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STUDENTS_ESSAY 15 DEC 2021

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25 25 PROGRAMAS MODELO / SAMPLE PROGRAMME * ALOJAMIENTO / ACCOMMODATION RESIDENCIA / RESIDENCE FAMILIA ANFITRIONA / HOST FAMILY SUNDAY 09.00 -

Story Transcript

THIS IS DEDICATiON OF STUDENTS

These essays reflect the involvement and dedication of students and teachers towards the organization. This reflects how each and everyone participates in the process of making KVS a strong and powerful Piller of education; and at the same time competes with the need of the present day by digitalization and adhering a techno-friendly approach in the teaching learning process.

This rightly speaks what Education means in KVS ,"EDUCATION IS NOT THE FILLING OF A PAIL, BUT THE LIGHTING A FIRE"

INDEX CAT- I ( STUDENTS) LIST OF PARTICIPANTS S.NO

NAME OF PARTICIPANT

NAME OF KV

CLASS/SECTION

1

NAMITA RAIDAS

JHAGRAKHAND

VII A

2 3

AYUSH MAN DEVANGAN ANURAG SAHU

NO 2 KORBA JAGDALPPUR

XI A VII

4

PALAK RATHORE

RAIGARH

IX A

5

AHARNISH SOUMY

KURUD

VIII A

6

MUKTI SHRIVAS

NO 3 KORBA

IX B

7

KHUSHI

AMBIKAPUR

VIII

8

BHAVIKA SAHU

BILASPUR

IX C

9

AYUSHI MISHRA

SASRAIPALI

IX

10

KIRAN

BMY BHILAI

IX A

11

NUPUR DEVANGAN

NO 1 RAIPUR

XI A

12

AMIT KUMAR

KIRANDUL

XI A

13

SHIFA SIDDIQUI

BILASPUR

IX B

14

ANKITA SAHU

KANKER

XI A

15

MALAY PATEL

NO 4 KORBA

XI A

16

YASH KUMAR

DHAMTARI

VII B

17

SHIVAN SAHU

NARAYNPUR

VIII A

18

ARISHA RAVI

KV BACHELI

VII B

19

SAMRIDDHI RAJAN

KHAIRAGARH

IX A

20

ABHINAV NAIR

KV SUKMA

IX A

21

PRAGATI SAHU

MAHASAMUND

XI

22

LAVANYA

MANENDRAGADH

IX

23

ISHIKA SINGH

JASHPUR

IX A

24

JAI PRAKASH MANNADE

BMY BHILAI

IX B

25

HARSHITA SAHU

KAWARDHA

VI

उत्तम प्रविष्टि निबंध (विद्यार्थी) विषय- प्रबुद्ध और मजबूत भारत को आकार देने में के न्द्रीय विद्यालयों की भूवमका विद्यार्थी का नाम- नवमता रै दास कक्षा – आठिीं ‘अ’ विद्यालय का नाम - कें रीय विद्यालय एस.ई.सी.एल. झगराखंड भूवमका – ‘प्रबुद्ध और मजबूत भारत’ का अर्थथ मम ससे भारत से ले सकते मै जो सामावजक आ्र्थथक राजनैवतक और सांस्कृ वतक रूप में जागृत एिं मजबूत मो | सिथप्रर्थम प्रबुद्ध भारत की पररकल्पना स्िामी वििेकानंद के मन में आयी र्थी उन्द्मोंने ‘प्रबुद्ध भारत’ नामक पविका की शुरुिात िषथ 1896 में की र्थी | प्रबुद्ध भारत पविका ने भारत के अध्यावममक ज्ञान के सन्द्दश े को फ़ै लाने के वलए एक प्रमुख माध्यम के रूप में कायथ ककया मै | इस िषथ 31 जनिरी 2021 को ‘प्रबुद्ध भारत’ की 125 िीं िषथगांठ समारोम का आयोजन भी ककया गया | ‘प्रबुद्ध और मजबूत भारत’ को आकार देने में के न्द्रीय विद्यालयों की भूवमका क्या रमी मै ? इसका उल्लेख मम वनम्नवलवखत वबन्द्दओं ु में कर सकते मैं | कें रीय विद्यालय संगठन - कें रीय विद्यालय संगठन देश का एक प्रमुख शैवक्षक संगठन मै जोकक संपूर्थ भारत में करीब 1248विद्यालयों के माध्यम से विद्यालय स्तर पर (प्रार्थवमक ि माध्यवमक) वशक्षा की सुविधा प्रदान कर रमा मै | के न्द्रीय विद्यालय संगठन की स्र्थापना 1963 में रक्षा अद्धथसैवनक बलों के न्द्र सरकार के स्र्थानांतरर्ीय कमथचाररयों के बच्चों को वशक्षा प्रदान करने ले वलए ककया गया मै और तब से यम भारत के के न्द्रीय माध्यवमक वशक्षा बोडथ से अनुबवन्द्धत मै। इस के अवतररक्त विदेश में तीन के न्द्रीय विद्यालय मैं वजनमें भारतीय दूतािासों के कमथचाररयों तर्था अन्द्य प्रिासी भारतीयों के बच्चे पढ़ते मैं। के न्द्रीय विद्यालयों में भारत के राष्ट्रीय शैवक्षक अनुसध ं ान और प्रवशक्षर् पररषद के पाठ्यक्रम का अनुसरर् मोता मै । कें रीय विद्यालय एिं भारतीय ज्ञान परम्परा - अकसर एक बमस देश में चलती मै कक ममारी वशक्षा व्यिस्र्था को अंग्रेज अफसर मैकाले ने विरिश साम्राज्य के वमत में नष्ट कर कदया। ज्ञान के क्षेि में विश्व का नेतृमि करने िाले भारत की वशक्षा व्यिस्र्था आज मैकाले की पद्धवत से उबर नमीं पाई मै । भारत िम देश मै, जमााँ तक्षवशला एिं नालंदा जैसे विश्व विख्यात विश्वविद्यालय र्थे। परं त,ु कालान्द्तर में वजतने भी आक्रमर्कारी भारत आए, उन्द्मोंने वशक्षा व्यिस्र्था पर आघात ककया। विरिश साम्राज्य में यम काम और अवधक योजनाबद्ध ढंग से ककया गया। अंग्रेजों ने भारत की वशक्षा व्यिस्र्था को ध्िस्त मी नमीं ककया, अवपतु उसे अपने अनुसार बदल कदया। इसके बािजूद भारत में यम परं परा बची रमी कक विद्या अभ्यास से पूिथ विद्यार्थी मााँ सरस्िती एिं ईश्वर का स्मरर् करते मैं। शासकीय मों या वनजी विद्यालय, सभी में सबसे पमले कतारबद्ध मोकर विद्यार्थी प्रार्थथना करते मैं। ज्यादातर प्रार्थथनाएं भारतीय ज्ञान-परं परा से ली गई मैं। यम प्रार्थथना नेक इंसान बनने के वलए प्रेररत करती मैं। उनके अंतमथन को शवक्त एिं शांवत प्रदान करती मैं । कें रीय विद्यालय में मोने िाली प्रार्थथना मै 'ओ3म् असतो मा सद्गमय, तमसो मा ज्योवतगथमय, मृमयोमाथमृतं गमय।'यम प्रवसद्ध श्लोक बृमदारण्यक उपवनषद् से वलया गया मै। यम प्रार्थथना वबना ककसी भेदभाि के सब लोगों को समय के पर्थ पर बढ़ने के वलए प्रेररत करती मै। 'असमय से समय की ओर ले चलो, अंधकार से प्रकाश की ओर ले चलो, मृमयु से अमरता की ओर ले चलो ।' यम भािार्थथ मै, उक्त प्रार्थथना का।

इसी तरम कें रीय विद्यालय संगठन का ध्येय िाक्य 'तत् मिं पूषन् अपािृर्'ु भी हमंद ू ज्ञान-परं परा के िामक ग्रंर्थ ईशािस्योपवनषद् से वलया गया मै, वजसका अर्थथ मै- मे सूयथ ज्ञान पर छाए आिरर् को मिाएं । कें रीय विद्यालय संगठन के उद्देश एिं कायथ - कें रीय विद्यालयों में बच्चों में शैवक्षक श्रेष्ठता भारतीयता की भािना राष्ट्रीय एकता समग्र व्यवक्तमि के विकास के अिसर उपलब्ध मोते मैं यम विद्यालय प्रार्थवमक माध्यवमक एिं उच्च माध्यवमक वशक्षा के क्षेि में स्िच्छता के कें र के रूप में जाने जाते मैं | कें रीय विद्यालय संगठन उत्तर माध्यवमक वशक्षा प्रर्ाली के क्षेि में एक माि ससी संस्र्था मै जो वबना ककसी भेदभाि (जावत धमथ हलंग िंश के आधार पर) के सभी विद्या्र्थथयों को प्रिेश देता मै | भारत में मनाए जाने िाली सभी राष्ट्रीय एिं धा्मथक मयोमारों को कें रीय विद्यालय संगठन ने अपनी वशक्षा प्रर्ाली का खास वमस्सा बनाया मै । कें रीय विद्यालयों में प्रिेश की एक विशेष नीवत अपनाई जाती मै वजसमें भारतीय संविधान का पूरा पूरा सम्मान करते हुए अनुसूवचत जावत अनुसूवचत जनजावत वपछडा िगथ सावजक रूप से अक्षम विद्या्र्थथयों को भी प्रिेश कदया जाता मै । ितथमान वशक्षा प्रर्ाली के अनुसार विद्यालयों में सभी प्रकार के आधुवनक उपकरर्ों की उपलवब्ध सुवनवित करने में कें रीय विद्यालय संगठन काफी सतकथ मै | अमयाधुवनक उपकरर्ों के माध्यम से वशक्षर् कायथ संभि मो यम सुवनवित करने के पूरे प्रयास कें रीय विद्यालय संगठन द्वारा ककए जाते मैं और इसमें काफी मद तक सफलता प्राप्त की जा रमी मै यमां आधुवनक वशक्षर् कायथ ककया जाता मै ताकक बच्चों का सिाांगीर् विकास मो । आज के समय में बहुत से कें रीय विद्यालयों में इन्द्िरे वक्िि बोडथ वशक्षर् कायथ मेतु उपयोग में लाए जा रमे मैं | इस कोरोना ममामारी के दौरान भी कें रीय विद्यालयों ने कं प्यूिर एिं इंिरनेि का उपयोग कर घर बैठे विद्या्र्थथयों तक वशक्षा पहुाँचाने का कायथ ककया मै | एन.सी.ई.आर.िी. एिं के न्द्रीय माध्यवमक वशक्षा बोडथ जैसे अन्द्य शैवक्षक वनकायों के समयोग से कें रीय विद्यालय संगठन द्वारा वशक्षा में प्रयोगाममक तर्था निाचारों को प्रारम्भ तर्था बढ़ािा कदया जाता मै | कें रीय विद्यालय संगठन की िा्षथक गवतविवधयों को इस प्रकार से वनयोवजत ककया जाता मै इसके माध्यम से बच्चों को जीिन के प्रमयेक क्षेि में अपनी योग्यता कदखाने एिं सीखने के समान अिसर प्राप्त मोते मैं | जीिन जीने की कला के सार्थ-सार्थ बच्चों को अनुशावसत कै से बनाया जाए इस ओर विशेष ध्यान कदया जाता मै | इस कायथ मेतु विशेषज्ञों की सलाम ली जाती मै एिं समय-समय पर कायथक्रम आयोवजत ककए जाते मैं | कें रीय विद्यालय संगठन समय-समय पर वशक्षकों एिं बच्चों को प्रोमसावमत करने का प्रयास करता रमता मै इसके वलए समय-समय पर क्षेिीय कायाथलय स्तर पर एिं राष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कारों की घोषर्ा की जाती मै । इसके अवतररक्त वशक्षा मंिालय द्वारा संगठन के उमकृ ष्ट वशक्षकों को राष्ट्रीय पुरस्कार देने की भी व्यिस्र्था की गई मै । ‘भारत स्काउि एिं गाइड’ के माध्यम से ‘सिथ धमथ प्रार्थथना’ का आयोजन कर सभी धमों की प्रार्थथनाओं से बच्चों को पररवचत करिाया जाता मै सार्थ मी सार्थ सभी धमों के ग्रंर्थों को इस प्रार्थथना सभा का साक्षी बनाया जाता मै इस आंदोलन के माध्यम से बच्चों में सामावजक कायों के प्रवत जागृवत पैदा की जाती मै | इस आंदोलन के माध्यम से बच्चों को राज्य स्तर पर एिं राष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कार एिं प्रमार्पि भी कदए जाते मैं । इसके अवतररक्त कें रीय विद्यालयों में ‘जागरूक नागररक कायथक्रम’ का संचालन भी सुचारू रूप से ककया जा रमा मै वजसका उद्देश्य विद्या्र्थथयों में नैवतक मूल्यों का विकास करना तर्था उनकी क्षमताओं को विकवसत करना मै | वनवित रूप से यम कायथक्रम विद्या्र्थथयों को उनके कतथव्यों का ज्ञान एिं उनमें मानिीय मूल्यों को भरने में समर्थथ मो रमा मै | उपसंमार – कें रीय विद्यालय संगठन से संबंध कें रीय विद्यालयों द्वारा विद्या्र्थथयों को गुर्ित्तापूर्थ वशक्षा देने के सार्थ-सार्थ उनका समग्र विकास ककया जाता रमा मै | वनवित रूप से कें रीय विद्यालय के बच्चे वजम्मेदार एिं प्रबुद्ध नागररक बनकर देश के विवभन्न पदों पर आसीन मोकर देश की सेिा कर रमे मै और करते रमेंगे | इस तरम से मम कम सकते मै कक जो सपना कभी स्िामी वििेकानंद ने देखा र्था ‘प्रबुद्ध और मजबूत भारत’ का उस सपना को साकार करने में कें रीय विद्यालय अपनी अमम भूवमका अदा कर रमा मै |

