलासपरु । हम दोनों यह सनु कर सन्न रह गए। अंदाज़ हो चक ु ा था तक तजिनी देर रेन रायपरु में रुकिी है उिने में यह उिार पाना किई सभं ि नहीं था। राजनांदगांि से दगु ि िक का सफर इसी उधेरबनु में बीिा तक हमारा सामान रायपरु में कै से उिारा जािे। जब तिश्वास हो गया तक हम इसे रायपरु में नहीं उिार पाएंगे िो िरु ं ि हमने आर.जी.गिु ा जी (सेिातनितृ ि उपरांि कतनष्ट्क लेखा अतधकारी पद पर तनदेिालय में पदस्थ) को तस्थति बिािे हुए िरु ं ि रायपरु स्टेिन पहुचाँ ने को कहा। गिु ा जी स्टेिन के पास ही रहिे थे इसतलए हमारे पहुचाँ ने के पहले ही पहुचाँ चक ु े थे। रायपरु स्टेिन पर जब रेन रुकी और पासेल बाबू पासिल िेन का गेट खोलने लगे िभी हमने उसे भारि सरकार, गहृ मंत्रालय, जनगणना तनदेिालय का अतिआिश्यक समान िेन में होना बिािे हुए हर हाल में रायपरु में उिरिाने का कह तदया। पर यह क्या, उस बाबू को उन सामानों को उिरिाने में रुतच थी तजसके मातलक से उन्हें कुछ नजराना तमल चक ु ा था। हमारा 57 ऐसे बंडल जो तक उन चड़ू ी के पेतटयों के नीचे सौभाबय से नहीं दब पाए थे, उसे ही उिारकर िो िेन का गेट बंद करने लगे। हमने उसे बार-बार समझाया तक यह सामान आज ही उिारना आिश्यक है, पर िो नहीं माने। गिु ा जी ने उन्हें यह भी समझाया तक कहीं इस अतिआिश्यक िासकीय सामान को न उिरिा पाने के कारण आप सस्पैंड न हो जाओ। पर उन्होने इसे हल्के में तलया और िो िेन का गेट बंद करने लगे। यही िो क्षण था जब हमें यह तनणिय लेना था तक हमारा जनगणना का यह सामान आज ही िेन से कै से उिरे । मोबाइल उठाया और थोड़ा तझझकिे हुए एक नंबर डायल तकया। यह इस एतपसोड का पहला तमनट था। एतपसोड के दसू रे तमनट िह था जब मोबाइल से आिाज आई, “तसन्हा, एक तमनट िहीं रुको”। और एतपसोड के िीसरे तमनट िह था जब उस पासिल बाबू के पास स्टेिन के तकसी िररष्ठ अतधकारी का फोन आया । िो पासिल बाबू उस फोन के 26
बाद पसीने से िरबिर हो चक ु े थे। उन्हें तनदेि हुआ तक चाहे रेन को तजिनी देर ही स्टेिन पर रोकना पड़े, जनगणना का सामान उिरे तबना रेन आगे नहीं बढ़ेगी। अब स्टेिन में एक ही आिाज़ गंजू ने लगी तक कुली चाहे तजस भी प्लेटफॉमि में हों, िरु ं ि प्लेटफामि नंबर 5 पर पहुचाँ ें। 10-15 कुली दो तमनट के अदं र ही िहााँ पहुचाँ चक ु े थे। िेन का गेट पनु ः खल ु ा। 