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TT Jan 2022

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Jan Risden, MD
Charles Downey, MD / Carol Norton, MD / Jan Risden, MD Nombre__________________________________________________________________________ Fecha: _______

Story Transcript

RNI NO. : CHHHIN/2015/66131

वर्ष : 07, अंक : 04, पृष्ठ : 40 मूल्य : 20 रुपए

डाक पंजीयन: छ.ग./दुर्ग संभाग/115/2019-21

द ट्रायो जनवरी 2022

राष्ट्रीय मासिक पत्रिका

Get Closer To The Facts

सुरक्षा साजिश सवाल

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में चूक के बाद मचा सियासी बवाल

संपादकीय

बढ़ती बेचैनी के वक्त रहें सतर्क और आश्वस्त

को

आलोक शर्मा

रोना महामारी की तीसरी लहर आ चुकी है। कोरोना के नए वैरिएंट ओमीक्रॉन से पूरी दुनिया त्रस्त है। नए साल में हमने महामारी की बढ़ती बेचैनी के साथ प्रवेश किया है। पिछले साल पहली तारीख को 19 हजार से कु छ ज्यादा नए मामले आए थे, लेकिन इस बार 1 जनवरी को 22 हजार 775 मामले दर्ज हुए। मामले बढ़ रहे हैं, तो इसके लिए वायरस कम और लोग ज्यादा जिम्मेदार हैं। बार-बार निर्देशों के बाद भी ढिलाई बरती गई। शारीरिक दूरी बरतने के साथ ही मास्क तक लगाने में लोग लापरवाह हुए और नतीजा पूरे देश के सामने है। हम दूसरी लहर में त्रासदी और मौत का तांडव देखने के बाद भी उतने तैयार नहीं हुए, जितना हमें होना चाहिए। भारत में हर रोज मिलने वाले संक्रमितों की संख्या ढाई लाख को पार कर गई है। छत्तीसगढ़ में भी कोरोना संक्रमितों के साथ ओमिक्रॉन के मरीज बढ़ रहे हैं। महामारी में वृद्धि भारत में स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे पर दबाव डाल सकती है। ऐसे में हमारी जिम्मेदारी है कि हम शून्य जोखिम वाला न सही, कम से कम जोखिम वाला समाज बनें। साथ ही ये सरकार की भी जिम्मेदारी है कि वो मौखिक रूप से भयभीत या सावधान करने की बजाय संक्रमण से लड़ने के जमीनी इंतजाम करे। अब ये भी सवाल गहरा गया है ​कि कोरोना के दौर में शिक्षा का स्वरूप क्या होगा? अभी तो पहले लाकडाउन और दूसरी लहर से उपजे हालात की कड़वी यादें मिटी नहीं हैं। ये याद रखने की जरूरत है कि अगर अर्थव्यवस्था फिर चरमरा गई तो फिर से खड़े होने में बहुत समय लगेगा। क्या हम फिर से लगे झटके को सहज कर पाएंगे। कोरोना महामारी से बचाव के लिए 15 से 18 वर्ष तक के किशोर जिस उत्साह से टीका लगवा रहे हैं, वह समाज की जागरूकता और सकारात्मक सोच का भी प्रतिफल है। स्वास्थ्य कर्मियों, फ्रं ट लाइन वर्क रों और 60 से अधिक उम्र के लोगों को कोरोना टीके की एक बूस्टर डोज भी लगनी शुरू हो गई है। इसके लिए सबको तैयार रहना चाहिए और उन्हें भी किशोरों की तरह ही उत्साह दिखाना चाहिए। हमें भी विज्ञान से लैस सजग, सभ्य समाज के रूप में सोचना चाहिए, अपनी और दूसरों की समान परवाह के साथ आश्वस्त आगे बढ़ना चाहिए।

द ट्रायो|जनवरी 2022 03

अंदर के पन्नों में

{वर्ष : 7 {अंक : 4 {जनवरी 2022 {पृष्ठ : 40 राजनांदगांव { मूल्य : 20 रुपए संपादक

आलोक शर्मा समाचार संपादक- हर्षवर्धन पाण्डे फीटर संपादक मनीष द्विवेदी, अनिल बाजपेयी परामर्शदाता प्रमोद शर्मा, अंकुर कुमार सिंग, के.बी. बाजपेयी, गुरू प्रसाद श्रीवास्तव, जी.एल. गोंडाने, पवन रूपचंदानी सहायक संपादक हफीज़ खान संपादकीय सलाहकार आशीष पांडे, अरूण डुलानी, परमानंद रजक, डॉ. बसंत तिवारी, श्रीमती रूबी सेन, रवि सारस्वत प्रमुख संवाददाता डॉ. सूर्यकांत मिश्रा, रत्नेश कुलदीप, चैतेंद्र तिवारी लेआउट डिजाइन - हिति ग्राफिक्स फोटो जर्नलिस्ट - मनोज मिश्रेकर विज्ञापन सीनियर जनरल मैनेजर- अतुल शर्मा जनरल मैनेजर - आनंद शर्मा प्रसार सर्कुलेशन हेड - दिग्विजय श्रीवास्तव असिस्टेंट मैनेजर - दिवाकर डे

18 08 12 10

सुरक्षा, साजिश और सवाल ?

सात चरणों में होगा यूपी में मतदान कहां से चुनाव लड़ेंगे योगी आदित्यनाथ?

22 26

हैं तैयार हम! राजद्रोह का आरोपी आईपीएस गिरफ्तार

यूपी में किसका योग?

ब्यूरो रायपुर - पंकज शुक्ला सोशल मीडिय प्रभारी - दिवाकर डे, कपिश अग्रवाल विधि सलाहकार - सुशांत तिवारी, रूपेश दुबे कार्यालय MIG-18, हाऊसिंग बोर्ड कॉलोनी, लालबाग, राजनांदगांव (छ.ग.) 491441 09425295456, 9301616969 Email : [email protected] [email protected] www.trionews.in स्वात्वाधिकारी, प्रकाशक, मुद्रक आलोक शर्मा द्वारा श्रीबालाजी प्रिंटर्स चिखली राजनांदगांव छत्तीसगढ़ से मुद्रित कर एमआईजी 18 हाऊसिंग बोर्ड कॉलोनी, लालबाग राजनांदगांव छत्तीसगढ़ से प्रकाशित संपादक - आलोक शर्मा सभी विवादों का निपटारा राजनांदगांव छत्तीसगढ़ सीमा में आने वाली सक्षम अदालतों एवं फोरमों में किया जाएगा।

04 दिसं |जनवरी 2022 बर 2021 निरंदतट्रायो र पहल

04

28 30 38

सीबीआई खोलेगी खूनी राज! डेढ़ हफ्ते में 15 लाख के टिकट कैं सल

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मध्यप्रदेश का हर गांव होगा स्मार्ट योग से सेहत का रखें ख्याल!