Subject - The Role of KVS in Shaping of Enlightened and Strong India Student Name - Aayushman Dewangan Class - XI A School-Kendriya Vidyalaya No.2 Korba, Chhattisgarh In a society where government managed schools are synonymous with ramshackle infrastructure, truant teachers and poor learning outcomes, KVs improve their vital stats year after year. We are running into the 21st century where technology knows no bounds. This is the phase of radical development where technology is taking over every niche and corner. During the current phase of Covid-19, the education system is evolving digitally for the sake of betterment The CBSE-affiliated Kendriya Vidyalayas (KVs) across the country are co-ed schools where motivation, performance, positive learning outcomes and outstanding examination results are routine. Some of India’s most talented high achievers in fields as varied as science and technology, education, medicine, sports and culture have been nurtured in the country’s Kendriya Vidyalaya schools. Among them: India’s first astronaut Rakesh Sharma; Olympic trap shooting silver medallist Col. Rajyavardhan Singh Rathore; air pistol marksman Jaspal Rana; former Indian test cricketer Narendra Hirwani, and acclaimed film director Prakash Jha. Moreover, numerous KV alumni are employed in the US space agency NASA, Intel, Microsoft and IBM. Little wonder the Kendriya Vidyalaya chain has been ranked ‘India’s most trusted education brand’ in an annual survey commissioned by Brand Equity, the glossy weekly supplement of the Economic Times – by far India’s most widely read business daily – and conducted by AC Nielsen-ORG Marg. The Kendriya Vidyalayas have topped the education segment since 2003. According to the 2007 Brand Equity survey of India’s Most Trusted brands (May 28), KVs are more trustworthy for the quality education they deliver than Delhi Public School, Indian Institutes of Technology (IITs) and the Indian Institutes of Management (IIMs). Widely acclaimed for their consistently outstanding CBSE board exam results, the overall pass percentage of KVs in the school leaving exams of CBSE is recorded the best, comparable with the best-known schools in the private sector. Over the past four decades KVs have achieved varied aims with great success. The academic achievements are outstanding. In sports and extra-curricular education too, KV students are comparable with the best institutions in the private sector. An additional quality control check which is built into the supervisory system is that personnel from the regional offices inspect KVs in their jurisdictional cluster every quarter. This three-tier management structure has ensured standardisation of infrastructure facilities, academic quality and accountability across KVs countrywide. The open secret behind the success of Kendriya Vidyalayas is its well-structured and well-administered organisation. Even though they are funded by the Central government, the apex-level KVS enjoys complete autonomy with minimal interference from government, Moreover, in keeping with best practices in private sector schools, KVs don’t allow over-crowded classrooms, thus imparting quality education throughout the country. Kendriya Vidyalaya Sangathan, the largest chain of institutions in India has initiated towards digitization of education helping in mitigating all of these concerns by providing multimedia teaching tools to teachers and engaging students through

learning methods that utilise digital tools. Online mode of teaching learning in Kendriya Vidyalayas is a captivating approach in which students learn in a better manner. Online courses, competitions and programmes were designed especially for the development and upliftment of all the students, teachers and stakeholders. In this regard online courses are developed by experts who have unmatched proficiency in their specific field and imparted the experience of real-time learning by designing their own online course through the digital platform like Google Classroom, NISHTHA etc. Digitization gave way to the online exam, making the examination process convenient for both teachers and students. Quite clearly the Kendriya Vidyalayas continue to produces resultsand has become a national imperative. The approach paper to the 11th Plan admits as much. “Our longer-term goal should be that all schools in India have physical infrastructure and quality of teaching equivalent to Kendriya Vidyalayas,” it says in a rare tribute to the management of India’s largest chain of schools which offer live proof that public education standards can be sharply upgraded by replication of the KV structure, philosophy and community involvement model and finally shaping enlightened and strong India.

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विषय - प्रबुद्ध और मजबूत भारत को आकार दे ने मे केन्द्रीय विद्यालयोों की भूवमका नाम - अनुराग साहू कक्षा - 8 िी ों विद्यालय का नाम - कें रीय विद्यालय जगदलपुर सरकारी कममचाररयोों के बच्ोों के वलए स्कूल:केंद्रीय विद्यालय ों की स्थापना 1963 में रक्षा और अर्धसैवनक सेिाओों सवित िस्ाों तरणीय केंद्र सरकार के कमधचाररय ों के बच् ों क गुणित्तापूणध विक्षा प्रदान करने के एकमात्र उद्दे श्य से की गई थी। यि वसलवसला पाों च दिक पिले करीब 20 स्कूल ों के साथ िुरू हुआ था। अब, काठमाों डू, मॉस्क और यिाों तक वक तेिरान में भी केिी िैं । स्कूल केंद्रीय विद्यालय सोंगठन (केिीएस) द्वारा चलाए जाते िैं , ज विक्षा मोंत्रालय के तित एक स्वायत्त सों गठन िै और इसे दे ि के कुछ सिधश्रेष्ठ पब्लिक स्कूल माना जाता िै । इन स्कूल ों के लगभग 95% परीक्षावथधय ों ने वपछले पाों च िर्षों में कक्षा 10 और 12 की ब डध परीक्षा उत्तीणध की िै | केन्द्रीय विद्यालय सोंगठन के मुख्य उद्दे श्य 

 

रक्षा तथा अर्धसैवनक बल ों के कावमधक ों सवित केन्द्रीय सरकार के स्थानाों तरणीय कमधचाररय ों के बच् ों क विक्षा के एक समान पाठ्यक्रम के तित विक्षा प्रदान कर उनकी िैवक्षक आिश्यकताओों क पूरा करना । विद्यालयी विक्षा क उत्कृष्टता के विखर पर पहुुँ चाना । केन्द्रीय माध्यवमक विक्षा ब डध (सी.बी.एस.ई.), राष्टरीय िैवक्षक अनुसोंर्ान एिों प्रविक्षण पररर्षद (एन.सी.ई.आर.टी.) जैसे अन्य िैवक्षक वनकाय ों के सिय ग से विक्षा में प्रय गात्मकता तथा



निाचार ों क प्रारम्भ करना और उन्हें बढ़ाना । विद्यावथधय ों में राष्टरीय एकता और भारतीयता की भािना विकवसत करना ।



भारत सरकार के स्थानाों तररत ि ने िाले कमधचाररय ों तथा एक स्थान से दू सरे स्थान पर

पलायन ि ने िाली जनता और इसके अलािा दे ि के दू रिती और अविकवसत स्थान ों में रिने िाली जनसोंख्या के बच् ों के वलए विद्यालय अथाध त केन्द्रीय विद्यालय ों की व्यिस्था करना, स्थावपत करना, वित्तीय सिायता दे ना, वनयों त्रण और रख-रखाि करना इत्यावद िावमल िैं । इसके साथ-साथ ऐसे सभी कायध और सुविर्ाएों उपलब्ध करिाना और अन्य सभी कायध ज ऐसे विद्यालय ों क सोंचावलत करने के वलए आिश्यक ि । पाठ्यक्रम और भाषा सभी स्कूल एक समान पाठ्यक्रम साझा करते िैं और अोंग्रेजी और विों दी में वद्वभार्षी वनदे ि प्रदान करते िैं । िे सििैवक्षक िैं । कक्षा VI से VIII तक सोंस्कृत क अवनिायध विर्षय के रूप में और बारििीों कक्षा तक एक िैकब्लिक विर्षय के रूप में पढ़ाया जाता िै । छठी से आठिी ों कक्षा के छात्र निोंबर 2014 तक जमधन भार्षा का अध्ययन कर सकते थे, जब य जना बोंद कर दी गई थी। लेवकन विर से जारी रखा गया था और कुछ स्कूल ों में कक्षा 10 तक उपलब्ध िै । मॉस्क में, छात्र ों क फ्रेंच या रूसी क अपनी तीसरी या दू सरी भार्षा के रूप में चुनने का अिसर वदया जाता िै । विद्यालय विकास वनवि

केन्द्रीय विद्यालय के छात्र ों के वलए ट्यूिन िीस चाजध की जाती िै , उस वििेर्ष स्कूल के विकास पर खचध की गई आय के साथ स्कूल विकास वनवर् (विद्यालय विकास वनवर्) का भुगतान करना पड़ता िै । अनुसूवचत जावत और अनुसूवचत जनजावत के छात्र ों और केिीएस कमधचाररय ों के बच् ों क ट्यूिन िीस से छूट दी गई िै । ज लड़वकयाों अपने माता-वपता की छठी कक्षा से इकलौती सोंतान िैं , उन्हें ट्यूिन और स्कूल डे िलपमेंट िोंड से छूट दी गई िै । शारीररक गवतविवियाों सोंगठन उन कुछ स्कूल ों में से एक िै ज खेल, खेल, गवतविवर्य ों और सीबीएसई द्वारा अपने छात्र ों क पेि वकए जाने िाले विर्षय ों के सबसे बड़े दायरे में सभी प्रकार की पेिकि करता िै और अपने समग्र ि कस के वलए जाना जाता िै । छात्ोों में िैज्ञावनक सोच पैदा करना छात्र ों में वजज्ञासा जगाने और ि र् की भािना जगाने के वलए सोंगठन ने डे ढ़ साल पिले वजज्ञासा य जना िुरू की थी. सरकार द्वारा सोंचावलत िैज्ञावनक और प्र द्य वगकी अनुसोंर्ान पररर्षद के सिय ग से , यि य जना पररर्षद की 37 प्रय गिालाओों क एक लाख से अवर्क छात्र ों क पढ़ाने िाले 350 केिी से ज ड़े गी। लगभग 60,000 छात्र पिले िी प्रय गिालाओों का दौरा कर चुके िैं और ििाों वकए जा रिे अत्यार्ुवनक ि र् से अिगत हुए िैं । "छात्र ों और िैज्ञावनक ों के बीच बातचीत के माध्यम से, िम युिा मन में िैज्ञावनक स्वभाि और जाों च की भािना पैदा करने और उन्हें िैज्ञावनक अनुसोंर्ान में कररयर बनाने का प्रयास कर रिे िैं ।" छात्र ों क निीनतम तकनीकी विकास से अिगत कराने के वलए, पायलट आर्ार पर ई-प्रज्ञा पररय जना िुरू की गई िै । पररय जना के विस्से के रूप में, प्रत्येक क्षेत्र में 25 केंद्रीय विद्यालय ों में कक्षा 8 के छात्र ों और उनके विक्षक ों के बीच उनके पाठ्यक्रम के काम पर पिले से ल ड वकए गए ई-सामग्री िाले 5,000 टै बलेट पीसी वितररत वकए गए िैं । विचार यि िै वक छात्र ों क जिाों तक सोंभि ि , अपने दम पर अन्वेर्षण करने के वलए तैयार वकया जाए। सोंगठन के अवर्काररय ों का किना िै वक इससे छात्र ों क तेजी से सीखने , ज उन्ह न ों े ख जा िै उसे बनाए रखने और प्रभािी ढों ग से व्यक्त करने में मदद वमलेगी। सुव्यिस्थित प्रणाली केंद्रीय विद्यालय की दे खरे ख एिों ज भी पैसा केंद्रीय विद्यालय में खचध ि ता िै िि पूरा पैसा केंद्र सरकार दे ती िै । केंद्रीय विद्यालय माध्यवमक विक्षा ब डध से अनुबोंवर्त वकया गया िै । भारत दे ि के सभी राज् ों के वजल ों में केंद्रीय विद्यालय ों की सोंख्या 1199 से भी अवर्क िै । भारत दे ि के साथ-साथ विदे ि ों में भी लगभग तीन केंद्रीय विद्यालय चल रिे िैं । विदे ि ों में ज भारतीय नागररक रिते िैं एिों भारतीय दू तािास िै उनके बच् ों क केंद्रीय विद्यालय में विक्षा दी जाती िै । प्राथवमक एिों माध्यवमक विक्षा के माध्यम से उन बच् ों क आगे बढ़ाया जाता िै । केंद्रीय विद्यालय की पूरी व्यिस्था केंद्र सरकार के मोंत्रालय विकास मोंत्रालय दे खती िै । केंद्रीय विद्यालय में बच् ों के पढ़ने एिों खेलने कूदने की व्यिस्था की गई िै । केंद्रीय विद्यालय में मन रों जन की भी व्यिस्था की गई िै ।बेितर से बेितर तकनीक ों के माध्यम से केंद्रीय विद्यालय में बच् ों क विक्षा दी जाती िै । बच् ों के खेलने , कूदने के साथ-साथ अच्छे भ जन की व्यिस्था भी केंद्रीय विद्यालय में की गई िै । केंद्रीय विद्यालय में बच् ों क वनिुल्क डरेस एिों वकताबें भी केंद्र सरकार के माध्यम से मुिैया कराई जाती िैं । केंद्रीय विद्यालय में पानी की उवचत व्यिस्था , िौचालय की उवचत व्यिस्था की गई िै । बैठने की व्यिस्था , उवचत लेब की व्यिस्था भी केंद्रीय विद्यालय में की गई िै । केंद्रीय विद्यालय में बच् ों के खेलने के वलए गाडध न एिों खेलने के वलए मैदान भी बनाए गए िैं । तरि तरि के खेल बच् ों क केंद्रीय विद्यालय में ब्लखलाए जाते िै |