8-10 कुली अदं र घसु े और उन पेतटयों को तजसमें चतु ड़यााँ भरी हुई थी, बाहर की ओर फें के जाने लगे। चतू ड़यों के टूटने की आिाजें आने लगे पर अभी िो के िल एक ही लक्ष्य था जनगणना का िो 34 बंडल। पेतटयों के हटने के बाद जब जनगणना का सभी बंडल उिर गया िब पहले पासिल बाबू ने बंडल तगने तफर हमें तगनने के तलए कहा । जब उन्हें िसल्ली हो गई तक जनगणना का सामान सरु तक्षि उिर चक ु ा है िब िेन का गेट बंद कर और तफर हमारे िरफ तिनिी की मद्रु ा में हाथ जोड़िे हुए चले गए। अिं भला िो सब भला। तनदेिक महोदया को सामान सरु तक्षि उिरने की जानकारी देिे हुए िथा मन में इस रोमांचक यात्रा तक यादें तलए हुए अपने-अपने घर को हमने प्रस्थान तकए। इस घटना का िह िीन तमनट हमें बहुि कुछ सीखा जािी है। पहली सबक है तक अपने कायि के प्रति हमेिा सजग रहें और आने िाली सभं ातिि मसु ीबिों से तनपटने के तलए पहले से ही योजना बनािे रहें। दसू री सबक है तक तजस आगेनाइजेिन में आप काम करिे हैं उनके अतधकाररयों एिं कमिचाररयों के मोबाइल नंबर आपके पास अिश्य होने चातहए भले ही िे आईएएस हो अथिा कोई चिथु ि िगि कमिचारी। तकस िक्त कौन सा नंबर आपके काम आ जाए इसका अदं ाजा िक्त ही लगा सकिा है आप और मैं नहीं। और िीसरी और सबसे महत्िपणू ि सबक यही है तक यतद िासकीय कायि करिे हुए तकसी मसु ीबि में पड़ गए हो िो अपने उच्चातधकारी को बिाने से घबराएाँ नहीं। हो सकिा है तक उक्त घटना की िरह िीसरा तमनट आपकी समस्या का समाधान लेकर आपके पास आए। ---
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श्री अजय कुमार, सहायक तनदेिक एिं राजभाषा अतधकारी
अंग्रेज़ी में िो नाम को िाटि करने का चलन बहुि है जैसे राज कपरू आर.के . बन जािे हैं, जगदीि कुमार जे.के . कोई के .के . है िो श्री राम- एस.आर. कहलािे हैं। काका हाथरसी ने कल्पना की तक- यही चलन यतद राष्ट्रभाषा तहन्दी में लोकतप्रय हो जाये िो क्या होगा..?..?.. िो कहिे थे.............................. प्रगति राष्ट्रभाषा करे , यह तिचार है नेक ! लेतकन आई सामने, तिकट समस्या एक !! तिकट समस्या एक, काम तहदं ी में करिे तकंिु िाटि में हस्िाक्षर, करने से डरिे बोले ‘कािी नाथ’ जरा हमको बिलाना दोनो आाँखे होिे हुए, तलखाँू मैं ‘काना’..? इसी िरह से और भी, कर सकिे हैं िकि प्रोफे सर या तप्रंतसपल, अफसर बाबू क्लकि अफसर बाबू क्लकि , होय गड़बड़ घोटाला । डाक्टर ‘नाथू लाल’ करें हस्िाक्षर ‘नाला’ ॥ कह ‘काका’ बिलाओ क्या संभि है ऐसा, लाला 'भैंरो साह' तलखें अपने को 'भैंसा' ! पररिििन घनघोर हो, बदल जाएाँगी कौम' 28