भूमि का दिलकश अंदाज

16 24

भूपेश सरकार के कामों पर मुहर भूमिहीन मजदूरों की संवरेगी किस्मत

द ट्रायो|जनवरी 2022 05

आपकी बात क्या स्वामी प्रसाद मौर्य का ओबीसी होना, इतनी बड़ी बात है कि किसी पार्टी के लिए जीत-हार तय कर सकते हैं या फिर ‘फ़ैक्टर’ और भी हैं? इसका जवाब तलाशने के लिए स्वामी प्रसाद मौर्य के राजनीतिक सफ़र का आकलन करने के साथ-साथ, पिछली विधानसभा चुनावों के नतीजों का विश्लेषण करना होगा और जाति के आधार पर उत्तर प्रदेश चुनाव के वोटिंग पैटर्न को भी बारीकी से समझने की ज़रूरत होगी.

-किरण खत्री, बिलासपुर

सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफार्म ट्विटर, फेसबुक, यूट्यूब व वाट्सएप पर रोजगार का मुद्दा मजबूती से उठाया गया। यूपी में 5 लाख से ज्यादा रिक्त पदों को भरने, गरिमापूर्ण रोजगार की गारंटी के मुद्दे पर प्रयागराज से लखनऊ समेत प्रदेश भर में महीनों तक अनवरत जारी रहे रोजगार आंदोलन की खबरें, वीडियो, फोटो को सोशल मीडिया में शेयर कर रोजगार के लिए आवाज बुलंद की गई। सोशल मीडिया प्लेटफार्म का इस्तेमाल कर रोजगार के सवाल को चुनावी मुद्दा बनाया जायेगा, जिससे रोजगार का सवाल राजनीतिक विमर्श में स्थापित हो और देश का प्रमुख मुद्दा बन सके।

-नीलिमा मरकाम, अंबिकापुर

बीते पांच साल से यूपी में भाजपा की सरकार है। इस अवधि में भाजपा सरकार ने ऐसे आपराधिक पृष्ठभूमि के नेताओं और बाहुबलियों पर कानूनी शिकंजा कसा जिनसे अरसे से लोग परेशान थे। भाजपा सरकार ने मुस्लिमों के प्रमुख चेहरे आजम खान, अतीक अहमद और मुख्तार अंसारी को जेल में डाल कर उनका सारा रसूख खत्म कर दिया। ये सब एक तरह से सूबे की एक बड़ी आबादी को संदेश था, जिसके बाद से मुस्लिम मतदाता चुप है। उनकी चुप्पी से भाजपा की वोट ध्रुवीकरण की रणनीति अब बिगड़ती दिख रही है। पहले-दूसरे चरण के मतदान में इस चुप्पी से जो ट्रेंड बनेगा, वही 2022 का नतीजा तय करेगा।

-विप्लव त्रिपाठी, रायपुर

प्रधानमंत्री का दौरा होता है तो उस रा’य के मुख्यमंत्री और प्रशासनिक आला अधिकारी प्रधानमंत्री को रिसीव करने के लिए आते हैं लेकिन इन सब का एक ही साथ गायब होना गंभीर प्रश्नों को जन्म देता है। यह महज संयोग नहीं हो सकता। बाद में मुख्यमंत्री द्वारा यह कहा जाना कि हम किसी कोरोना पॉजिटिव व्यक्ति के सम्पर्क में आ गए थे इसलिए नहीं आ सके लेकिन वह फोन पर भी उपलब्ध नहीं हो सके। जबकि उसी दिन बिना मास्क के प्रेस कांफ्रेंस करना मुख्यमंत्री चन्नी सहित कांग्रेस के इरादों को बताता है।

-अभिजीत मिश्रा, राजनांदगांव

पंजाब जैसे सीमावर्ती और संवेदनशील राज्य में सोशल हारमनी के फेवरिक को डेंट करने के जो प्रयास पिछले कई दशकों से चल रहे हैं, जिनकी तपिश पंजाब ने दशकों तक सहन की है। ऐसी ताकतें शायद एक बार फिर सक्रिय होकर इस तरह के प्रयास कर रही हैं। लेकिन भविष्य की भारतीय जनता पार्टी की पंजाब की राजनीति को इस तरह के षड्यंत्र नहीं रोक पाएंगे। पीएम मोदी की रैली समेत सभी तरह के राजनीतिक कार्यक्रम होंगे। इस तरह की घटनाएं नरेंद्र मोदी जी का रास्ता नहीं रोक पाएंगी और न झुका ही पाएंगी।

-विनीत शुक्ला, रायपुर

जब पंजाब के बड़े अधिकारियों को पहले से ही जानकारी दी गई थी तो उस पर कार्रवाई क्यों नहीं की गई। यह पंजाब सरकार की लापरवाही नहीं बल्कि मिलीभगत का नतीजा है। नियम के मुताबिक प्रधानमंत्री के उस रूट को पूरी तरह से सील कर दिया जाता है जहां से उनका काफिला गुजरता है। ऐसे में फ्लाईओवर के नीचे शराब के ठेकों का खुला होना और प्रदर्शनकारियों का फ्लाईओवर पर आना पंजाब सरकार और पुलिस की लापरवाही को दर्शाता है।

-कीर्ति सिंह, दुर्ग

अगर इंसानियत, जम्हूरियत और कश्मीरियत शांति का आधार नहीं हो सकती तो क्या होना चाहिए? ऐसे में ऊर्द के तीन नए शब्द आते हैं- मैशत, हिफाजत और अबदियातअर्थव्यवस्था, सुरक्षा और जनसांख्यिकी। आर्थिक खुशहाली पैदा की जाए और रोजगार बढ़े, आंतरिक और वाह्य सुरक्षा पर फोकस हो और देश के दूसरे हिस्सों से यहां माइग्रेशन के लिए प्रोत्साहित किया जाए। ऐसे में, यह देखा जाना चाहिए कि धीरे-धीरे ही सही मोदी सरकार यही तो कर रही है।