विषय - प्रबुद्ध और मजबूत भारत को आकार दे ने मे केन्द्रीय विद्यालयोों की भूवमका नाम - पलक राठै ार कक्षा - IX A विद्यालय – के.वि रायगढ़ जैसे की िम सभी जानते िैं वक विक्षा और विक्षण सोंस्थान ों का उद्दे श्य छात्र ों में िैज्ञावनक, सामावजक और साों स्कृवतक विकास करना िै ये उद्दे श्य िमारे केन्द्रीयविद्यालय की प्राथधना में भी पररलवक्षत ि ता िै । असत मा सद्गमय , तमस मा ज् वतगधमय , मृत्य माध अमृतम् गमय। इसका आिय िैं वक िे प्रभु ,िमें असत्य से सत्य की ओर ले चल ों ,अोंर्कार से उजाले की ओर ले चल और मृत्यु से अमृत की ओर ले चल । विक्षा ल ग ों के मब्लस्ष्क क बड़े स्र पर विकवसत करने का कायध करती िै तथा इसके साथ िी यि यि समाज में ल ग ों के बीच सभी भेदभाि क िटाने में सिायता करती िै यि िमें अच्छा मनुष्य बनने में मदद करती िै और जीिन के िर पिलू क समझाने के वलए उसक विकवसत करती िैं अब िम केंद्रीय विद्यालय पर चचाध करें गे ,केंद्रीय विद्यालय का आिय िै विक्षा का मोंवदर इसकी स्थापना सन् 1963 में हुई थी त अक्सर िमारे मन में यि तीन प्रश्न उत्पन्न ि ते िैं आब्लखर यि विद्यालय कैसे ि ता ि गा क् ों स्थापना की गई उसका मुख्य उद्दे श्य क्ा िै । केंद्रीय विद्यालय भारत सरकार के अर्ीन सीबीएसई ब डध से सोंबोंवर्त विद्यालय िै वजनमें पिली कक्षा से लेकर बारििी ों कक्षा तक की पढ़ाई ि ती िै केंद्रीय विद्यालय ों में छात्र अोंग्रेजी या विों दी माध्यम से एक माध्यम में पढ़ाई कर सकते िैं भारत की सभी केंद्रीय विद्यालय ों में एक समान पाठ्यक्रम का पालन वकया जाता िैं । केन्द्रीय विद्यालय ों के प्रमुख चार वमिन इस प्रकार िै 1. केन्द्रीय सरकार के स्थानाों तरणीय कमधचाररय ों वजनमें रक्षाArmy- like BSF, CRPF,etc तथा अर्धसैवनक बल ों के कमी भी िावमल िैं , के बच् ों क विक्षा के सामान्य कायधक्रम के तित विक्षा प्रदान कर उनकी िैवक्षक आिश्यकताओों क पूरा करना। 2. .विद्यालयी विक्षा के क्षेत्र में श्रेष्ठता और गवत वनर्ाध ररत करना। 3. केन्द्रीय माध्यवमक विक्षा ब डध (सी.बी.एस.सी.) राष्टरीय िैवक्षक अनुसोंर्ान एिों प्रविक्षण पररर्षद् (एन.सी.ई.आर.टी.) इत्यावद जैसे अन्य वनकाय ों के सिय ग से विक्षा के क्षेत्र में नएनए- प्रय ग तथा निाचार क सब्लिवलत करना। 4. बच् ों में राष्टरीय एकता और ’भारतीयता’ की भािना का विकास करना। केंद्रीय विद्यालय का म ट केंद्रीय विद्यालय सोंगठन का ध्येय िाक् 'तत् त्वों पूर्षन् अपािृणु' भी विों दू ज्ञानपरों परा- के िािक ग्रोंथ ईिािस्य पवनर्षद् से वलया गया िै , वजसका अथध िै - िे सूयध ज्ञान पर छाए आिरण क िटाएों ।दे ि के अनेक विक्षा सोंस्थान ों के ध्येय िाक् भारतीय ग्रोंथ ों से वलया गया िैं । भारत क प्रबुद्ध और मजबूत बनाने की ओर

इस समय भारत में केंद्रीय विद्यालय ों की सोंख्या 1225 िै ।केंद्रीय विद्यालय विक्षा तथा बहुत सारे अिसर प्रदान करता िैं । आगे बढ़ने के वलए प्र त्सावित करता िैं । इसने िमारे दे ि पर िी निीों विदे ि ों पर भी अपनी छाप छ ड़ी िैं । यि िमें सभी क्षेत्र ों में सिलता प्रदान करती िै तथा पररब्लस्थवतय ों से लड़ने की मजबूती प्रदान करती िैं । केंद्रीय विद्यालय में स्काउट गाइड िै ज िमें सोंगवठत ि ने के वलए प्रेररत करता िैं । यि िमें विर्षम से विर्षम पररब्लस्थवत में भी जीिन जीने की कला वसखाता िैं । वजससे िमारा िारीररक और बौब्लद्धक विकास ि ता िैं । और िमें अग्रणी ि ने के वलए प्रेररत करता िैं । इस विद्यालय से विक्षा प्राप्त वकए कुछ प्रवसद्ध िब्लस्याों िै वजन्ह न ों े दे ि में अपना नाम र िन वकया और ज्ञान और आत्म विश्वास का का परचम लिराया। वजनके नाम इस प्रकार िैं साक्षी तनिर -बॉलीिुड अवभनेत्री ,िरभजन वसोंि -प्रवसद्ध वक्रकेटर और राकेि िमाध आद 28 राज् ों और 8 केंद्र िावसत प्रदे ि ों में केंद्रीय विद्यालय अपनी उपब्लस्थवत दजध कराकर भारत के वििाल सोंस्कृवत विविर्ता का समन्वय कर पूरे भारत क एक सूत्र में वपर ने का मित्वपूणध कायध कर रिा िैं । केंद्रीय विद्यालय विवभन्न जगि ों पर िै ज वक बच् ों क विक्षा दे ता िै ज इसके िकदार िैं विक्षा िीएक मात्र सार्न िै वजसके द्वारा व्यब्लक्त अपने जीिन का यापन कर सकते िैं ।वजसके माध्यम से क ई बच्ा आसमान की बुलोंवदय ों क छू सकता िै क् वों क बच्े िी दे ि का भविष्य ि ते िैं । विक्षा िमारे चररत्र का वनमाध ण करती िै । जिाों केंद्रीय विद्यालय में बहुत सारे सार्न ि ते िैं वजससे बच् ों क वकसी भी प्रकार से उनके वजसके द्वारा उनका सोंपूणध विकास ि सके और उनके विकास में वकसी भी प्रकार की क ई बार्ा ना ि । केंद्रीय विद्यालय िमें सोंगीत में, खेल में ,एनएसएस ,एनसीसी पुस्कालय कोंप्यूटर सुविर्ाएों प्रदान करती िै तावक िमारा पूणध विकास ि सके और िम भारत में िमारा भविष्य उज्जिल ि सके और भारत की प्रगवत में िम य गदान दे सकें। विक्षक िै , ज राि वदखाते िैं , िम िै विद्याथी ज िैं ,रािी । पहुों चाती िै मोंवजल, ििाों , ििॉ चािते िैं ,िम जिाों । । इसका अथध क्ा िै वक िम जिाों पहुों चना चािते िैं िम ज बनना चािते िैं ।िम िि बन सकते िैं केंद्रीय विद्यालय िममें इतना आत्मविश्वास भर दे ता िै और इतनी िब्लक्त िममें जगा दे ता िै वक िम ज चािे िि कर सकते िैं ।

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विषय - प्रबुद्ध और मजबूत भारत को आकार दे ने मे केन्द्रीय विद्यालयोों की भूवमका नाम अहर्निश सौम्य कक्षा 8A विद्यालय - के.वि कुरूद हमारे दे श भारत में लगभग 1,230 केंद्रीय विद्यालय है , जो दर्ु नया के स्कूलों की सबसे बड़ी श्ख ृंर ला में से एक है । इसके माध्यम से शशक्षा में निऩीत प्रयोग होते रहते हैं, जो राष्ट्रीय एकता की भािना को विकशसत

करता है । ददल से परस्पर समन्ियता एिृं भाईचारा सम्बल होत़ी है और विद्यार्थियों में भारत़ीयता के बूढ़े विकशसत होते हैं। जैसा कक शशक्षा का ्देशेय य ही है कक मानि पूणतत ि ा के साथ ज़ीने योय य बन सके, एक सुख़ी समाज का र्नमािणत करने में शशक्षा का महत्िपूणति योगदान है । इन सभ़ी बातों को ध्यान में रखकर हमारे केंद्रीय विद्यालय का पाठ्यक्रम एिृं दै र्नक गर्तविर्ियाृं र्निािररत की गई है ।

शशक्षा रोजगारोन्मुख़ी के साथ पररिारोन्मख ु ़ी हो तो समाज में मजबत ू ़ी आत़ी है । इन्हीृं बालों को ध्येय

रखकर हमारे केंद्रीय विद्यालय, सरकार की महत्िपणत ू ि योजनाओृं जैसे: स्िच्छता, किट इृंडिया एक भारत

श्ेष्ट्ठ भारत, एनजी कृंजिेशन, साइृंस एय ज़ीबबशन, पॉल्यश ू न प्ऱीिेशन, कम्यन ु ल हामिऩी इत्यादद अशभयानों को सिल बनाने में महत्िपणत ू ि भशू मका अदा कर रही है । छात्रों में सजगता के साथ समाज में जागरूकता बढ़ रही है ।

हमारे केंद्रीय विद्यालय में सभ़ी िमि विशेष के लोग अध्ययन करते हैं , जजनसे एक दस ू रे को समझने का

अिसर प्राप्त होता है । हमारे पाठ्यक्रम में सभ़ी राज्यों के सभ्यता, सृंस्करर्त, विर्ि, व्यिस्था का विस्तत र िणतिन है , जजनसे हम साििभौशमक एक सूत्रता के शलए प्रर्तबद्ध होते हैं।

यूनेस्को द्िारा अपेक्षक्षत शशक्षा के महत्िपूणति स्तृंभ लर्निंग टू लीि टुगेदर अथाित साथ साथ ज़ीना स़ीखना

को प्रर्तपाददत करत़ी केंद्रीय विद्यालय परृं परा ि आध्याजत्मक मूल्यों के प्रर्त समझ विकशसत कर रहे हैं.