डौंगर मल' संतक्षि में, तलखे जाएाँगे 'डौंम'तलखे जाएाँगें डौंम, नाम असली खो जाएाँ' गप्ु पो मल' को िाटि करो िो 'गमु ' हो जाएाँ,, उजले 'कांिी लाल' तकंिु कहलाएाँ 'काला' भैय्या 'भाई लाल' पक ु ारे जाएाँ 'भाला' । माखन लाल भी तलखें क्या..?. माला !! अच्छे –अच्छे नाम भी हो जाएाँ बदनाम जब की 'हररहर राम' को तलखना पड़े 'हराम' तलखना पड़े हराम, तकसी का क्या कर लेंगे ? तचढ़ातचढ़ा कर 'गज धारी' को जब 'गधा' कहेंगे,, कह ‘काका’ कति 'बाबू लाल' बनेंगे 'बाला' पंतडि 'प्यारे लाल', तलखे जाएाँगे 'प्याला' । तहदं ू 'ईश्वर दत्त' हैं, िे तलक्खेंगे 'ईद', लाला 'लीला दत्त' जी, बन जाएाँगे 'लीद' / बन जाएाँगे लीद, मज़े िो िब आएंगे' िेजपाल लीडर' जब 'िेली' कहलाएाँगे .। कह काका कति 'होली लाल' बनेंगे 'होला' बाबू 'छोटे लाल' तलखे जाएाँगे 'छोला' / जान बझू कर व्यथि ही, क्यों होिे बदनाम
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उिना दख ु दायी बने, तजिना लंबा नाम ॥ तजिना लंबा नाम, रखो छोटे से छोटा दो अक्षर से अतधक नाम होिा है खोटा / सक्ष्ू म नाम पर कभी नहीं पड़ सकिा डाका ‘काका’ को "उलटो-पलटो" तफर भी रहेगा काका । ---
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प्रस्ितु ि :- श्री दीपक चौधरी, सहायक तनदेिक स्रोि :- सोिल मीतडया प्रेरक तिचार तजदं गी की हकीकि को बस इिना ही जाना है, ददि में अके ले है और खतु ियों में जमाना है| इसं ान के जीिन में िीन चीजे बड़ी उलझी हुई होिी है| तदल, तदमाग और िक़दीर| हम इसं ान भी तकिनेअजीब है ना जो लेकर जाना है, उसे छोड़े जा रहें है, और जो यहााँ रह जाना है, उसे जोडें जा रहें है| बतु द्धमान इसं ान आपकातदमाग खोलिा है| संदु र इसं ान आपकी आाँखें खोलिा है| लेतकन, प्रेम करने िालाइसं ान, आपका हृदय खोलिा है| िक्त तदखाई िो नहीं देिा, पर बहुि कुछ तदखा देिा है| 31
अपनापन िो हर कोई तदखिा है, पर अपना कौन है,ये िक्त ही बिािा है| हमेिा टूटने का मिलब, खत्म होना नहीं होिा | कभी कभी टूटने से तजदं गी की, नई िरुु आि भी होिी है| जब उपरिाला आपसे कुछ िापस लेिा है, िो ये मि समझना तक, िो आपको दडं दे रहा है| हो सकिा है ! उसने आपका हाथ खाली तकया हो, पहले से कुछ बेहिर देने के तलए| मजबिू इसं ान को देख कर लोग सोचिे है तक, ये कभी टूटिा क्यों नहीं| लेतकन लोग यह नहीं जानिे तक बहुि टूटने के बाद ही, िो इिना मजबिू बना है| सब कुछ हातसल नहीं होिा तजदं गी में, तकसी का काि और, तकसी का अगर रह ही जािा है| लोगों की बािों कोतदल पर ना तलतजए| लोग िोअमरुद खरीदिे है, ये पछ ू कर मीठे है ना| और तफर खािे हैनमक लगाकर |
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हमेिा स्िास्थ रतहए, मस्ु कुरािे रतहए, कभी अपने तलए िो कभी अपनों के तलए, और प्रेम से बोले राधे राधे | ---