-दुर्गा राठौर, भिलाई

06

द ट्रायो|जनवरी 2022

पांच राज्यों में बजी चुनावी बिगुल 10 फरवरी से शुरू होकर 7 मार्च तक होंगे पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव

दे

श के पांच राज्यों में चुनाव की घोषणा के साथ ही आचार सं हिता भी लागू हो गई। अब उत्तर प्रदेश समेत पांचों राज्यों में सरकार सिर्फ कार्यवाहक की भूमिका में काम करेगी। चुनाव का पूरा काम आयोग और बाकी काम प्रशासनिक अफसर देखेंगे। चुनाव के दौरान नए प्रोजेक्ट पर अब काम शुरू नहीं होंगे। लेकिन पहले से चलने वाले डेवलपमेंट के कामकाज में कोई भी रुकावट नहीं आएगी। आचार सं हिता लगने के बाद अब वास्तविक ताकत आपके यानी वोटर्स के हाथ में है। वोटर ही तय करेंगे कि सत्ता किसे सौंपनी है? चुनाव आयोग ने शनिवार को 5 राज्यों में विधानसभा चुनाव की तारीख का ऐलान किया। उत्तर प्रदेश, उत्तराखं ड, पं जाब, गोवा और मणिपुर में 7 चरणों में चुनाव होगा। शुरुआत 10 फरवरी को उत्तर प्रदेश से होगी। दू सरा चरण 14 फरवरी, तीसरा चरण 20 फरवरी, चौथा चरण 23 फरवरी, पांचवां चरण 27 फरवरी, छठवां चरण 3 मार्च और सातवां चरण 7 मार्च को होंगे। सभी राज्यों के चुनावों के नतीजे 10 मार्च को घोषित किए जाएं गे।

10 फरवरी से 7 मार्च तक चलेंगे चुनाव आयोग की ओर से अधिसूचना तत्काल प्रभाव से लागू कर दी गई है। चुनाव 10 फरवरी से शुरू होकर 7 मार्च तक चलेंगे। इस दौरान पैसे के दरुु पयोग पर जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई जाएगी। मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील कु मार चं द्रा ने बताया कि चुनाव के दौरान तमाम बूथों पर सुरक्षा के पुख्ता इं तजाम होंगे। भयमुक्त माहौल में चुनाव कराने के लिए आयोग ने विशेष तौर पर तैयारी की है। पेड न्यूज पर नजर रखी जाएगी। इसके साथ ही सी विजिल एप के जरिए गड़बड़ी को रोका जाएगा। चुनावी रैलियों, मतदान कें द्रों से लेकर भीड़ प्रबं धन पर भी प्रतिबं ध लागू किए गए हैं। इस घोषणा से पहले आयोग ने बुधवार को वोटर लिस्ट का प्रकाशन कर दिया था। इसके साथ ही चुनाव आयोग ने स्वास्थ्य मं त्रालय से स्वास्थ्य सं बं धी इनपुट भी ले लिया है। चुनाव आयोग के मुताबिक, कोरोनाकाल में चुनाव कराना चुनौतीपूर्ण रहेगा। उम्मीदवार ऑनलाइन नामांकन भी कर सकें गे। इतना ही नहीं, राजनीतिक दलों को आपराधिक छवि वाले उम्मीदवारों की जानकारी देनी होगी। उनका आपराधिक इतिहास बताना होगा।

केंद्रीय बल की 150 कंपनियों रहेंगी सुरक्षा में 150 बल में 50 कम्पनी सीआरपीएफ, 30 कम्पनी बीएसएफ, 30 कम्पनी एसएसबी, 20 कम्पनी सीआईएसएफ व 20 कम्पनी आईटीबीपी की रहेंगी। इन बलों की कंपनियों को 75 जिलों और तीन कमिश्नरेट में संवेदनशीलता व जरूरत के मुताबिक आवंटित कर दिया गया है।

सात चरणों में होंगे पांच राज्यों में चुनाव { उत्तर प्रदेश में 7 चरणों में 10 फरवरी से 7 मार्च तक मतदान। { पंजाब, उत्तराखंड और गोवा में 14 फरवरी को मतदान { मणिपुर में 27 फरवरी और 3 मार्च को मतदान। { 10 मार्च को सभी राज्यों में मतगणना होगी।

ये गाइड लाइन जरुरी

{ रैली-जनसभा करने पर पूरी तरह से रोक लगाई गई है। { न रोड शो, न ही बाइक शो होगा। { नुक्कड़ सभाओं पर भी रोक रहेगी। { डोर टू डोर कैंपेन में 5 लोगों को इजाजत। { रैलियों पर 15 जनवरी तक रोक रहेगी। { वोटिंग का समय एक घंटे बढ़ाया गया है। { यूपी में 90 प्रतिशत लोगों को पहली डोज लग चुकी है। { पोलिंग अधिकारियों को दिया जाएगा बूस्टर डोज { यूपी में 29 फीसदी लोग पहली बार करेंगे वोटिंग। { हर बूथ पर मास्क और सैनेटाइजर का इंतजाम।

द ट्रायो|जनवरी 2022 07

सात चरणों में होगा यूपी में मतदान यू

पी विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान हो गया है. प्रदेश में 403 सीटों पर कु ल सात चरणों में मतदान होगा. पहले चरण का मतदान 10 फरवरी को होगा. पहले चरण की शुरुआत पश्चिमी यूपी से हो रही है. वहीं, दू सरे चरण का मतदान 14 फरवरी, तीसरे चरण का मतदान 20 फरवरी, चौथे चरण का मतदान 23 फरवरी, 5वें चरण का मतदान 27 फ़रवरी, छठे चरण का मतदान 3 मार्च और 7वें चरण का मतदान 7 मार्च को होगा. वोटों की गिनती 10 मार्च को होगी. उत्तर प्रदेश विधानसभा का कार्यकाल 14 मई 2022 को पूरा हो रहा है. ऐसे में 14 मई से पहले हर हाल में विधानसभा और नई सरकार के गठन की प्रकिया पूरी होनी है.

