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Ek Phool Ki chah Notes-converted

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Story Transcript

12. एक फूल की चाह (स्पर्श-पद्य) प्रश्न-उत्तर

सियारामर्रण गप्ु त

1. बीमार बच्ची ने क्या इच्छा प्रकट की? उत्तर - बीमार बच्ची िखु िया ने अपने पपता के िामने यह इच्छा प्रकट की कक उिे दे वी मााँ के मंददर के प्रिाद का फूल लाकर दे दें ।

2. िुखिया के पपता पर कौन-िा आरोप लगाकर उिे दं डित ककया गया?

उत्तर- िुखिया का पपता अपनी बेटी की इच्छा पूरी करने के सलए मंददर में प्रवेर् कर गया था। मंददर की पपवत्रता नष्ट करने और दे वी का अपमान करने का आरोप लगाकर उिे िात ददन का कारावाि दे कर दं डित ककया गया। 3. जेल िे छूटने के बाद िुखिया के पपता ने अपनी बच्ची को ककि रूप में पाया?

उत्तर- जेल िे छूटने के बाद िुखिया के पपता ने अपनी बच्ची को राि की ढे री के रूप में पाया। उिकी मत्ृ यु हो गई थी। अतः उिके िंबंधियों ने उिका दाह िंस्कार कर ददया था। 4. इि कपवता का केंद्रीय भाव अपने र्ब्दों में सलखिए। ‘एक फूल की चाह’ कपवता िमाज में फैले ऊाँच-नीच और छुआछूत की िमस्या को उजागर करती है।

िमाज दो वगों में बाँटा हुआ है - एक उच्चवगश, दि ू रा अछूत िमझा जाने वाला ननम्न वगश। इिी अछूत वगश की कन्या िुखिया जो महामारी की सर्कार में आ जाती है । वह अपने पपता िे दे वी के प्रिाद का फूल लाने के सलए कहती है । उिका पपता मंददर में जाता है और दे वी के प्रिाद का फूल लेकर आते

िमय पकड़ सलया जाता है। न्यायालय भी मंददर को अपपवत्र करने तथा दे वी का अपमान करने के जुमश में उिे िात ददन कारावाि दे ता है । इिी बीच उिकी पुत्री मर जाती है और ररश्तेदारों द्वारा जला दी

जाती है। इि प्रकार अछूतों के मंददरों में प्रवेर्, उच्च वगश द्वारा ननम्न वगश पर ककया गया अन्याय, एक पपता-पत्र ु ी का अंनतम समलन न हो पाने की वेदना कपवता का केंद्रीय भाव है ।

पाठ िे अन्य प्रश्न-उत्तर

1. गााँव में फैली महामारी का वणशन कीजजए।

उत्तर- गााँव में चारों ओर महामारी फैली हुई थी। इि महामारी की चपेट में ना जाने ककतने मािूम बच्चे आ चुके थे। जजन माताओं ने अपने बच्चों को इि महामारी के कारण िोया था, उनके आाँिू रुक ही नहीं रहे थे। रोते-रोते उनकी आवाज़ कमजोर पड़ चक ु ी थी, पर उि कमजोर पड़ चक ु े करुणा िे भरे स्वर में भी अपार अर्ांनत िुनाई दे रही थी।

2. िखु िया के पपता िखु िया को बाहर जाने को क्यों रोकते थे?

उत्तर- पपता अपनी पुत्री को महामारी िे बचाने के सलए, हर बार बाहर िेलने जाने िे रोकता था।

3. िखु िया ने अपने पपता िे दे वी के प्रिाद का फूल क्यों मााँगा?

उत्तर- बुिार िे पवचसलत होकर िुखिया ने ना जाने ककि िर िे अपने पपता िे दे वी मााँ के प्रिाद का एक फूल लाकर दे ने को कहा।

4. बीमारी के कारण िुखिया का क्या हाल था?

उत्तर- तेज बुिार के कारण िुखिया का गला क्षीण हो गया। उिमें कुछ बोलने की र्जक्त नहीं बची थी। उिके िारे अंग ठं िे पड़ चुके थे।

5. िुखिया का पपता बेटी को लेकर क्यो उदाि था?

उत्तर- पपता को ऐिा प्रतीत हो रहा था कक इतनी छोटी-िी बच्ची को ननगलने पूरा अंिकार ही दै त्य बनकर चला आया है। पपता इि बात िे व्याकुल थे कक वह अपनी बेटी को बचाने के सलए कुछ भी नहीं कर पाए। इिी ननरार्ा में िंध्या के िमय आकार् में जगमगाते तारे भी पपता को अंगारों की तरह लग रहे थे।

6. बीमारी के कारण हुई िखु िया की दद ु श र्ा का वणशन कीजजए। उत्तर- पपता को यह दे िकर बहुत कष्ट हो रहा है कक उिकी बेटी जो एक पल के सलए भी कभी र्ांनत

िे नहीं बैठती थी और हमेर्ा उछलकूद मचाती रहती थी, आज चप ु चाप बबना ककिी हरकत के लेटी हुई है । पपता उिे बार-बार उकिा कर यही िुनना चाह रहा है कक उिे दे वी मााँ के प्रिाद का एक फूल चादहए।

7. कपवता के आिार पर मंददर के िौंदयश का वणशन कीजजए।

उत्तर- ऊाँचे पहाड़ी की चोटी पर एक पवर्ाल और भव्य मंददर जस्थत था। िूयश की ककरणों के पड़ने पर िोने का कलर् िुनहरे कमल िा प्रतीत हो रहा था। मंददर का िंपूणश आाँगन िूप-दीप की िुगंि िे

महक रहा था। मंददर में चारों ओर मंत्रो एवं घंदटयो की आवाज़ गाँज ू रही थी। ऐिा प्रतीत हो रहा था, मानो मंददर में कोई उत्िव चल रहा हो।

8. भक्तजन ककि प्रकार िे दे वी का गीत गा रहे थे?

उत्तर- भक्तजन पूरी श्रद्िा एवं भजक्त के िाथ दे वी मााँ का मिुर गीत गा कर रहे थे। िभी एक िाथ एक स्वर में बोल रहे थे ‘पनतत ताररणी पाप हाररणी, माता तेरी जय जय जय।’ अथाशत पनततों का उद्िार करने वाली, पापों का नार् करने वाली माता तेरी जय जय हो।

9. िुखिया के पपता पर कौन-िा आरोप लगाकर दं डड़त ककया गया?

उत्तर- िुखिया के पपता ने स्वच्छ पररिान पहनकर भले इंिानों जैिा आचरम-व्यवहार करके, अछूत होकर भी मंददर के पपवत्र आाँगन में प्रवेर् करने का अपराि ककया था। मंददर की िालों-िाल की गररमा, पपवत्रता को नष्ट कर दे ना का आरोप लगाकर उिे दं डित ककया गया।।

10. अंत में िुखिया के पपता की वेदना को ककि प्रकार प्रकट ककया गया है ?

उत्तर- अंत में िखु िया के पपता की छाती ििक उठती है। उनकी फूलों की तरह कोमल-िी बच्ची आज

राि का ढे र बन चक ु ी थी। िुखिया के पपता के मन में बि यही र्ेष बचता है कक वह अपनी पुत्री को

अंनतम बार गोद में भी नहीं ले पाया। वह इतना अभागा है कक अपनी बेटी की अंनतम इच्छा के रूप में , मााँ के प्रिाद का एक फूल भी उिे लाकर नहीं दे पाया।

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