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मनोज कुमार महलांगे सहायक तनदेिक *** स्िच्छ पयाििरण *** आदमी की इच्छा बढ़ रही है , कर रहे है भतिष्ट्य का तिरस्कार। यह भल ू कर कै से तमल रहा है ईधन, ं चला रहे है सब बस और कार।। प्रकृति से महु मोड़कर, प्रदषू ण को बढ़ा रहे है। जीिन से नािा िोड़कर, अपने जीिन को तगरा रहे है।। आधतु नकिा और प्रगति मे हुआ मगन, आदमी उपयोग कर रहा सीतमि ससं ाधन। अगर न तकया कुछ ठोस प्रण, िो सब खो बैठेंगे यह धन।। यिु ा कर ले एक जिन, न होने देंगे व्यथि कथन। हो ऐसा सिं तु लि व्यिस्था, तजससे भतिष्ट्य मे बचे ईधन।। ं जीिन मे जब अपनाओगे ये िचन, िभी स्िच्छ रहेगा यह पयाििरण।। 34
मक ु े श गोंडाने, वररष्ठ पयशवेक्षक
सच ू ना का अजिकार अजिजनयम – 2005
क्या आपने कभी सच ू ना के अजिकार अजिजनयम से परे सोचा है? यतद आपको समय सीमा के भीिर जानकारी नहीं तमलिी है, या यतद आपको आरटीई दातखल करने के बाद भी कोई जानकारी नहीं तमलिी है, या अधरू ी और भ्ामक जानकारी तमलिी है, या दी गई जानकारी झठू ी और गलि है, िो आप क्या करें गे? क्या आपने पहली अपील और दसू री अपील से परे सोचा है? क्या आपने सोचा है तक सच ू ना न देने और झठू ी या भ्रामक िानकारी देने पर आप आरटीआई के साथ-साथ भारतीय दडं संजहता और दडं प्रजिया संजहता और िन सूचना अजिकारी और प्रथम अपीलीय प्राजिकारी के जवरुद्ध भी कारशवाई की मांग कर सकते हैं? अजिकारी के जखलाफ एफआईआर भी दिश कराई िा सकती है? 1)
2)
3)
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लोक सचू ना अतधकारी अथिा प्रथम अपीलीय अतधकारी द्वारा आिेदक को धमकाने की तस्थति में आईपीसी की धारा 506 के िहि एफआईआर दजि करने का प्रािधान है। लोक सचू ना अतधकारी/प्रथम अपीलीय अतधकारी को नोतटस तमलने पर भी तनधािररि तनदेिों की तमयाद में आयोग/अपीलाथी को अपील का प्रतिउत्तर नहीं देने की तस्थति में आईपीसी की धारा 166ए, 188 और 420 के िहि एफआईआर की कायििाही की जा सकिी है। लोक सचू ना अतधकारी/प्रथम अपीलीय अतधकारी द्वारा अपील का प्रतिउत्तर अधरू ा/झठू ा/िथ्यों के तिपरीि होने की तस्थति में आरटीआई एक्ट की धारा-7(8) का उल्लंघन पर आईपीसी की
4)
5)
6)
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धारा 166ए, 167, 193, 420, 468, और 471 के िहि एफआईआर की कायििाही की जा सकिी है। लोक सचू ना अतधकारी/प्रथम अपीलीय अतधकारी का धारा 20(1) का नोतटस तमलने पर भी सनु िाई में तबना कोई सचू ना के गैर हातजर रहने की तस्थति में आईपीसी की धारा 175, 176, 188 और 420 के िहि सहपतठि धारा 12 के िहि एफआईआर की कायििाही की जा सकिी है। लोक सचू ना अतधकारी द्वारा