पहला चरण- 58 सीट

चौथा चरण- 60 सीट

14 जनवरी को नोटिफिकेशन 21 जनवरी- लास्ट डेट नॉमिनेशन

27 जनवरी को नोटिफिकेशन 3 फरवरी- लास्ट डेट नॉमिनेशन

10 फरवरी को मतदान

23 फरवरी को मतदान

11 जिले- शामली, मुजफ्फरनगर, बागपत, मेरठ, हापुड़, गाजियाबाद, बुलंदशहर, मथुरा, आगरा, गौतमबुद्ध नगर (नोएडा) और अलीगढ़

9 जिले- पीलीभीत, लखीमपुर खीरी, सीतापुर, हरदोई, लखनऊ, उन्नाव, रायबरेली, फतेहपुर, बांदा

दूसरा चरण- 55 सीट

5वां चरण- 60 सीट

21 जनवरी नोटिफिकेशन 28 जनवरी लास्ट डेट नॉमिनेशन

1 फरवरी को नोटिफिकेशन 8 फरवरी- लास्ट डेट नॉमिनेशन

14 फरवरी को मतदान

27 फरवरी को मतदान

9 जिले- सहारनपुर, बिजनौर, अमरोहा, संभल, मुरादाबाद, रामपुर, बरेली, बदायूं, शाहजहांपुर

11 जिले- श्रावस्ती, बहराइच, बाराबंकी, गोंडा, अयोध्या, अमेठी, सुल्तानपुर, प्रतापगढ़, कौशांबी, चित्रकूट, प्रयागराज

तीसरा चरण- 59 सीट

छठा चरण- 57 सीट

25 जनवरी को नोटिफिकेशन 1 फरवरी- लास्ट डेट नॉमिनेशन

3 फरवरी को नोटिफिकेशन 11 फरवरी- लास्ट डेट नॉमिनेशन

20 फरवरी को मतदान

3 मार्च को मतदान

16 जिले- कासगंज, हाथरस, फिरोजाबाद, एटा, मैनपुरी, फर्रुखाबाद, कन्नौज, इटावा, औरैया, कानपुर देहात, कानपुर नगर, जालौन, हमीरपुर, महोबा, झांसी, ललितपुर

10 जिले- बलरामपुर, सिद्धार्थनगर, महाराजगंज, कुशीनगर, बस्ती, संत कबीर नगर, आंबेडकर नगर, गोरखपुर, देवरिया, बलिया

7वां चरण 54 सीट 08

10 फरवरी को नॉमिनेशन 17 फरवरी- लास्ट डेट नॉमिनेशन

द ट्रायो|जनवरी 2022

7 मार्च को मतदान

9 जिले- आजमगढ़, मऊ, जौनपुर, संत रविदास नगर, वाराणसी, मिर्जापुर, गाजीपुर, चंदौली, सोनभद्र

312

2017 के चुनाव पर एक नजर

17

वीं विधानसभा के लिए चुनाव हुए थे।

सीटें जीतीं भाजपा ने।

54

11

फरवरी से 8 मार्च 2017 तक 7 चरणों में हुए।

सीटें मिलीं समाजवादी पार्टी गठबंधन को।

19

सीटें मिलीं बहुजन समाज पार्टी को।

7

सीटें मिलीं थीं कांग्रेस को।

61% रहा मतदान प्रतिशत।

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यूपी में किसका योग?

देश के सबसे बड़े राज्य में विधानसभा चुनाव पर पूरे देश की नजर

वि

धानसभा चुनाव तो पांच राज्यों में होने जा रहे हैं, लेकिन जहां सबकी निगाहें टिकी हुई हैं, वो है उत्तर प्रदेश। गोवा, मणिपुर, उत्तराखं ड और पं जाब की चर्चा तो है, मगर सबसे ज्यादा सुर्खियो ं में है यूपी का चुनाव। हर किसी की जबां में बस यही सवाल है कि यूपी में इस बार सत्ता का किसका योग है? मुख्यमं त्री योगी आदित्यनाथ ने पूरी ताकत झोंक दी है और शीर्ष नेतत्व ृ भी पिछले कई महीने से यूपी में चुनावी कसरत कर रहा है। देखना ये है कि मोदी और योगी के काम और नाम वोटों में कितना बदलता है। योगी की कु र्सी का फिर से योग बनता है या फिर सत्ता से सं न्यास का सफर शुरू होता है। 10

द ट्रायो|जनवरी 2022

ठीक पांच साल पहले, 2017 में उत्तर प्रदेश में भाजपा की योगी आदित्यनाथ सरकार बनने के बाद जिस प्रकार इस सामाजिक–राजनीतिक वर्ग को निशाने पर लिया गया उससे आम लोगों में कानून के शासन के प्रति विश्वास जगा और पुलिस की प्रतिष्ठा में भी परिवर्तन आया। हालांकि योगी शासन के दौरान भी राज्य में गुंडा तत्व सक्रिय रहे और कु छ हिन्दू अतिवादी कहे जाने वाले लोगों ने कानून को अपनी तरह से व्याख्यायित करना चाहा परन्तु इसका विरोध भी कानून के दायरे में ही जमकर हुआ जैसे कि ‘सामाजिक पुलिस’ बनने के प्रयास परन्तु पारंपरिक अपराधी प्रवृत्ति के लोगों पर शासन सख्त हुआ जिसकी वजह

से आम जनता में योगी शासन को बेहतर माना गया। हालांकि योगी शासन के दौरान अपराध की घटनाएं हुई मगर इनका सम्बन्ध किसी विशेष राजनीतिक विचारधारा के लोगों से नहीं जोड़ा जा सका। बेशक लखीमपुर खीरी में किसानों की हत्या किये जाने का मामला सामने आया परन्तु सर्वोच्च न्यायालय द्वारा इसका सं ज्ञान लिये जाने के बाद पूरा मामला राज्य प्रशासन के नियन्त्रण से बाहर हो गया। लोकतन्त्र में किसी भी सरकार की प्रशासन क्षमता का पैमाना आम जनता में उसके प्रति ऊपजी अवधारणा से ही लगाया जा सकता है।

गुंडा राज बनाम कानून का शासन बड़ा मुद्दा

बिजली से कितना चुनावी करंट

छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश और दिल्ली की तर्ज पर चुनाव के ठीक पहले यूपी में बिजली मुफ्त देने का वादा बड़ा चुनावी मुद्दा बनकर उभरा है। समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव ने अपनी नीतियों में 300 यूनिट तक बिजली मुफ्त देने का वादा जनता से कर डाला। इसमें कोई दो राय नहीं कि उत्तर प्रदेश में अब बिजली चोरी की घटनाएं बहुत कम हो चुकी हैं औऱ प्रत्येक नागरिक को बिजली बिल भरना पड़ता है जबकि पहले राज्य में बिजली चोरी को ही एक साहसिक कार्य माना जाता था। इसके साथ ही 2017 तक राज्य में बिजली