जजनसे परस्पर पूरकता की भािना का विकास हो रहा है । भविष्ट्य में आने िाली चन ु ौर्तयों का हम शाृंर्तपूणति ढृं ग से र्नराकरणत कर सकें. इस योय यता से पूणति हो रहे

हमारे केंद्रीय विद्यालय अपने आदशि िाक्य " तत ् त्िम ् पष ू णत अपािणत र ु को चररताथि करते, विकारों को दरू करते, सदगणत ु ों का विकास कर रहे हैं , जजससे दे श एकता, समन्ियता, अखृंिता की ओर अग्रशसत हैं। प्राच़ीन काल से भारत़ीय र्चृंतन की गौरिशाली परृं परा रही है जो भारत की अखृंिता को मजबूत़ी प्रदान करत़ी है ।

इस़ी कड़ी में शशक्षा की ज्योर्त को प्रकाशशत करते हुए केंद्रीय विद्यालय भारत की एकता को भाि़ी प़ीढ़ी में ब़ीजारोपणत कर रही हैं, जजनसे हमारा दे श भारत निसज र न के साथ प्रबुद्धता के पथ पर अग्रसर है । िन्यिाद!

विषय - प्रबुद्ध और मजबूत भारत को आकार दे ने मे केन्द्रीय विद्यालयोों की भूवमका नाम - कु. मुजक्त श़्ीिास कक्षा - 9 ि़ी 'ब'

विद्यालय - केंद्रीय विद्यालय कुसमुृंिा न. 03 कोरबा छत्त़ीसगढ़ केन्द्रीय विद्यालय भारत में प्राथशमक ि माध्यशमक शशक्षा का प्रबृंि है , जो मुख्यतः भारत की केन्द्र सरकार के कमिचाररयों के बच्चों के शलए बनाया गया है । इस की शुरुआत 1963 में हुई तथा यह तब से भारत के केन्द्रीय माध्यशमक शशक्षा बोिि से अनब ु जन्ित है । इस समय भारत में केन्द्रीय विद्यालयों की सृंख्या 1,225 है । इस के अर्तररक्त विदे श में त़ीन केन्द्रीय विद्यालय हैं जजनमें भारत़ीय दत ू ािासों के कमिचाररयों तथा

अन्य प्रिास़ी भारत़ीयों के बच्चे पढ़ते हैं। विद्यालयों में भारत के राष्ट्रीय शैक्षक्षक अनस ु ृंिान और प्रशशक्षणत पररषद के पाठ्यक्रम का अनस ु रणत होता है । सभ़ी केन्द्रीय विद्यालयों का सृंचालन केन्द्रीय विद्यालय सृंगठन नाम की सृंस्था करत़ी है । केंद्रीय विद्यालय, दर्ु नया के स्कूलों की सबसे बड़ी श्ख ृंर ला में से एक है , भारत में

केंद्रीय सरकारी स्कूलों की एक प्रणताली है जो मानि सृंसािन विकास मृंत्रालय (एमनएचआरि़ी) के तत्िाििान में स्थावपत की गई थ़ी। 1963 में जो व्यिस्था अजस्तत्ि में आई, ्से केंद्रीय विद्यालय के नाम से जाना

गया और बाद में इसका नाम बदलकर केन्द्रीय विद्यालय कर ददया गया। मुख्य ्देशेय य भारत़ीय रक्षा सेिा कशमियों के बच्चों को शशक्षक्षत करना है जो अक्सर दरू स्थ स्थानों पर तैनात होते हैं। यह सेिा ि़ीरे -ि़ीरे

सभ़ी केंद्रीय सरकारी कमिचाररयों के शलए विस्ताररत हो गई। केंद्रीय विद्यालय सृंगठन की बहुत स़ी विशेषताएृं है जैसे-सभ़ी केंद्रीय विद्यालय सह-शैक्षक्षक, समग्र विद्यालय हैं, छठी आठि़ीृं कक्षा से सृंस्करत पढ़ाई जात़ी है - जजससे बच्चो को हमारी प्राच़ीन भाषा के बारे में जानकारी हो

और ्नका महत्ि जान सके, आठि़ीृं कक्षा तक के लडकों के शलए कोई शशक्षणत शल् ु क नहीृं, बारहि़ीृं कक्षा तक की लडककयों और केि़ीएस कमिचाररयों के एसस़ी/एसटी छात्रों और बच्चों के शलए भ़ी यह छूट है । केंद्रीय

विद्यालय अपने कुछ ्दे य यो से भारत को आकार दे ता है जैसे केंद्रीय विद्यालयों में आए ददन कुछ ना कुछ प्रर्तयोर्गताएृं होत़ी ही रहत़ी है जजससे विद्यार्थियों को अपना हुनर ददखने का मौका शमलता रहता है चाहे िो नाच हो, गाना हो खेल कद हो, र्चत्रकला हो। केंद्रीय विद्यालयों में विद्यार्थियों को स्टे ज पर बोलने को मौका ददया जाता है जजससे ्नका आत्मविय िास बढ़ता है । इन विद्यालयों का प्रमख ु ्देशेय य होता है

कक रक्षा तथा अििसैर्नक बलों के काशमिकों सदहत केन्द्रीय सरकार के स्थानाृंतरणत़ीय कमिचाररयों के बच्चों को शशक्षा के एक समान पाठ्यक्रम के तहत शशक्षा प्रदान कर ्नकी शैक्षक्षक आिय यकताओृं को पूरा करना, केन्द्रीय

माध्यशमक

शशक्षा

बोिि

(स़ी.ब़ी.एस.ई.), राष्ट्रीय

शैक्षक्षक

अनुसृंिान

एिृं

प्रशशक्षणत

पररषद

(एन.स़ी.ई.आर.टी.) जैसे अन्य शैक्षक्षक र्नकायों के सहयोग से शशक्षा में प्रयोगात्मकता तथा निाचारों को प्रारम्भ करना और ्न्हें बढ़ाना विद्यार्थियों में राष्ट्रीय एकता और भारत़ीयता की भािना विकशसत करना, भारत सरकार के स्थानाृंतररत होने िाले कमिचाररयों तथा एक स्थान से दस ू रे स्थान पर पलायन होने िाली जनता और इसके अलािा दे श के दरू िती और अविकशसत स्थानों में रहने िाली जनसृंख्या के बच्चों के शलए विद्यालय यहअथाित केन्द्रीय विद्यालयों की व्यिस्था करना, स्थावपत करना,

वित्त़ीय सहायता दे ना, र्नयृंत्रणत और रख-रखाि करना इत्यादद शाशमल हैं । इसके साथ-साथ ऐसे सभ़ी कायि और सवु ििाएृं ्पलब्ि करिाना,विद्यालय़ी शशक्षा को ्त्करष्ट्टता के शशखर पर पहुुँचाना, स्कूली शशक्षा के क्षेत्र में ्त्करष्ट्टता हाशसल करने और गर्त र्निािररत करना, अन्य र्नकायों जैसे केंद्रीय माध्यशमक शशक्षा बोिि और राष्ट्रीय शैक्षक्षक अनस ु ृंिान और प्रशशक्षणत पररषद आदद के सहयोग से शशक्षा में प्रयोग और निप्रितिन की

शुरुआत करना, स्कूलों को प्रदान करने, स्थावपत करने, बनाए रखने, र्नयृंत्रणत और प्रबृंिन करने के शलए, इसके बाद भारत सरकार के राृंसएफ़रे बल कमिचाररयों के बच्चों के शलए 'केन्द्रीय विदयालय' कहा जाता है , अस्थाय़ी आबादी और अन्य जजनमें दे श के दरू स्थ और अविकशसत स्थानों में रहने िाले और ऐसे स्कूलों

के प्रचार-प्रसार के शलए आिय यक सभ़ी कायि और च़ीजें करना और केंद्रीय विद्यालय का सबसे महत्िपूणति ्दे य या है कक राष्ट्रीय एकता की भािना विकशसत करना और बच्चों में "भारत़ीयता" की भािना पैदा करना। केंद्रीय विद्यालयों में ए.स़ी.प़ी क्लासेस होत़ी है जजससे बच्चे अपने आप को जानते है और अपने समाज की अच्छी बुरी च़ीजे समझ पाएृंगे और सही गलत की पहचान कर पाएृंगे। यहाृं हर साल विय ि पयाििरणत ददिस के अृंतगित सभ़ी विद्याथी एक पौिा लाते है और विदयालय के बग़ीचों में ्स़ी ्गाते है और यह काम भारत के सभ़ी केंद्रीय विद्यालयों में होते है जजससे भारत के पयाििरणत में पेड और पौिों कक सृंख्या

बढ़ जात़ी है । यह विद्यार्थियों को अपादहज लोगो के शलए अपने मोहल्ले ि आस पडोस से ्न लोगो के शलए चृंदा इकट्ठा करने को कहत़ी है और सभ़ी बच्चे यह काम करते है और ्न जमा ककए गए पैसे को ्न अपादहज ि बेसहारा लोगो के रहन सहन और ्नकी जरूरतों के शलए ददया जाता है यह काम भारत के सभ़ी केंद्रीय विद्यालयों में ककया जाता है इससे भारत के बेसहारा लोगो को मदद शमलत़ी है । इस तरह केंद्रीय विद्यालय प्रबुद्ध और मजबूत भारत को आकार दे ने में अपऩी भूशमका र्नभाता है ।

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विषय - प्रबुद्ध और मजबूत भारत के वनमाथर् में कें रीय विद्यालय की भूवमका नाम – ख़श ु ़ी