िल्ु क लेकर भी सचू ना नहीं देने की तस्थति में आईपीसी की धारा 406 और 420 के िहि एफआईआर दजि तकये जाने का प्रािधान लागू होगा। लोक सचू ना अतधकारी अथिा प्रथम अपीलीय अतधकारी द्वारा तलतखि में ऐसे कथन कहना, तजसका झठू होना, लोक सचू ना अतधकारी अथिा प्रथम अपीलीय अतधकारी को ज्ञाि हो और इससे आिेदक को सदोष हातन हो, उस तस्थति में आईपीसी की धारा 193, 420, 468 और 471 के िहि एफआईआर दजि करिाई जा सकिी है। लोक सचू ना अतधकारी/प्रथम अपीलीय अतधकारी का अपील नोतटस तमलने पर भी सनु िाई में तबना कोई सचू ना के गैरहातजर रहने की तस्थति में आईपीसी की धारा 175, 176, 188 और 420 के िहि एफआईआर की कायििाही की जा सकिी है। जब सचू ना आयोग के समक्ष लतम्बि तकसी अपील में प्रत्यथी/प्रथम अपीलीय अतधकारी को नोतटस जारी होने के बाद िह प्रतिउत्तर में दस्िािेजी साक्ष्यों के तिरुद्ध झठू ा अक ं न करिे हुए जिाब प्रेतषि करे , िो माननीय आयोग को धारा 195(1)(क)(1) / (3), (ख)(1) / (2) सहपतठि धारा 340 दडं प्रतक्रया सतं हिा के तिधान के िहि आिेदन देकर ऐसे अपराध के तलए अतभयोजन चलाने को आिेदन पेि तकया जा सकिा है. जितीय अपील का स्तर और असद्भावना से की गई कायशवाजहयां और दडं
जविान -
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1)
एफआईआर नंबर - 124/2013 तदनांक 22.01.2013 पतु लस थाना कोटपिु ली, तजला-जयपरु , राजस्थान।
एफआईआर में राजस्थान पतु लस के लोक सचू नातधकारी के पास उपलब्ध सचू ना को भी यह कहकर देने से इनकार तकया गया था तक, सचू ना उपलब्ध नहीं हैं. 6 माह बाद िीसरे आिेदन में िही सचू नाएं उपलब्ध करिा दी गयी थी. निीजा उक्त एफआईआर दजि हुई और प्रकरण िििमान में न्यायालय में तिचाराधीन है.
2)
एफआईआर नंबर - 738/2019 तदनांक 07.09.2019, पतु लस थाना-कोटपिु ली, तजला-जयपरु ग्रामीण, राजस्थान।
इस प्रकरण में लोक सचू नातधकारी ने अपने कायािलय के कमिचाररयों के साथ आपरातधक षड्यंत्र रचकर अपने कायािलय में मौजदू मल ू सचू नाओ ं में कांट-छांट करके , दस्िािेज में से सचू नाओ ं को तमटा कर आधी-अधरू ी सचू नाएं उपलब्ध करिाई गयी थी. निीजा उक्त एफआईआर दजि हुई, प्रकरण िििमान में न्यायालय में तिचाराधीन है.
3)
एफआईआर नंबर - 981/2013 तदनांक 10.011.2013, पतु लस थाना-कोटपिु ली, तजलाजयपरु ग्रामीण, राजस्थान ।
इस प्रकरण में राजस्थान पतु लस के लोक सचू नातधकारी के पास उपलब्ध सचू ना में से अधरू ी सचू ना उपलब्ध करिाई गयी थीं और आिेदक को देर राि फोन करके धमकाया गया था. निीजा उक्त एफआईआर दजि हुई. प्रकरण िििमान में न्यायालय में तिचाराधीन है.