चुनावी आहट को देखते हुए उत्तर प्रदेश की राजनीति जिस तरह करवट बदल रही है उसके तहत प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी ने चुनावी अभियान की कमान अपने हाथ में लेते हुए जिस तरह राज्य का चुनावी एजेंडा तय करने की कोशिश की ह। जिसमें राज्य में ‘गुंडा राज बनाम कानून का शासन’ एक प्रमुख मुद्दा बन कर उभर रहा है। वास्तव में उत्तर प्रदेश की यह सबसे बड़ी समस्या भी रही है जिससे इस प्रदेश का आम नागरिक सबसे अधिक प्रभावित रहा है। प्रधानमन्त्री ने इस विषय को प्रमुख चुनावी मुद्दा बनाकर राज्य की प्रमुख विपक्षी पार्टियों विशेष कर समाजवादी पार्टी की दुखती रग पर हाथ रख दिया है। इस पार्टी की सबसे बड़ी कमजोरी यही मुद्दा मानी जाती है क्योंकि आम अवधारणा के अनुसार समाजवादी पार्टी के शासन में किसी पुलिस थाने के दरोगा की कम और स्थानीय समाजवादी नेताओं की ज्यादा चलती थी। इस मामले में हमें राज्य की राजनीतिक बनावट को देखना होगा जिसके तहत असामाजिक तत्व समझे जाने वाले लोगों को राजनीतिक संरक्षण प्राप्त होता था। इस बुराई से राज्य की राजनीति इस कदर प्रभावित हुई कि समाज के अवांछित सामाजिक तत्वों की एक राजनीतिक पहचान अलग से बन गई औऱ बदकिस्मती से इसे समाजवादी पार्टी के साथ जोड़ दिया गया। इतना तक होता तब भी गनीमत थी परन्तु इसे साम्प्रदायी चश्मे से भी देखा जाने लगा जिससे उत्तर प्रदेश की राजनीति दो ध्रुवों में बंट सी गई। 2012 से 20217 तक राज्य के मुख्यमंत्री रहे अखिलेश यादव की सरकार के बारे में जो अवधारणा बनी थी उसी के उलट योगी सरकार की अवधारणा बनने के मुद्दे पर प्रधानमन्त्री सबसे ज्यादा जोर दे रहे हैं। इसी मुद्दे को पिछले दिनों पश्चिमी व मध्य उत्तर प्रदेश के चुनावी दौरे के दौरान गृहमन्त्री अमित शाह ने भी जमकर उछाला। असल में चुनाव का माहौल बनने के बाद राजनीतिज्ञ जमीन सूंघने लगते हैं और इसके बाद चुनावी विमर्श तय करने की कोशिश करते हैं क्योंकि चुनाव का नियम यही नियम होता है कि जो भी पार्टी अपने विरोधी को रक्षात्मक पाले में डालने मे कामयाब हो जाती है वही चुनाव जीत जाती है। अतः विभिन्न राजनीतिक दल चुनावी चौसर पर अपनी गोटियां बहुत सोच-विचार कर डालते हैं और इस प्रकार डालते हैं कि जो विमर्श वे खड़ा करने का प्रयास करें उससे जनता का सुर मिलता नजर आये।

कटौती भी जम कर की जाती थी और औसतन 12 घं टे ही बिजली नागरिकों को मिल पाती थी। बिजली वितरण में सख्ती होने के बाद इस स्थिति में भारी परिवर्तन आया है और औसतन बिजली 22 घं टे तक नागरिकों को मिलती है। इसके लिए राज्य के बिजली मन्त्री श्रीकान्त शर्मा बधाई के पात्र हैं जिन्होंने आधारभूत परिवर्तन करके आम लोगों को अधिकाधिक समय तक बिजली देने की व्यवस्था को सिरे चढ़ाया है। परन्तु आम लोगों के बिजली बिल भी बढ़े हैं जिसे अखिलेश यादव एक चुनावी मुद्दा बनाना चाहते हैं। इसकी वजह यह

भी है कि उत्तर प्रदेश के गरीबी की सीमा रेखा से नीचे रहने वाले प्रत्येक परिवार को योगी सरकार द्वारा मुफ्त बिजली कनेक्शन उपलब्ध कराया गया है जिसकी वजह इस वर्ग के लोगों द्वारा अपना मासिक बिजली बिल भरना एक कठिन कार्य होता है। परन्तु लोकतन्त्र में जो यह मुफ्त सौगात देने की परंपरा चल रही है उसका प्रभाव नकारात्मक ज्यादा होता है क्योंकि इससे गरीब तबके के लोगों में आगे तरक्की करने की भावना क्षीण होती है और वे यथा स्थिति को ही अपना मुकद्दर मानने लगते हैं और गरीब ही बने रहते हैं।

द ट्रायो|जनवरी 2022 11

मथुरा या कहां से चुनाव लड़ेंगे योगी आदित्यनाथ?

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द ट्रायो|जनवरी 2022

यू

पी में चुनाव की तारीखों का ऐलान हो गया है। इसी के साथ सूबे की सियासत में सबसे बड़ी सुर्खियां ये है कि मुख्यमं त्री योगी आदित्यनाथ विधानसभा का चुनाव लड़ेंगे। साथ ही ये भी सवाल कि क्या वे मथुरा से चुनाव लड़ेंगे, या फिर रामलला की नगरी अयोध्या से? फिलहाल, योगी आदित्यनाथ ने और भाजपा ने इस मुद्दे पर चुप्पी साध रखी है। लेकिन इन बातों का कहीं खं डन भी नहीं किया जा रहा, जिससे माना जा रहा है कि मथुरा से या अयोध्या से योगी आदित्यनाथ चुनाव लड़ सकते हैं। अगर ऐसा हुआ, तो हिदं ू धर्मध्वज वाहक बनकर वे भाजपा के लिए नई आंधी बन सकते हैं। इसी सं भावनाओं को देखते हुए ये तय लग रहा है कि योगी आदित्यनाथ इन्हीं दोनों में से कहीं चुनाव मैदान में उतर सकते हैं। जैसे जैसे यूपी चुनाव नजदीक आ रहे हैं, वैसे ही सर्द प्रदेश का मौसम भी गरम होता जा रहा है। इस बार मथुरा को लेकर हीट कु छ ज्यादा है। अयोध्या में भगवान राम का मं दिर बन रहा है, काशी की तस्वीरें सबने देख लीं तो क्या अब मथुरा की बारी है? कु छ ऐसी ही चर्चा हर नुक्कड़ पर हो रही है। यूपी के