कक्षा – 08 ि़ी विद्यालय

- के.वि अृंबबकापरु

के न्द्रीय विद्यालय संगठन (के िीएस) कें रीय विद्यालयों की एक श्रृंखला मै जो भारत में कें र सरकार के स्कू लों की एक प्रर्ाली मै जो भारत सरकार के वशक्षा मंिालय (एमओई) द्वारा अवधकृ त मै। इसके भारत में 1,245 कें रीय विद्यालय और विदेशों में तीन विद्यालय मैं। यम दुवनया में स्कू लों की सबसे बडी श्रृंखलाओं में से एक मै। केेन्द्रीय विद्यालय संगठन का मुख्यालय नई कदल्ली में वस्र्थत मै, देश भर में फै ले अपने 25 क्षेिीय कायाथलयों (आरओ) की समायता से भारत और विदेशों में 1200 से अवधक के न्द्रीय विद्यालयों का प्रबंधन करता मै। (कें रीय विद्यालय संगठन) के तमत सभी कें रीय विद्यालय कें रीय माध्यवमक वशक्षा बोडथ (सीबीएसई) से संबद्ध मैं। इस प्रर्ाली की स्र्थापना 15 कदसंबर 1963 को 'सेंट्रल स्कू ल' के नाम से की गई र्थी। बाद में इसका नाम बदलकर के न्द्रीय विद्यालय कर कदया गया। पूरे भारत में सभी कें रीय विद्यालयों में एक समान पाठ्यक्रम का पालन ककया जाता मै। के न्द्रीय विद्यालय संगठन एक सामान्द्य पाठ्यक्रम प्रदान करता मै और यम रक्षा और अधथ-सैन्द्य क्मथयों सवमत कें र सरकार के मस्तांतरर्ीय कमथचाररयों के बच्चों को वशक्षा की एक सामान्द्य प्रर्ाली भी प्रदान करता मै। के िी संगठन (के न्द्रीय विद्यालय संगठन) का इरादा यम मै कक सरकारी कमथचाररयों के बच्चों को भारत में एक स्र्थान से दूसरे स्र्थान पर स्र्थानांतररत मोने पर ककसी भी वशक्षा नुकसान का सामना नमीं करना पडता मै। ये स्कू ल 50 साल से अवधक समय से चल रमे मैं। के न्द्रीय विद्यालय ने कई उपलवब्धयां मावसल की मैं क्योंकक लगभग 13,75,795 छाि मैं जो ितथमान में कें रीय विद्यालयों में पढ़ रमे मैं। 984 के न्द्रीय विद्यालय अपने स्ियं के स्र्थायी भिनों में चल रमे मैं। के न्द्रीय विद्यालय में इन कदनों लगभग 48,791 कमथचारी कायथरत मैं। कें रीय विद्यालय के बारे में खास बातें:1. सभी कें रीय विद्यालय सीबीएसई पाठ्यक्रम का पालन करते मैं और छठी से आठिीं कक्षा तक संस्कृ त को अवनिायथ विषय के रूप में पढ़ाया जाता मै। 2. के िी कमथचाररयों के बच्चों और एससी/एसिी छािों को ट्यूशन फीस से छू ि दी गई मै। 3. छठी कक्षा से एकल बावलका को ट्यूशन फीस से छू ि दी गई मै। 4. अन्द्य संस्र्थानों/स्कू लों की तुलना में कम शुल्क। के न्द्रीय विद्यालय में पढ़ने िाले छाि ममेशा एक बडे लाभ में मोते मैं क्योंकक के न्द्रीय विद्यालय छािों को मर संभि चीज़ जैसे वचि कला, नृमय, गायन, खेल, आममविश्वास विकवसत करना, ककशोरािस्र्था आकद के वलए तैयार करता मै।यम सब प्रवतकदन स्कू ल आने के वलए छािों की रुवच को बढ़ाता मै। के न्द्रीय विद्यालय के वशक्षक बहुत वशवक्षत और विनम्र मैं। िे जानते मैं कक सभी छाि अध्याय की अिधारर्ा को कै से समझेंगे। यम छािों के वलए बहुत मददगार मै। िे बच्चों को बचपन से मी मर क्षेि में तैयार करते मैं। के न्द्रीय विद्यालय प्रबुद्ध और मजबूत भारत को आकार देने में बहुत मममिपूर्थ भूवमका वनभाते मैं। िे छािों को मर क्षेि में तैयार करते मैं जो सीधे ममारे देश भविष्य को बेमतर बनाने में मदद करता मै।

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विषय - प्रबुद्ध और मजबूत भारत को आकार दे ने मे केन्द्रीय विद्यालयोों की भूवमका नाम-भाविका साहू कक्षा-9 'स'

विद्यालय – के.वि बबलासपरु

केंद्रीय विद्यालय सृंगठन Kendriya Vidyalaya Sangthan, KVS भारत़ीय सरकार के मानि सृंसािन विकास मृंत्रालय (MHRD) के अृंतगित आने िाली एक स्िायतशास़ी सृंगठन हैं। जजसकी स्थापना भारत़ीय शशक्षा प्रणताली को प्रभािशाली बनाने एिृं शशक्षा के क्षेत्र में व्यापकता लाने के शलए ककया गया था। इस सृंगठन के र्नमािणत का सबसे बडा ्देशेय य स्थानाृंतररत पदों में कायिरत कमिचाररयों के

बच्चों को समान स्तर एिृं समान पाठ्यक्रम की शशक्षा दे ने हे तु ककया गया था। इस प्रकार की शशक्षा हे तु सििप्रथम "रे ज़ीमें ट स्कूलों की स्थापना की गई। 1963 में इन स्कूलों की सृंख्या लगभग 20 थ़ी।

इसके सृंगठन की सृंरचना एि ्देशेय य भ़ी निोदय विद्यालय सशमर्त NVS की भाृंर्त ही हैं। 1965 में केंद्रीय सरकार ने ऐसे कमिचाररयों के बच्चों को शशक्षा प्रदान करने हे तु ऐसे कई

विद्यालयों की स्थापना करना शरू ु ककया जजनका सृंबृंि स़ीिे केंद्र से था। भारत़ीय सरकार ने सििप्रथम 20 रे ज़ीमें ट स्कूलों को शशक्षा विभाग के अृंतगित सजम्मशलत ककया। इन्हें ही केंद्रीय विद्यालयों का दजाि ददया गया। इनका पाठ्यक्रम केंद्रीय माध्यशमक शशक्षा बोिि

CBSE के अृंतगित स्थावपत ककया गया। तत्पय चात ऐसे स्कूलों को पणत ि ा प्रदान करने हे तु ू त केंद्रीय विद्यालय सृंगठन (Kendriya Vidyalaya Sangthan KVS का गठन ककया। केंद्रीय विद्यालय संगठि के उद्देश्य 1) स्थानाृंतररत पदों पर कायिरत कमिचाररयों के बच्चों को समान शशक्षा समान पाठ्यक्रम

के साथ प्रदान करना। 2) विद्यालयों में आिर्ु नक तकऩीकों एिृं आिय यकताओृं के अनरू ु प शशक्षा प्रदान करना।

3) केंद्रीय विद्यालयों का विकास करना ्समें गुणतित्तापणत ू ि तत्िों का समािेश करना। 4) सभ़ी छात्रों को शशक्षा के समान अिसर ्पलब्ि कराना | ***********

विषय - प्रबुद्ध और मजबूत भारत को आकार दे ने मे केन्द्रीय विद्यालयोों की भूवमका आयष ु ी ममश्रा

कक्षा - ििमी – अ

विद्यालय - केंद्रीय विद्यालय सरायपाली केन्द्रीय विद्यालय भारत में प्राथशमक ि माध्यशमक शशक्षा का प्रबृंि है, जो मख् ु यतः भारत की केन्द्र सरकार के कमिचाररयों के बच्चों के शलए बनाया गया है । इस की शरु ु आत 1963 में हुई तथा यह तब से भारत के केन्द्रीय माध्यशमक शशक्षा बोिि से अनब ु जन्ित है । इस समय भारत में केन्द्रीय विद्यालयों की सृंख्या 1,225 है । इस के अर्तररक्त विदे श में त़ीन केन्द्रीय विद्यालय हैं जजनमें भारत़ीय दत ू ािासों के कमिचाररयों तथा अन्य प्रिास़ी भारत़ीयों के बच्चे पढ़ते हैं। विद्यालयों में भारत के राष्ट्रीय शैक्षक्षक अनस ु ृंिान और प्रशशक्षणत पररषद के पाठ्यक्रम का अनस ु रणत होता है । सभ़ी केन्द्रीय विद्यालयों का सृंचालन केन्द्रीय विद्यालय सृंगठन नाम की सृंस्था करत़ी है । केंद्रीय विद्यालय का शमशन-केन्द्रीय विद्यालयों के प्रमख ु चार शमशन इस प्रकार है 1. केन्द्रीय सरकार के स्थानाृंतरणत़ीय कमिचाररयों जजनमें रक्षा तथा अििसर्ै नक बलों के कमी भ़ी शाशमल हैं, के बच्चों को शशक्षा के सामान्य कायिक्रम के तहत शशक्षा प्रदान कर ्नकी शैक्षक्षक आिय यकताओृं को परू ा करना। 2. विद्यालय़ी शशक्षा के क्षेत्र में श्ेष्ट्ठता और गर्त र्निािररत करना। 3. केन्द्रीय माध्यशमक शशक्षा बोिि (स़ी.ब़ी.एस.स़ी.) राष्ट्रीय शैक्षक्षक अनस ु ृंिान एिृं प्रशशक्षणत पररषद् (एन.स़ी.ई.आर.टी.) इत्यादद जैसे अन्य र्नकायों के सहयोग से शशक्षा के क्षेत्र में नएनए प्रयोग तथा निाचार को सजम्मशलत करना। 4. बच्चों में राष्ट्रीय एकता और ’भारत़ीयता’ की भािना का विकास करना। भारत में ही नहीृं भारत के बाहर केन्द्रीय विद्यालय काठमाृंिू, मास्को ि तेहरान में जस्थत हैं। केन्द्रीय विद्यालयों की छात्रों के चहुमख ुि ़ी विकास करने के शलए सराहना की जात़ी हॅ । शशक्षा के स्तर को भ़ी अच्छा माना जाता हॅ । इन विद्यालयों में विशभन्न आर्थिक जस्थर्तयों

ि दे श के विशभन्न भागों के लोगों के बच्चे एक साथ पढ़ते हैं जजससे की छात्रों के व्यजक्तत्ि का सृंतशु लत विकास होता है। मै (आयष ु ़ी शमश्ा) केंद्रीय विद्यालय सरायपाली छत्त़ीसगढ़ से यह गिि से कह सकत़ी हूृं कक हम

शसिि पढ़ाई के क्षेत्र में ही नहीृं ज़ीिन मैं काम आने िाले सभ़ी क्षेत्रों की ज्ञान है जो

कक हमें सिल व्यजक्तत्ि की पहचान बनात़ी है यह हमें सबसे अलग बनात़ी है जो कक हमारी स्िवििक और हमारे गुरुओृं के द्िारा ददए गए ज्ञान से हम केंद्रीय विद्यालय के विद्यार्थियों को सम्मान ददलात़ी है। हमारी सिलता की पहचान है हमारा केंद्रीय विद्यालय हमरे शलए महान है हमें हर क्षेत्र में आगे बढ़ाएृं ज़ीिन में आने िाली कदठनाइयों को सल ु झाना शसखाएृं हमें एकता का बल बताएृं ज़ीिन में अपनापन होने का मतलब समझाएृं ज़ीिन में राह अलग हो मृंजजल एक है

मेरी मृंजजल मै केंद्रीय विद्यालय का वििेक है । िन्यिाद|

विषय - प्रबुद्ध और मजबूत भारत को आकार दे ने मे केन्द्रीय विद्यालयोों की भूवमका नाम- ककरणत गोििे कक्षा 9

विद्यालय - के.वि शभलाई मैं अपने आप को भाय यशाली महसस ू करत़ी हूृं क्योंकक मैं केंद्रीय विद्यालय के विद्याथी हूृं। केंद्रीय विद्यालय अच्छी शशक्षा के साथ-साथ खेलकूद सृंग़ीत नत्र य की भ़ी बहुत अच्छी सवु ििा है । केंद्रीय विद्यालय में शशक्षा और खेल कूद को सामान तरह से दे खा जाता है । विद्यार्थियों को जजस में रुर्च हो ्स़ी काम में

आगे ले जाने का काम करता है। केंद्रीय विद्यालय के शशक्षक विद्याथी को आत्मर्नभिर होना शसखात़ी है । विद्याथी को अपने बडो का सम्मान करना शसखाता

है । केंद्रीय विद्यालय भारत में होने िाली हर छोटी-छोटी गर्तविर्ियों से विद्याथी

को पररर्चत रखता है। केंद्रीय विद्यालय सृंगठन की िजह से हमें एनस़ीस़ी के बारे में जानने का मौका शमला। केंद्रीय विद्यालय के शशक्षक ि विद्याथी को अच्छी शशक्षा दे ने के साथ-साथ विद्यार्थियों के बाल विकास पर भ़ी ध्यान दे ता है

ताकक आज के बच्चे कल भारत का सन ु हरे भविष्ट्य शलखें । केंद्रीय विद्यालय के बहुत से विद्याथी आज बड़ी से हजस्तयाृं बन चक ु े हैं। जैसे अशभनेत्ऱी ऐय ियाि राय और सजु ष्ट्मता सेन, ओलृंवपक शसल्िर मेिल विजेता राज्यिििन राठौड भारत के पहले एस्रोनॉट राकेश शमाि और भ़ी बहुत से हजस्तयाृं है । िन्यिाद