यह आरटीआई एक्ट के आगे........ देखने की कला है। 37
धमेन्द्र कुमार श्रीपाल (िररि मानतचत्रकार) “िनगणना करना होगा”
“जनगणना करना होगा - जनगणना करना होगा, जन – जन िक पहुचाँ ना होगाI महापिि है ये भारि गणना का, उत्सि है करना का, गणना है इक्कीस की अति उन्नि िकनीक की, इस महासमर में चलना होगा, जनगणना करना होगाII”
“मकान – मकान, टोला – मोहल्ला, गााँि – गााँि, चलना होगा, हरे क आम जन की गणना करना होगा, पििि पहाड़ नतदयााँ सारी िरना होगा, जनगणना करना होगा, जनगणना करना होगाII”
“जनगणना का ऐप्प है भाई, जनगणना में िकनीक नई आई,
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गणिंत्र के िंत्र को भी चलना होगा, जनगणना करना होगा, जनगणना करना होगाII”
“प्रगणक, पिेक्षक, चाजि अतधकारी, गणना की सब करें िैयारी, जनगणना तनदेिालय को भी लगना होगा, जनगणना करना होगा, जनगणना करना होगाII”
“कोई घर न छूटे कोई न हो ररपीट, मानतचत्र प्रकोष्ठ की नई िकनीक, मोबाइल ऐप्प संग फामि भी भरना होगा, जनगणना करना होगा, जनगणना करना होगाII”
“मकान – मकान सारणीकरण, काम का सरलीकरण, एन. पी. आर. भी अपडेट करना होगा, जनगणना करना होगा, जनगणना करना होगाII”
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“ आकड़ो का है नया एकत्रीकरण, गणना और सारणीकरण, आकड़ो को भी अपलोड करना होगा, जनगणना करना होगा, जनगणना करना होगाII”
नए भारि का नितनमािण करे गी हमारी जनगणना, अन्त्योदय की राह आसान करे गी हमारी जनगणना, जन – जन िक पहुचाँ ना होगा, जनगणना करना होगा, जनगणना करना होगाII” ---
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तिभागीय राजभाषा कायािन्ियन सतमति के तनदेिानरू ु प कायािलय द्वारा 01-14 तसिंबर 2021 के दौरान तहन्दी पखिाड़ा एिं तहन्दी तदिस का आयोजन तकया गया। इस दौरान तितभन्न प्रतियोतगिायें आयोतजि की गई। इन प्रतियोतगिाओ ं में कायािलय के बहुि से प्रतिभातगयों ने भाग तलया । प्रतियोतगिा परीक्षकों की अनि ु सं ा पर तनम्नतलतखि प्रतियोतगयों को प्रथम, तद्विीय एिं ििृ ीय परु स्कारों के तलए चयतनि तकया गया है। साथ ही पखिाड़ा के दौरान प्रचार-प्रसार, कायििाला, कतििा, कहानी आतद कायिक्रम भी सम्पन्न हुए। प्रतियोतगिा के परु स्कारों का तििरण तनम्नानसु ार हैक्र.सं.
प्रतियोतगिा का नाम
स्थान
तिजेिाओ ं का नाम ि पदनाम
1.
अनिु ाद प्रतियोतगिा
2.
तटप्पण-एिं प्रारूप लेखन
प्रथम तद्विीय ििृ ीय प्रथम तद्विीय
श्री अजय कुमार िमाि, िररष्ठ सलाहकार श्री कृपाल एम. देिमख ु , प्रफ ू रीडर श्री एम. सी. डोमने, ररटायडि सलाहकार श्री लक्ष्मण मख ु ी, सहायक तनदेिक श्री अिल ु कुमार राजपिू , कतनष्ठ सलाहकार श्री कृपाल एम. देिमख ु , प्रफ ू रीडर सश्रु ी प्रतिभा राजपिू , कतनष्ठ सलाहकार श्री कृपाल एम. देिमख ु , प्रफ ू रीडर श्री अिल ु कुमार राजपिू , कतनष्ठ सलाहकार श्री अिल ु कुमार राजपिू , कतनष्ठ सलाहकार श्री दीपक धनफुले, कतनष्ठ सलाहकार श्री लतलि कुमार, कतनष्ठ सलाहकार श्री अजय कुमार िमाि, िररष्ठ सलाहकार श्री श्रीयांि प्रधान, कतनष्ठ सलाहकार
3.
िात्कातलक भाषण
ििृ ीय प्रथम तद्विीय ििृ ीय प्रथम
प्रश्नोत्तरी(Quiz) 43
तद्विीय
(समहू प्रतियोतगिा) 4.
ििृ ीय
प्रथम
तहन्दी महु ािरे /लोकोतक्तयों पर मक ू अतभनय (समहू प्रतियोतगिा)
5.