ा अयोध्या सीएम योगी आदित्यनाथ के मथुरा से चुनाव लड़ने की चर्चा तेज है, जिस भाजपा सांसद ने जोर-शोर से यह मांग उठाई उनके भी सपने में कन्हैया ही आए थे। ज्यादा दिन नहीं हुए, जब योगी ने मं च से कहा कि जब अयोध्या में राम मं दिर बना, काशी में विश्वनाथ का धाम बना तो मथुरा-वृंदावन कै से छू ट जाएगा। मतलब साफ है कि बीजेपी इस चुनाव में भी हिदं त्व ु के एजेंडे पर बढ़ रही है और समाजवादी खेमे में चितं ा की अपनी वजह है। अयोध्या-काशी के बाद अब मथुरा की तैयारी है, ये नारा यूपी की चुनावी चर्चाओं में यूं ही नहीं गूंज रहा है। बीजेपी के राज्यसभा सांसद हरनाथ सिहं यादव ने पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा को पत्र लिखकर योगी को मथुरा सीट से चुनाव लड़ाने की सलाह दी है। यादव ने लिखा है कि ब्रज क्षेत्र की जनता की विशेष इच्छा है कि योगीजी भगवान श्रीकृष्ण की नगरी मथुरा से चुनाव लड़ें। यादव ने कहा कि योगी जी ने भी कहा है कि पार्टी जहां से कहेगी, वह वहीं से चुनाव लड़ेंगे। हरिनाथ सिहं ने चिट्ठी में ये भी कहा है कि बीती रात मेरी आंखें दो बार खुलीं और मुझे लगा कि भगवान कृ ष्ण मुझसे कह रहे हैं कि मैं नेतत्व ृ को कहूं कि योगी जी मथुरा से चुनाव लड़ें। इसलिए सुबह मैंने राष्ट्रीय अध्यक्ष को पत्र लिखा। योगी के चुनाव लड़ने के लिए सं भावित सीटों की बात करें तो अयोध्या, गोरखपुर और सबसे ज्यादा मथुरा की चर्चा है।

मथुरा की तैयारी का इशारा

कुछ दिनों पहले ही यूपी के अमरोहा की रैली में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इशारों में मथुरा की तैयारी का इशारा भी दे दिया। उन्होंने कहा था कि हमने कहा था प्रभु श्रीराम का अयोध्या में भव्य मंदिर का निर्माण करवाएंगे। मोदी जी ने करवा दिया है न। खुश हैं? अभी काशी में भगवान विश्वनाथ का धाम भी भव्य रूप से बन रहा है। फिर मथुरा-वृंदावन कैसे छूट जाएगा। दरअसल, मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि मंदिर बनाने की मांग पहले से हो रही है। अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण शुरू हुआ तो इसके लिए प्रयास भी तेज हो गए। मामला कोर्ट में चल रहा है। जाहिर है कि अयोध्या-काशी के बाद मथुरा को गरमाने की तैयारी है। वैसे भी बीजेपी के अंदर से ये आवाज गूंजती रही है कि अयोध्या तो झांकी है, काशी मथुरा बाकी है! भगवान राम, कृष्ण, शिव से करोड़ों लोगों की आस्था जुड़ी है। अयोध्या, काशी, मथुरा तीनों ही जगहों पर मंदिर-मस्जिद का मसला रहा है और वैसे भी बीजेपी-संघ के एजेंडे में ये रहा है। हरनाथ सिंह यादव खुद कहते हैं कि भगवान कृष्ण के मंदिर पर जो मस्जिद खड़ी है, उससे मुक्ति कौन दिला सकता है, इस बारे में लोग सोचते हैं। राम मंदिर ना बने इसके लिए जिन लोगों ने सुप्रीम कोर्ट में वकीलों की फौज खड़ी कर दी थी, ऐसे लोग भगवान कृष्ण का मंदिर कभी नहीं बनाएंगे। चाहे वह अखिलेश यादव हों, राहुल गांधी हों या मायावती या कोई और हो। भगवान कृष्ण के मंदिर का निर्माण सिर्फ योगी आदित्यनाथ ही कर सकते हैं। सियासी घटनाक्रम की कड़ियां जोड़ना शुरू करें तो योगी के मथुरा से चुनाव में उतरने की संभावना प्रबल दिखती है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ फिलहाल विधान परिषद के सदस्य हैं।

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फायदे का समीकरण

जैसा प्रधानमं त्री नरेंद्र मोदी के गुजरात छोड़कर काशी आने पर उसे पूर्वच ां ल में असर हुआ। मथुरा से योगी को चुनाव में उतारकर भाजपा कु छ वैसा ही समीकरण साधने की कोशिश कर रही है। ये हिदं त्व ु के एजेंडे पर भी बिल्कु ल सटीक बैठता है। मथुरा में कु छ दिनों में तो मं दिर बनने से रहा, हां योगी यहां से चुनाव लड़ते हैं तो इसका जनता में मैसेज साफ जाएगा। वैसे भी किसान आंदोलन के झटके से उबर रही बीजेपी को पश्चिमी यूपी की विशेष चितं ा होगी। शायद यही वजह है कि भाजपा पश्चिमी उत्तर प्रदेश की रणनीति मुथरावृंदावन में ही तैयार कर रही है। इसके जरिए भगवा दल पूरे पश्चिम को साधने की कोशिश में है, जो किसान आंदोलन के चलते थोड़ा दू र जाता दिख रहा था। अब तक आए ज्यादातर सर्वे यही इशारा कर रहे हैं कि यूपी में भाजपा और सपा में सीधा मुकाबला रहने वाला है। सपा का सबसे बड़ा वोटबैंक यादव समाज है। कु छ भी कहिए, अब भी काफी हद तक यूपी में वोटिंग जाति और समुदाय के आधार होती है। हां, कें द्र में मोदी सरकार आने के बाद यह जातिगत तिलिस्म टू टा है पर खत्म नहीं हुआ। चुनाव आने पर मं त्रिमं डल विस्तार, टिकट देने में जातिगत समीकरण अब भी देखा जाता है। यूपी में ब्राह्मण सम्मेलन ही देख लीजिए। बीजेपी और बसपा दोनों ने