SUBJECT – ROLE OF KENDRIYA VIDYALAYA IN SHAPING ENLIGHTENED AND STRONG INDIA Name - Nupur Dewangan Class XI “A” School - KV No. 1 Raipur (Shift 2) India, one among the most watched emerging economies, is also a land of opportunity. The strength of the nation and the future lies in the hands of the youth. “ If we release the locked potential in every child, there is nothing that India cannot achieve.” - A.P.J. Abdul Kalam. The future of India depends on our students, a country’s name and fame rest on the youth. They are the root of development in the country, and the upcoming leaders of the nation. The students are to be shaped for national development and also for their own better future. Thus, education plays the role in shaping our future generation and achieving the dream, the goal humankind has set for himself. Education is necessary to Ignite Minds, to Enlighten, Foster Creativity and Empowerment. The Government has strongly emphasised that imparting quality education to students is a must exercise and there should be more and more innovative ways to build up a new generation for a culturally rich nation like India. This aim is achieved by schooling system. Thus, the KENDRIYA VIDYALAYA SANGATHAN (KVS), a system of central government schools in India was setup under the aegis of the Ministry of Education, Government of India. The primary aim of the Sangathan is to provide, establish, endow, maintain, control and manage the central school (Kendriya Vidyalayas) located all over India and abroad. The Kendriya Vidyalayas were established in 1963 with the sole purpose of offering quality education to the children of transferable central government employees, including those in the defence and paramilitary services. KVS believes in imparting knowledge/values and nurturing talent, enthusiasm, and creativity of its students for seeking excellence through high quality educational endeavours. The Vidyalaya also has several committees for the holistic development of the students and well maintenance of the school compound and system. The objective of KVs is to initiate and promote experimental and innovativeness in education in collaboration with other bodies like the CBSE and NCERT etc. A uniform curriculum is followed by schools all over India. By providing a common syllabus and the system of education, the Kendriya Vidyalayas are intended to ensure that the children of government employees do not face education disadvantages when their parents are transferred from one location to another. The Kendriya Vidyalayas are co-educational, composite schools. They affiliated to CBSE. There are common text-books and bilingual medium of instructions for the Kendriya Vidyalayas. Various regional languages are also given equal place for teaching and learning for the students. The quality of teaching is kept reasonably high by an appropriate teachers-pupil ratio. These are some of salient features which allows the students to enhance their education skills and knowledges in KVs. Thus, by educating our youth, the future of any country like India will be secured. It develops the spirit of national integration and create a sense of “Indianness” among children. Young mind will be more fresh and innovative which helps in the progress of the country. But adequate opportunities should be given to the youth to represent their ideas and policies for the upliftment of the nation. Education is the most important tool for transformation of the society through Enlightenment and Empowerment and thereby, making our country strong. Thus, KVs provides these opportunities through education which opens the door to bright future of India.

SUBJECT – ROLE OF KENDRIYA VIDYALAYA IN SHAPING ENLIGHTENED AND STRONG INDIA NAME – AMIT KUMAR CLASS – 11TH SCHOOL - KENDRIYA VIDYALAYA KIRANDUL K.V.S. ( Kendriya Vidyalaya Sangathan ) was established on 15th December, 1963. Its main motive was to cater to the educational needs of the children of transferable Central Government employees by providing a common programme of education. There are a number of duties and responsibilities performed by K.V.S. The children get equality and there is no race discrimination in the schools of K.V.S. The schools take less fee as compared to other schools which becomes very beneficial for the poor people. They get good knowledge in such a less fee amount. Students from Scheduled castes and Scheduled tribes are exempt from tuition fees, which enables them to get a good knowledge and fight many national and international competitions. This Sangathan organizes various competitions in its school which enhances the knowledge of the children and makes them self- confident which becomes very necessary in today’s life. Wherever, we go we need a person who can express itself in a better way and can use his knowledge to overcome the difficulties in his work and life. This opportunity is given by K.V.S. by which every child could develop a good character in his life: To encourage/create general awareness, an inquiring mind and team spirit among the students, various clubs have been formed in which the children and teachers participate actively. ECO Club - The school eco club not only strives a sense of understanding of clean and healthy environment but also stresses the need to save and preserve it, to provide an aesthetically appealing environment. Health Awareness Programme To create awareness amongst students & neighbouring areas towards using eco –friendly things e.g. use of paper bags, saying no to crackers, minimizing wastage of water, minimizing of pollution & use of herbal colours on Holi, Plantation of trees, To develop garden of medicinal plants, To conduct test under Green Olympiad, Effect of depth on the seed germination, Effect of Tobacco Smoking tobacco chewing on the health of a person, Study of dominant and recursive traits in human population and many more. UNESCO Club - To make the children aware of various agencies of UNESCO, to organize G.K. tests. Adventure Club Students are encouraged to participate in adventure activities like mountaineering, Rock climbing, Trekking, Para-sailing, Kayaking etc. Astronomy Club -Visits to Nehru planetarium,Sky gazing at night, Study of constellations, Study of comets. PROGRAMMES - Life skills education has become a part of our curriculum to map possible routes and to enable young people to identify their potential and make them socially aware and responsible citizens. Self-exploration, character development, learning languages, development of positive attitude, tolerance, maintenance of a clean environment, development of problem solving skills and an understanding of social issues are some of the issues highlighted. NIE & PACE With the intent of keeping the children abreast of the current affairs and to imbibe the reading habit in the students, they are offered to choose the Times of India under NIE scheme or the Hindustan Time under PACE. It is imperative that the students become aware if the latest trends, different career avenues open to them. In addition, the children are also given a platform to express themselves in the form of articles and poems. HRIDAYSHAN At school level, Regional level

and National level Science exhibition are organized. Health related activities in association with HRIDAY SHAN (Health Related Information Dissemination Among youth –Student Health Action Network) are taken up in the Vidyalaya. Health Awareness Programmes Lectures are being organized on general hygiene during the morning assembly. Social Awareness Programs - The nation is built in the classrooms. Social awareness programs like ‘Ban Domestic Child Labour’, 'Save Water Resources', 'Energy conservation' are conducted in the school. The students are a powerful resource to change the mindset of the community around them. SPIC MACAY with an aim to bridge the cultural gap and revive the Indian heritage and cultural, SPIC MACAY Programmes are organized under Virasat in the Vidyalaya from time to time. Guidance & Counselling - The school conducts career counselling sessions for the students of class X and XII in the collaboration of well reputed agencies to make them aware of the career avenues open to them e.g. Indian Military Services. The Vidyalaya is divided into houses. Regular inter house competitions are held in dance, music, recitation, calligraphy, drawing, painting, debates and declamation etc.The idea is to inculcate a sense of healthy competition. Inter house competitions are held ensuring mass participation. There is a regular inspection in the schools of K.V.S. by AC or DC in ensuring the quality of education, as it is almost the sole method by which governments can ensure and evaluate the quality of education. There are various platforms in K.V.S. which becomes very beneficial for the students in their future and getting a better profession in their life. Funds are collected by K.V.S. in order to help the Disaster affected people and makeup the mindset of the children to help the people in need and do something to make India strong. Various programmes under “Azadi Ka Amrit Mahotsav” are held so that every child can participate in it and try to do something to make India proud and strong.

At last, I think that K.V.S. play a major role in shaping of enlightened and strong India. The K.V.S. mission is to blend the strong cultural fundamentals education and Indian traditions with advanced scientific learning tools and techniques to foster Academic Excellence, Physical Fitness, Psychological and Spiritual Health and Social consciousness.

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SUBJECT – ROLE OF KENDRIYA VIDYALAYA IN SHAPING ENLIGHTENED AND STRONG INDIA By - Shifa Siddiqui Class - IX ‘B’ SCHOOL – KV BILASPUR The KENDRIYA VIDYALAYA SANGATHAN is a system of central government schools in India that are instituted under the aegis of ‘MINISTRY OF EDUCATION’ and ‘GOVERNMENT OF INDIA’.As of August 2021, it has a total of 1,248 schools in India, and three in the abroad in MOSCOW, TEHRAN and KATHMANDU. It is one of the world’s largest chains of schools being controlled by 25 Regional Offices and 05 ZIETs (Zonal Institute of Education and Training) under KVS (HQ). The Kendriya Vidyalayas run according to Central Board of Secondary Education (CBSE). Benefits for Teachers and Students It is the most beneficial schools in India, with central funding KVs provide all sorts of facilities to their students in for much less fees as compared to private school with similar resources. Fee on KVs is already less than private school. Only boys from class IX onward are charged to pay tuition fee. By KVs a middle class parent can send his/her child to one of the best school with several resources and with less fees. Students of KVs get various opportunities to show their talents, in every Wednesday a competition called CCA (Co-Curricural activities) are held. There are separate activities for PRIMARY SECTION, SECONDARY SECTION AND SENIOR SECONDARY SECTION. The Kendriya Vidyalayas are not only beneficial for student but also for the teachers, as it provides them the following advantages –   

Free quarters near school for living with all resources. Good Income. Along with teaching, teachers get many chances to have other experiences.

Importance of KVs By providing a common syllabus and system of education, the Kendriya Vidyalayas are intended to ensure that the children of government employees do not face educational disadvantages when their parents are transferred from one location to another. The school have been operational for more than 50 years. Role of KVS in the development of INDIA As we all know that KVs provide various resources, various platforms, various competitions for the students so that they can show their talents to whole school or district in their respective platforms. Students can show their talents in sports, music, art and crafts and as CBSE has introduced AI for senior classes, they can increase their knowledge in technology also. If a student have ability to have a great future and a bright future these resources are sufficient and a student has studied in Kendriya Vidyalaya them he or she can definitely have a good job and a bright future. So if we talk about its role then I can say that KVs play a major role in development of India. Being a student of KV I am very proud that I am studying in the best school of India.

SUBJECT – ROLE OF KENDRIYA VIDYALAYA IN SHAPING ENLIGHTENED AND STRONG INDIA STUDENT NAME - ANKITA SAHU CLASS 11 A SCHOOL - KV KANKER Kendriya Vidyalaya plays a better role in shaping enlightened and strong India. It is a system of central government schools in India that are instituted under the aegis of the Ministry of Education, Government of India. It has a total of 1248 schools in India. It is one of the world’s largest chains of schools being controlled by 25 regional offices and an 05 ZIETs and KVs. It is a non- profit organization. It’s schools are all affiliated to the CBSE. It’s main objective is to educate the children’s of the Indian defence services. A1 uniform curriculum id followed by schools all over India. By providing a common syllabus and system of education, the Kendriya Vidyalayas are intended to ensure that to the children of government employees do not face education disadvantages when their parents are transferred from one location to another. The schools have been operational for more than 50 years. The real power lies with the commissioner of KVs; there are additional commissioners to accompany the commissioner. The head of KVs region is Deputy Commissioner accompanied by an assistant commissioner. The Vidyalaya Also has several committees for the holistic development of the student and well maintenance of the school compound and system to cater to the educational needs of the children of transferable central government employees including defence and para military personnel a by providing a common program of education, is the main objective of these schools and other is to initiate and promote experimentation and innovativeness In education in collaboration with other bodies like the central board of secondary education and National Council of educational research and training etc. and to develop the spirit of national integration and create a sense of “Indianness” among children. In Kendriya Vidyalayas creative and critical thinking tests are organized. In this programme enhance critical and creative thinking and to generate curiosity in students by connecting learning with real life situations and deeply using skills, behaviours and dispositions such as reasoning, logic, resourcefulness, imagination and innovation in all learning areas at school and in their lives beyond school. Even at the time of pandemic KVS launched several activities for the holistic development of the children. It all started with the continuation of classes through virtual mode. Counselling sessions were also provided to us if we were not able to understand or cope with the education through virtual mode. E-classrooms, digital library was created. Through virtual mode the conduction of sports activities, art and craft and several other activities were made accessible to all students. Several devices were also distributed to those who were unable to get the device to connect through the classes. This shows the determination and dedication of the organisation to make sure each and every child gets the access to education however the circumstances may be. Awakened citizen program organized in school also teaches a lot to students. It is a three-year graded value education program for students in the middle school and high school, run by the Ramkrishna mission. ACP seeks to empower students in real and tangible ways to develop as enlightened citizens who can stand on their own feet and make responsible choices. Many more activities and programs like that above are done in Kendriya Vidyalayas which helps in making of enlightened and strong India.