तद्विीय
ििृ ीय
ििृ ीय
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सश्रु ी तनतकिा तसन्हा, कतनष्ठ सलाहकार श्री कृपाल एम. देिमख ु , प्रफ ू रीडर श्री मनमोहन यादि, कतनष्ठ सलाहकार श्री श्याम कुमार सयू ििि ं ी, कतनष्ठ सलाहकार श्री राजेि बरंगे, िररष्ठ आरे खण सहायक श्री सतु मि कुमार पटेल, कतनष्ठ सलाहकार सश्रु ी तनतकिा तसन्हा, कतनष्ठ सलाहकार श्री लक्ष्मीनारायण िमाि, डाटा एरं ी ऑपरे टर श्री भपू ेन्द्र, अिर श्रेणी तलतपक श्री श्रेयांि प्रधान, कतनष्ठ सलाहकार सश्रु ी मनीषा साह, कतनष्ठ सलाहकार श्री अभय कै ििि, कतनष्ठ सलाहकार श्री अनपू कुमार, कायािलय अधक्षक श्री स्ियं प्रकाि, कायािलय अधीक्षक सश्रु ी प्रतिभा राजपिू , कतनष्ठ सलाहकार श्री राके ि कुमार यादि, कतनष्ठ सलाहकार श्री अिल ु कुमार राजपिू , कतनष्ठ सलाहकार श्री मनमोहन यादि, कतनष्ठ सलाहकार श्री दीपक धनफुले, कतनष्ठ सलाहकार श्री आकाि देिांगन, कतनष्ठ सलाहकार
िरा सोजचये क्या इसमें कोई कजठनाई है ? o क्या तहन्दी में हस्िाक्षर करने में हमें कोई कतठनाई है ? o जब हम कायािलय में तहन्दी में बािचीि कर सकिे हैं िो क्या कायािलय का सामान्य कायि तहन्दी में करने में कोई कतठनाई है ? o जब अंग्रेजी के बजाए तहन्दी में ई-मेल भेज सकिे हैं , िो क्या तहन्दी में ई-मेल भेजने में कोई कतठनाई है ? o जब सरकार सेिाकालीन तहन्दी प्रतिक्षण के तलये सभी सतु िधाएं उपलब्ध करािी है साथ में उत्तीणि होने पर कई परु स्कार भी देिी है िो क्या प्रतिक्षण प्राि करने में कोई कतठनाई है ? o जब लेखन सामतग्रयों का खचि सरकार िहन करिी है िो के िल अंग्रेजी के बजाए इसे तद्वभाषी रूप में छपिाने में क्या हमें कोई कतठनाई है ? o जब कायािलय की अन्य सभी ररपोटि मख्ु यालय को समय पर भेजी जािी है िो तहन्दी की तिमाही प्रगति ररपोटि समय पर भेजने में क्या कोई कतठनाई है ?
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o जब रबड़ की महु रें िथा राउण्ड सील बनिाने का व्यय सरकार िहन करिी है िो के िल अग्रं ेजी के बजाए इसे तद्वभाषी रूप में बनिाने में क्या कोई कतठनाई है ? o जब तद्वभाषी छपे नोतटसों पर नाम ि पिा आतद अग्रं ेजी में तलख सकिे हैं िो क्या तहन्दी में तलखने में कोई कठनाई है ? o जो अतधकारी एिं कमिचारी तहन्दी भाषी हैं और जो तहन्दी में प्रिीणिा प्राि है , क्या उन्हें तहन्दी में कायि करने में कोई कतठनाई है ? o - तनस्सदं हे तबल्कुल नहीं हमें सच्चे मन से थोडा सा प्रयास करके अपनी मानतसकिा को बदलना है , कायािलय का सारा कायि तहन्दी में करने की इच्छा ितक्त को जागिृ करना है, तफर िह तदन दरू नहीं जब हम अपने कायािलय में अंग्रेजी के स्थान पर सारा कायि राजभाषा तहन्दी में कर सकें गे |
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