अलग-अलग तरीके से उन्हें अपने पाले में लाने की कोशिशें काफी पहले से शुरू कर दी हैं। सपा की बात करें तो यदवु ं शी समाज भगवान कृ ष्ण से खुद को सीधे कनेक्ट करता है। ऐसे में यादव वोट खिसका तो सपा के लिए मुसीबत बढ़ सकती है। हो सकता है मथुरा की चर्चा तेज होने से सपा के चितं ा की एक वजह यह भी हो। राजनीति के जानकारों का कहना है कि कृ षि कानून के विरोध में जिस प्रकार से किसानों का आंदोलन एक साल से अधिक समय तक चला। कई किसानों की मौत भी हुई, उससे पश्चिमी उत्तर प्रदेश में बीजेपी को लेकर किसानों में नाराजगी है। इसका नुकसान बीजेपी को विधानसभा चुनाव में उठाना पड़ सकता है। इस मुद्दे का फायदा राष्ट्रीय लोक दल या उससे गठबं धन करने वाली समाजवादी पार्टी को मिल सकता है। अगर ऐसा हुआ तो 16 जनपदों की करीब 136 सीटों पर सीधे तौर पर बीजेपी को नुकसान हो सकता है। 2017 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने इस क्षेत्र की 136 में से 109 सीटें जीती थीं। यही कारण है कि बीजेपी के रणनीतिकार इस बार कोई जोखिम नहीं लेना चाहते हैं। योगी इस चुनाव में बीजेपी के पास मजबूत चेहरा हैं, इसीलिए उन्हें पश्चिमी यूपी के ही किसी जनपद से चुनाव लड़वाने पर विचार हो रहा है और मथुरा इसमें सबसे आगे है।

ये है मथुरा में जन्मभूमि का विवाद कृष्ण जन्मभूमि विवाद मामले में मथुरा की जिला सिविल कोर्ट में याचिका दायर की गई है। इसमें कहा गया है कि मुसलमानों की मदद से शाही ईदगाह ट्रस्ट ने श्रीकृष्ण जन्मभूमि पर कब्जा कर लिया और ईश्वर के स्थान पर एक ढांचे का निर्माण कर दिया। भगवान विष्णु के आठवें अवतार श्रीकृष्ण का जन्मस्थान उसी ढांचे के नीचे स्थित है। 13.37 एकड़ जमीन पर दावा करते हुए स्वामित्व मांगने के साथ ही शाही ईदगाह मस्जिद को हटाने की मांग की गई है। मथुरा में शादी ईदगाह मस्जिद कृष्ण जन्मभूमि से लगी हुई बनी है। इतिहासकार मानते हैं कि मुगल शासक औरंगजेब ने प्राचीन केशवनाथ मंदिर को नष्ट कर दिया था और शाही ईदगाह मस्जिद का निर्माण कराया था।

मेरे सपने में भी आते हैं कृ ष्ण: अखिलेश यादव

भाजपा सांसद हरनाथ सिहं ने मथुरा मुद्दे को गरमाना शुरू कर दिया है। उन्होंने यादव वोट बैंक को निशाने पर लेते हुए अखिलेश पर अटैक करते हुए कहा कि मैं तो मानता हूं कि अखिलेश यादव यदवु ं शी हैं और वह यदि कृ ष्ण वं शी है तो मं च से खड़े होकर बोलें कि भगवान कृ ष्ण की जन्मभूमि पर मथुरा में मं दिर बनना चाहिए। वे यहीं नहीं रुके । उन्होंने कहा कि यदवु ं शियो ं में भी दो तरह के लोग हैं- एक कृ ष्णवं शी और दू सरा कं सवं शी। ऐसे में सवाल उठता है कि अखिलेश को सपना आया या चितं ा हो रही है। दरअसल, ये बातें सामने आने के बाद अखिलेश यादव ने दावा किया कि भगवान श्रीकृष्‍ण मेरे भी सपने में आते हैं और कल भी आए थे, रोज आते हैं और कहते हैं कि समाजवादी सरकार बनने जा रही है। योगी आदित्यनाथ के विधानसभा चुनाव लड़ने सं बं धी सवाल पर यादव ने कहा कि जब वह जनता के बीच जाएं गे तो उनसे पूछा जाएगा कि रोजगार देने और किसानों की आय दोगुनी करने समेत तमाम वादे क्यों नहीं पूरे हुए। यादव ने खुद के विधानसभा चुनाव लड़ने की सं भावना के बारे में पूछे गए एक सवाल पर कहा कि जहां से उनकी पार्टी कहेगी वहां से वह विधानसभा चुनाव लड़ेंगे।

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विकास का छत्तीसगढ़िया मॉडल

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देश में सबसे कम बेरोजगारी वाले राज्यों में छत्तीसगढ़ चौथे नंबर पर