SUBJECT - ROLE OF KVS IN SHAPING ENLIGHTENED & STRONG INDIA. STUDENT NAME :- MALAY PATEL CLASS 11TH A SCHOOL - KENDRIYA VIDYALAYA NO. 4 KORBA Education in KVS is fundamentally a valuable asset for humans. Education means to know various things and explores the world of their knowledge. It is one of the primary factors in one’s life that helps them to face most of the challenges. Therefore, it is said that educated people not only live but they enjoy their life while uneducated people do not. Education is the primary tool for the success of the parallel world which reveals the importance of education in itself. Therefore as observed the education helps in the finishing of one’s character, discipline, curiosity, knowledge and right livelihood. Education is the reason that educated people (social reformers, religious man, humanistic philosophers, scientists, writers, etc.) are known as the prestigious faces of the society. Today, everyone wants to fulfil their wish and become successful. It is only education that enables one to reach one’s goals. n such a competitive world, education is the essential requirement of every individual. Education fulfils one’s life with joy and happiness. An educated person is more satisfied with his life, or we can say that education gives the reason to be alive in this world. Education steps simultaneously with your life till the end. There are lots of reason why is education important in one’s life. The very first thing that one can get livelihood that is that prior thing in human life to live. Education is a platform by which one can get success and reach the top of destination. It is a fact that the more educated you are the much wealthier you are. Education improves the mentality and behaviour of people. Thus, educated people are more sensible and calm. They treat animals and nature politely too. They have an advanced and developed mind. Also, they desolate the surrounding of superstitious and makes others believe in reality. A quality education system in the country lessen the corruption and terrorism and encourage its progress. Education makes a man be responsible and follow the rules and regulation of the society. Hence they have unique fame in the community. Also, they work thoughtfully and improves their social status. Such qualities sometimes offer them recognition of good leader or respected profession. Education is essential for both men and women to understand every aspect of life. Today, the criteria and the theme of the education is entirely different than earlier. Many national programmes are also promoting education and making it accessible. Education in the society mitigates all the differences and giving responsibilities, duties, social and human rights as well. Today, you live in a technical world just because of educated people. People invented lots of gadgets, machines, instrument, communication tools, etc. A country well-equipped with science and technology is known as strengthening and advanced country. In earlier days, there was lack of education. But today, education systems are growing day by day and thus, people enlarge their views all over the world.

In KVS the authorities focuses on competition to prepare their students as fighter for the future . they ensure the capability of the student in different faculties like in sports , cultural activities,stand alone challenges and different types of group challenges .There is no other school where such a lot of activities are organised .the below are the following pillars of KVS which ensures the bright future of the student. (i) Achieve knowledge: Education gives your world-wide information and basic knowledge about the society. You gain the experience about religions, facts, truths, stuff (school subjects). Also, a better understanding also helps you to live a balanced life and makes you mentally healthy. (ii) Secured Career: Educated people have a key to secure their future ethically. Every sector requires a degree or higher qualification to offer a job. Some people collect the learning stuff to become a professional in the field and get higher pay. Also, education shapes the income of the individuals that’s why educated people live a prosperous life. (iii) Improve Personality: Education improves the personality of humans. An educated individual is brave, confident and smart as well. Education makes humankind generous. Besides, educated people support right products and behave ethically. (iv) Broad Mind: An educated person does not waste a single moment of his life. Education makes people respect others, give importance to other and treat others. They are always open-minded and do not have a selfish interest. (v) Development: Education as well as educated people are the primary reason behind the growth. Scientist and inventors are encouraging science and technology just because of education. Also, it just needs the training to understand and use this modern technology. (vi) Maintain Environment: Those who are educated love to live in a hygienic, clean and fresh environment. Therefore they help to preserve the nature. Their professional manners allow them to use dustbins. Additionally, they know the value of natural resources, thus protect them.

SUBJECT - “ROLE OF KVS IN SHAPING OF ENLIGHTENED AND STRONG INDIA” NAME: YASH KUMAR LACHHWANI CLASS-8TH KV DHAMTARI KVS stands for Kendriya Vidyalaya Sangathan is a system of central government schools. In India that are run by the Ministry of Education of the Indian government. It was formed on December 15, 1963. In India, there are around 1248kv's and 14,37,363 students. Since 2015, I've been a student at Kendriya Vidyalaya And I'm really appreciating the environment here. Every student at Kendriya Vidyalaya is taught how to engage with others.KVS believes in instilling knowledge and values in its students as well as cultivating their skill,passion, and creativity in order to achieve greatness via high-quality educational undertakings. Many Kvians have come to prominence in recent years. The speciality of KV is that all KVs use the same books (NCERT) and have a monthly based syllabus. By offering a single educational programme, the children of transferable Central Government employees, including Defense and Paramilitary personnel, would be able to meet their educational demands. The main role of KVS is to pursue excellence and set the pace in the field of school education, as well as to initiate and promote educational experimentation and innovation in collaboration with other bodies such as the Central Board of Secondary Education and the National Council of Educational Research and Training. They assist students in cultivating a spirit of national integration and instilling a sense of "Indianness" in youngsters, as well as providing, establishing, endowing, maintaining, controlling, and managing schools (hence referred to as "Kendriya Vidyalayas"). Every facet of nation-building will be influenced by the quality of education and the quantity of people educated. To educate individuals within society, to prepare and qualify them for work in economy as well as to integrate people into society and teach them values and morals of society.The role of education is to socialise individuals and to keep society running smoothly and steadily. As a result, the school environment fosters their development as responsible members of society,resulting in a community of people who can easily communicate with one another. It also boosts economic growth and increases the GDP of a country. It even reduces infant mortality rate, increases human life expectancy. Education is an important investment in a country as there are huge benefits. Education helps in making the right decisions at the time of conflicts. It Can help Stimulate Economical Growth in a smaller way, by Improving Innovation,Productivity, And Education has a long history of promoting beneficial social change by Encouraging political engagement, social equality, and environmental sustainability, among other Things. Every Kvian is equal and provides every student with the opportunity for achievement and a Bright future. Infrastructure, economic growth, research, technology, and education have all Made tremendous progress in the country. It’s only reasonable that a robust educational system Be in place to produce a pool of highly trained, talented, and dedicated individuals to keep up With this pace. I FEEL PROUD TO BE A PART OF KVS.

TOPIC- “ROLE OF KVS IN SHAPING OF ENLIGHTEN AND STRONG INDIA” NAME- SHIVAM SAHU CLASS- 8TH SCHOOL - NARAYANPUR History: It is a system of central government schools in India and other countries that have been instituted under the supervision of the Ministry of Human Resource Development and came into being in 1963 under the name Central Schools. Later, the name was changed to Kendriya Vidyalaya. It is a non-profit organization. Its schools are all affiliated to the Central Board of Secondary Education (CBSE). Its objective is to educate children of the Indian Defence Services personnel who are often posted to remote locations. With the army starting its own Army Public School the service was extended but not restricted to all central government employees. A uniform curriculum is followed by schools all over India .By providing a common syllabus and system of education, the Kendriya Vidyalayas are intended to ensure that the children of government employees do not face education disadvantages when their parents are transferred from one location to another. The schools have been operational for more than 50 years. About School: KVS has been recognized as an independent State by Bharat Scouts & Guides Movement as around 2,50,000 students enrolled as the Scouts, Guides, Cubs an Bulbuls. These were divided among 25 regions, each headed by a deputy commissioner. The three Kendriya Vidyalayas outside India is in Kathmandu, Moscow, and Tehran situated in the embassies in these countries. They are intended for children of Indian embassy staff and other who work and live abroad, employees of the Government of India. All the schools share a common syllabus and offer two languages instruction, in English and Hindi. They are co-educational. Sanskrit is taught as a compulsory subject from classes VI to VIII and as an optional subject until class XII. School Sports and Celebration: KVS serves the educational needs of children of transferable Central Government including Defence and Para-military personnel by providing a common programme of education.. KVS initiates and promotes experimentation and innovations in by organizing different sports activities. For Primary children each KV organizes a separate ONE DAY MINI SPORTS Meet on 14th November "BAL DIVAS" every year under Common Minimum Programme(CMP). The NATIONAL SPORTS DAY is celebrated in all KVs on 29th August every year. All KVs also organized the Annual Sports Day once in a year. The Physical Fitness Programme & Evaluation Card "स्िस्थ बच्चे–स्िस्थ भारत’launched by Hon'ble Minister of MHRD, Govt. of India Shri P. Javadekar ji on 21st August 2020 . KVS has provision to motivate the children for Sports & Games by awarding with Cash award at various level Sports achievement i.e Gold, Silver & Bronze and also recognized services of the teachers in field of Sports & Games. KVS celebrates Republic Day, Independence Day, Gandhi Jayanti; Teacher’s Day, and Children’s Day. Being a KV student I fill so proud as I got a great platform to enhance my different skills in education and in co-curricular activities.

SUBJECT -ROLE OF KVS IN SHAPING OF ENLIGHTENED AND STRONG INDIA NAME - AARISHA RAVI CLASS - 8TH ‘B’ SCHOOL – KV BACHELI Kendriya Vidyalayas are an exclusive system of educational hierarchy under MHRD of the Government of India. The KVs have covered a large area of the education system to provide quality education to the children belonging to different social backgrounds and family. KVs are the model schools established under the Central Govt. after attaining independence of India. Setting up of KVs is a matter of pride for that particular locality or district all over India. Every opportunity is offered to students for their all round development. The teachers take great pain in moulding the behaviour of the students coming from different socio-economic backgrounds. Action based learning is found in all the classes in this type of school. Kendriya Vidyalaya's are no doubt the best CBSE schools in India. Kendriya Vidyalayas have maintained a tradition of Quality in education eversince their inception about half a decade ago. 1. KV's care for co-curricular activities and sports. They have almost the same importance as that of academics. 2. Sports and cultural meet is one of the best thing about KV. 3. Laboratories are well equipped and have accurate apparatus. 4. Computer labs are surprisingly well funded which shows that government care for modern development of pupil. 5. For physical and mental well being, there are regular sessions of yoga, PT exercises, special general studies sessions for senior students. 6. KVS not only teaches you for your academics but prepares you for the life ahead of that. Academics: Each batch of KV produces a wide spectrum of students and not just doctors and engineers, who are not only excelling but really moving this nation forward. From those I personally know, former students are serving as soldiers, lawyers, auditors in top firms as well as are actress, flight attendant and DJ’s. Sports: The claim might be slightly inaccurate but almost every KV student plays at least one sport very well. I didn’t find it very amusing to see that most of my university’s sports teams were dominated by the number of KV students Regional Diversity: Because of the sole purpose why KVs started, each class has students from all parts of the country. So children learn to embrace all types of cultures at an early

age. Just the variety of food that is there in a class during lunch break is enough to put a multi-cuisine restaurant to shame. Social Diversity: My personal favourite thing about KV is that everyone from children of an IAS officer to the children of a janitor sits together in the same classroom. With increasing pressure on teens to match affluent social media lifestyle, its quite humbling to learn that you can be best friends with anyone just by being yourself and your friends love you for that. Kendriya Vidyalaya's are no doubt the best CBSE schools in India. Kendriya Vidyalayas have maintained a tradition of Quality in education eversince their inception about half a decade ago. There is an opportunity of transferring a student from such school anywhere and everywhere at any point of time within the country as because there is a network of these schools. This opportunity is specially required for defence personnel or central government employees because of their transferable jobs. The quality of teaching is quite advanced and as such the students are also highly benefited. Regular change in curriculum at a certain interval is quite appreciating and it becomes effective throughout India spontaneously. Another important feature which this study could perceive is that through these schools there is uniformity either in terms of uniform, rules and regulations, syllabus all over the country. The students prepare projects/exhibits on the culture, customs, dress, crops, economy, climate, of the State and of the Country allotted to them. The States and Countries are exchanged/rotated each year. A student passed out from such school obtains equal recognition and status in any part of the nation.

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SUBJECT - ESSAY COMPETITION ON ROLE OF KVS IN SHAPING OG ENLIGHTENED AND STRONG INDIA NAME - SAMRIDDHI RAJAN CLASS = 8TH “B” SCHOOL - KV KHAIRAGARH The kendriya vidyalaya sangathan is a system of central government schools in india that are instituted under the ministry of education,government of india . as of august 2021 it has a total of 1248 schools in india , and three abourd in Moscow , Tehran and Kathmandu . it is one of the world’s largest chains f schools being controlled by 25 regional offices and 05 ZIEAT{zonal institute of education and training} under kvs ...

The transferable Central Government including defence And Para-military personnel by providing a common programme Of Education ; *to pursure excellence and set the pace in the field of school education.. *to initiate and promote vexperimentation and innovations in education in collaboration with other bodies like Central Board of Secondary Educationl [CBSE] and National Council of Educational research and Training [NCERT] etc. *To develop the spirit of national integration and create a create a sense of “Indianness ” among children... Objective Of KVS To Cater to the educational needs of the children of transferable Central Government employee including Defence and para military personal by providing a common programme of education .. To pursue excellence and set pace in the field of school education.... OUR MISSION To cater to the educational needs of children of trasferable Central Government including Defence and para-military personnel by providing a common programme of education To pursue excellence and set the pace in the field of school education....

SUBJECT - ROLE OF KVS IN SHAPING OF ENLIGHTENED AND STRONG INDIA NAME - ABHINAV NAIR CLASS- 9th A SCHOOL - KENDRIYA VIDYALAYA , SUKMA KVS playing a big role in India by spreading good education in all over the country, all the students want to study at KVS because it is very creative school and teachers are very helpful in studies and many other problems .It motives to develop the spirit of “nationalism “among the children. There are (1094) schools in India, most of the schools of KVS are in (NEW DELHI) in Chennai (TAMIL NADU) there are most least schools of KVS are located in India, in Chhattisgarh there are 10 branches of KVS are located in India ,there are 20 schools are located in out of INDIA ,KVS is first school who have this much branches in India and out of India are located ,in KVS every morning of school starts with a morning assembly every day ,because the morning assembly give freshness and energy to start our good day, KVS translates to 'Central School Organization, its headquarter is located in “NEW DELHI “ in KVS the children of government employees do not face education disadvantages when their parents are transferred from one location to another. In KVS there are many special things are there such as SCOUT AND GUIDE,INTER KVS COMPETITIONS and much more ,there are four groups of four different color(SHIVAJI-RED,TAGORE-YELLOW,ASHOKA-GREEN,RAMANBLUE)these are the four groups of KVS, the staff of KVS is highly qualified and graduated and they teach very well ,and they motivate us to learn more and more ,and they sometimes behave like they are our friends sometime and help us ,they are our inspirations and mentor ,the school is very disciplined ,the students of these schools are very creative and sharp and mentally prepaid all the time ,the make so creative things in our school , the teachers of these are very professional in their subjects very well and very obedient, there are many extracurricular rooms are there chemistry lab, computer lab, music room, library and much more for learning things and other activities , The KVS system is started in 1963 in that time the name of the KVS was CENTRAL SCHOOL then later its name changed to “KENDRIYA VIDYALAYA” on KVS the courses are (CBSE) KVS give special focus on sports and other activities, this school is very popular than other schools in the country, in this school there are many competitions are held in this schools day by day, this school very disciplined, punctual, very kind and helpful to us who studies in this school, because who completed the studies in this school they become very respected person in the society and they get good jobs this school affecting India by good education and lower fees in this school and who have only one girl their children fees isn’t taken ,because it is a rule of KVS ,and there are many types of rules are there ,this school very important for India and for those who are students and for them who want to study at KVS, it is a big success for India and for us ,KVS sharing free education for those who are not able to afford fees in other school, that’s why the KVS formulated this rule every one ,KVS is controlled by (CENTRAL GOVERNMENT) KVS is very inspirational school of the world to motivate us. So the KVS are very helpful for us and all over the India.

THANK YOU.

SUBJECT - ROLE OF KVS IN SHAPING OF ENLIGHTENED AND STRONG INDIA NAME:- PRAGATI SAHU CLASS – 9A SCHOOL – KV MAHASAMUND The most important time of our life is our childhood. This is the time when we live only for ourselves. Make friends, Laugh with friends, cry. Experience the real joy of life. This time school play’s very important role in everyone’s life. We all know that what we learn today we express it tomorrow, as discipline, respect of elders, our mentality and many more habits. Today I am going to tell you about the role of kendriya vidyalaya sangathan (KVS) in shaping of enlightened and strong India. But before discussing about the topic let’s know something about kendriya vidyalaya sangathan. The kendriya vidyalaya are a system of central government schools in India that were instituted under the aegis of the Ministry of Education, Government of India. As of august 2021, it has a total of 1248 school in India, and three abroad in Moscow, Tehran and Kathmandu. It is one of the world’s largest chains of schools being controlled by 25 Regional offices and 05 ZIETs (Zonal institute of education and training) under KVS (HQ). The system came into being in 1963 under the name ‘Central Schools’. Later, the name was changed to kendriya vidyalaya. All the schools are affiliated to the Central Board of Secondary Education (CBSE). A uniform curriculum is followed by these schools all over the India. By providing a common syllabus and system of syllabus and system of education, the kendriya vidyalaya are intended to ensure that the children of government employees do not face education disadvantages when their parents are transferred from one location to another. The schools have been operational for more than 50 years. The kendriya vidyalaya sangathan, which literally translates to ‘Central School Organization’, oversees the functioning of the schools with its Headquarters in New Delhi. Kendriya vidyalaya sangathan is little extraordinary from other schools. Here each and every child have opportunities to show their talent in various field by participating in CCA activities which held every week, CCA activities include dance competition, singing competition, essay writing, drama competition, storytelling and many more interesting activities. It removes stage fear from the mind of every child. KV provides a special music class also. Every child has his/her own interest, some are fast in studies and some in sports. KVS doesn’t focus only on the bookish knowledge, they also pay a lot of attention in sports and do many activities. They also focus on our tradition, cultural, unity in diversity and they mainly focus on teamwork, they teach students these topics by activities like community lunch in which children dress up

according to various culture and bring food according to that, and then sang song, perform drama etc. At last KVS have different projects, exams which boost student’s mind and helps to choose the better passion, job or future anything you want to say. Some of project and exams are NCSE, math Olympiad, green Olympiad, and VVM etc. Apart from all this KV give knowledge to children about good touch, bad touch, give information of teenage etc. You must have understood by reading above that what is the contribution, role of KV in shaping of enlightened and strong India. KVS have given his best and their efforts are well used by students and make their parents and KV feel proud.

SUBJECT -ROLE OF KVS IN SHAPING OF ENLIGHTENED AND STRONG INDIA

LAVANYA BARAPATRE CLASS 9TH KENDRIYA VIDYALAYA MANENDRAGARH A school is not just a mere building, but a place where we learn about our surroundings, using things around us in the right way, build confidence, start creating things and most importantly, find our true selves. Quoting the words recited by Mr. Pt. Jawaharlal Nehru Ji, “Children are like buds in a garden and should be carefully and lovingly nurtured, as they are the future of the nation and the citizens of tomorrow. Only through right education can a better order of society be built up” By this, we can conclude that in order to make our country more productive and strong, we need to educate our children some skills. Established in 15 December 1963, Kendriya Vidyalaya not only provides facilities to its students, but also encourages students to participate in competition and show their talent. And many students too have presented their great thoughts and ideas, helping our country to sustain. This non-profit organization’s main objective is to provide good educational facilities to its students and help them pursue excellence and to develop patriotism for our countryIndia. Every single year, it organizes many competitions to showcase the creativity and talent of its students to contribute to the welfare of India. Special programs are organized such as AEP, ACP to aware adolescences about changes in their surroundings. BookDonation programs are also held to help students who are in need of books and teach students about the importance of books. Many Project Competitions are also held to listen the innovative ideas of students to sustain the environment. While about facilities, scholarship exams and policies are also held, helping students to continue their studies without any burden. Thus, creating opportunities for students to succeed, building confidence and making them a kind, responsible and patriotic citizen. Hence, all of these qualities are contributing to our country to be a better place for everyone, making KV unique. “The betterment of society is not a job to be left to a few. It’s a responsibility to be shared by all.”

SUBJECT- ROLE OF KVS IN SHAPING ENLIGHTENED AND STRONG INDIA NAME: ISHIKA SINGH CLASS: 9TH A SCHOOL - KV JASHPUR The Kendriya Vidyalaya Sangathan is a system of central government schools in India that are instituted under the aegis of the Ministry of Education, Government of India. As of August 2021, it has a total of 1,248 schools in India, and three abroad in Moscow, Tehran and Kathmandu. It is one of the world's largest chains of schools being controlled by 25 Regional Offices and 05 ZIETs under KVS It is a system of central government schools in India and other countries that have been instituted under the aegis of the Ministry of Human Resource Developmentand came into being in 1963 under the name Central Schools Later, the name was changed to Kendriya Vidyalaya. It is a non-profit organisation. Its schools are all affiliated to the Central Board of Secondary Education Its objective is to educate children of the Indian Defence Services personnel who are often posted to remote locations. With the army starting its own Army Public Schools, the service was extended but not restricted to all central government employees A uniform curriculum is followed by schools all over India. By providing a common syllabus and system of education, the Kendriya Vidyalayas are intended to ensure that the children of government employees do not face education disadvantages when their parents are transferred from one location to another. The schools have been operational for more than 50 years All employees of Kendriya Vidyalaya Sangathan will contribute at least One Day Salary to #PMCARES Fund to support the Nation during these critical moments arising due to outbreak of #COVID19 the KVS, which manages Kendriya Vidyalayas across the country said in a tweet A nationwide 21-day lockdown was imposed from March 24 midnight with an aim to check the spread of the coronavirus infection The positive coronavirus cases touched 1,071 on Monday with 29 deaths. To cater to the educational needs of the children of transferable Central Government employees including Defence and Para-Military personnel by providing a common programme of education; To pursue excellence and set pace in the field of school education;To initiate and promote experimentation and innovativeness in education in collaboration with other bodies like the Central Board of Secondary Education and National Council of Educational Research and Training etc. To develop the spirit of national integration and create a sense of "Indianness" among children. To Provide, establish, endow, maintain, control & manage schools, hereinafter called the 'Kendriya Vidyalaya' for the children of transaferable employees of the Government of India, floating populations & others including those living in remote & undeveloped locations of the country & to do all acts & things necessary for the conducive to the promotions of such schools.

SUBJECT - ROLE OF KVS IN SHAPING OF ENLIGHTENED AND STRONG INDIA NAME: - JAI PRAKASH MANNADE CLASS: - 9 B SCHOOL: - KENDRIYA VIDYALAYA BMY BHILAI The Kendriya Vidyalaya Sangathan is a system of central government schools in India that are instituted under the aegis of the Ministry of Education, Government of India. As of August 2021, it has a total of 1,248 schools in India, and three abroad in Moscow, Tehran and Kathmandu. It is one of the world's largest chains of schools being controlled by 25 Regional Offices and 05 ZIETs (Zonal Institute of Education and Training) under KVS .You all know that our Kendriya Vidyalaya Sangathan foundation day is coming soon it was on 15 December we all kvians are waiting for that day because on that day many programs were had and students have to participate in events and on that day we also know many new things about KVS. And enjoying very much on our schools foundation day. [KVS] Kendriya Vidyalaya Sangathan is a very big Institute it help the students to increase their knowledge and it also helps to develop our personality and the best think of a kvs it gives us a lot of opportunity to show our talent in KVS a lot of cultural activities / sports meet were organised compared to other schools in these cultural activities and sports meet we can travel all over India and develop your skill personality because we can interact with other state students and learn many things with them that’s why KVS is very good for development and increase the thinking of students. All these things help us to develop our mind and these things also help us in future because how can we talk with other people and interact with them because when we will go in Big Institute whether we will go in IIT/AIIMS/DU etc. we will meet with highly intelligent students and teachers are also very intelligent but because of we have studied in KVS we will never face any problem. When our KVS student will go in other big companies / film industries or anywhere he will easily survive because in his childhood he will learn and experience all the things like how to talk in stage and how he will introduce himself or how can perform on stage or anything so he will proudly say that I am a student of KVS. In KVS our teachers are also very helpful when a chapter is complete our teachers are solve our doubt with the help of doubt session our concept are always clear and we can remember things forever. I love KVS and when someone ask me which school do you study in I proudly say that I am a student of KVS.

SUBJECT - ROLE OF KVS IN SHAPING OF ENLIGHTENED AND STRONG INDIA NAME -HARSHITA SAHU SCHOOL NAME - KV KAWARDHA CLASS - VI A school foundatoin day is a day when our school started. It is a very precious and most memorable day for the school and school members. On that day a very big program is held in our school ans students participate in the program .The school is such a sweet heaven on earth that prepares the small minds for the greet tasks . The school provides education to live better and make progress for tommorow . Not only it provides education but it is a tool of character building of a nation. The good schools are indeed the true assets of a nation .I am blessed to study in such a greet school. My school is the best school in our entire city. I study in one of the best school of our city . My school name is kendriya vidyalaya maharajpur kawardha . My school has produced many great people for my country . It has a big and beautiful building that looks shiny from far away .

**************** JAI HIND

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