टर फार मेजरिंग इं डियन इकानामी सं गठन द्वारा हाल ही में जारी किए गए बेरोजगारी के आंकड़ों ने एक बार फिर विकास के छत्तीसगढ़ माडल की सफलता का परचम बुलंद कर दिया है। आंकड़ों के अनुसार छत्तीसगढ़ 2.1 प्रतिशत के साथ देश में सबसे कम बेरोजगारी वाले राज्यों में चौथे क्रम पर है। दिसं बर 2021 की स्थिति के अध्ययन के बाद सीएमआईई द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार देश की बेरोजगारी दर दिसं बर महीने में 7.91 प्रतिशत तक पहुंच गई है। यह 4 माह का उच्च्तम स्तर है। शहरों में बेरोजगारी दर 9.30 प्रतिशत जबकि ग्रामीण इलाकों में 7.28 प्रतिशत रही है। सीएमआईई के आंकड़ों के अनुसार देश में सबसे कम बेरोजगारी दर कर्नाटक में 1.4 प्रतिशत और सर्वाधिक बेरोजगारी दर हरियाणा में 34.1 प्रतिशत बताई गई है। गौरतलब है कि समावेशी विकास का लक्ष्य निर्धारित करते हुए तीन साल पहले मुख्यमं त्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ राज्य में महात्मा गांधी के ग्राम स्वराज्य की परिकल्पना के अनुरूप नया मॉडल अपनाया गया है, जिसके तहत गांवों और शहरों के बीच आर्थिक परस्परता बढ़ाने पर जोर दिया गया है। इसी माडल के अंतर्गत गांवों के आर्थिक सशक्तिकरण के लिए सुराजी गांव योजना, नरवा-गरवा-घुरवा-बारी कार्यक्रम, गोधन न्याय योजना, राजीव गांधी किसान न्याय योजना, राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृ षि मजदू र न्याय योजना, रूरल इं डस्ट्रीयल पार्कों की स्थापना, लघु वनोपजों के सं ग्रहण एवं वैल्यू एडीशन, उद्यमिता विकास जैसी अनेक अभिनव योजनाओं और कार्यक्रमों का क्रियान्वयन किया जा रहा है। कोरोना की पहली और दू सरी लहर के दौरान भी देशव्यापी आर्थिक मं दी से छत्तीसगढ़ राज्य की अर्थव्यवस्था अछू ती रही। तब भी छत्तीसगढ़ में बेरोजगारी दर पूरी तरह नियं त्रित रही। अब नये आंकड़ों के मुताबिक जहां देश में बेरोजगारी दर लगातार चितं ाजनक उछाल पर है, वहीं छत्तीसगढ़ में बेरोजगारी दर के वल 2.1 प्रतिशत है। नये आंकड़ों के मुताबिक मध्यप्रदेश में 3.4 प्रतिशत, उत्तरप्रदेश में 4.9 प्रतिशत, असम में 5.8 प्रतिशत, झारखं ड में 17.3 और बिहार में 16 प्रतिशत बेरोजगारी की दर रही है। रिपोर्ट के अनुसार पिछले साल जनवरी 2021 की स्थिति में देश में बेरोजगारी दर 6.52 फीसदी थी जिसमें शहरी बेरोजगारी 8.1 प्रतिशत और ग्रामीण बेरोजगारी 5.81 प्रतिशत थी, वहीं दिसं बर 2021 की स्थिति में देश में बेरोजगारी की दर 7.91 प्रतिशत रही जिसमें शहरी बेरोजगारी 9.3 प्रतिशत और ग्रामीण बेरोजगारी 7.28 प्रतिशत रही। सेंटर फार मेजरिंग इं डियन इकॉनॉमी सं गठन 45 वर्षों से भारतीय अर्थव्यवस्था विदेशी मुद्रा, कृ षि, उद्योग आदि क्षेत्रों में सतत अध्ययन करके डेटाबेस का निर्माण करता आया है और इसके द्वारा जारी आंकड़ों को प्रामाणिक माना जाता है।

राज्य में बेरोजगारी दर मात्र 2.1 प्रतिशत, जबकि देश में 7.91 प्रतिशत

क्या है सीएमआईई सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी एक थिंक टैंक है। यह संगठन पिछले 45 सालों से भारतीय अर्थव्यवस्था विदेशी मुद्रा, कृषि, उद्योग आदि क्षेत्रों में सतत अध्ययन करके डेटा बेस का निर्माण करता आया है। अर्थव्यवस्था पर इसकी ओर से जारी आंकड़ों को प्रमाणिक माना जाता है।

सरकारी नीतियों

से बने अवसर

छत्तीसगढ़ ने पिछले तीन साल पहले महात्मा गांधी के ग्राम स्वराज्य की परिकल्पना के अनुरूप नया मॉडल अपनाया था। इसके तहत गांवों और शहरों के बीच आर्थिक परस्परता बढ़ाने पर जोर दिया गया है। इसी मॉडल के अंतर्गत गांवों के आर्थिक सशक्तिकरण के लिए सुराजी गांव योजना, नरवा-गरवाघुरवा-बारी कार्यक्रम, गोधन न्याय योजना, राजीव गांधी किसान न्याय योजना, रुलर इंडस्ट्रियल पार्कों की स्थापना, लघु वनोपजों के संग्रहण एवं वैल्यू एडीशन, उद्यमिता विकास जैसी योजनाओं और कार्यक्रमों का क्रियान्वयन किया जा रहा है। कोरोना की पहली और दूसरी लहर के दौरान भी देशव्यापी आर्थिक मंदी से छत्तीसगढ़ की अर्थव्यवस्था अछूती रही। तब भी छत्तीसगढ़ में बेरोजगारी दर पूरी तरह नियंत्रित रही।

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भूपेश सरकार के कामों पर मुहर

छत्तीसगढ़ के नगरीय निकाय चुनावों के 211 वार्डों में कांग्रेस को मिली जीत



त्तीसगढ़ के नगरीय निकाय चुनावों में कांग्रेस ने बड़ी जीत दर्ज की है, कांग्रेस ने चार नगर निगम, 5 नगर पालिका और 6 नगर पं चायतों पर जीत दर्ज करते हुए अपना कब्जा जमा लिया है, जिसे भूपेश सरकार के लिए बड़ी जीत मानी जा रही है. बीजेपी को कई सीटों पर करारा झटका लगा है, जहां पहले उसका कब्जा था वहां भी उसे हार का सामना करना पड़ा है, भिलाई और रिसाली नगर निगम में कांग्रेस ने एक तरफा जीत दर्ज की है, जबकि बीरगांव और चरौदा में भी पार्टी को जीत मिली है. जबकि कई नगर पालिकाओं में कांग्रेस का प्रदर्शन शानदार रहा है. नगरीय निकाय चुनावों मिली जीत से कांग्रेस को उत्साहित नजर आ रही है. कांग्रेस को कु ल 211 वार्डों में जीत मिली है, जबकि 92 वार्डों में बीजेपी ने बाजी मारी है, इसके अलावा 52 सीटें

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अन्य के खातों में गई है. जिससे माना जा रहा है कि जनता ने बघेल सरकार के कामों पर मुहर लगाई है. कांग्रेस की तरफ से बघेल सरकार के सभी मं त्रियों ने चुनाव का जिम्मा सं भाल रखा था, जबकि सीएम बघेल और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने भी जमकर मेहनत की, जिससे कांग्रेस को निकाय चुनाव में बड़ी जीत मिली. कांग्रेस ने भिलाई और रिसाली नगर निगम में शानदार प्रदर्शन किया है, भिलाई में कांग्रेस ने 38 वार्डों में जीत दर्ज की है, जबकि बीजेपी को 20, बसपा को 11 और अन्य को भी 11 वार्डों में जीत मिली है. यानि भिलाई में मेयर की कु र्सी कांग्रेस को मिलने वाली है. वहीं रिसाली नगर निगम में कांग्रेस को 22, भाजपा को 12 और अन्य को 07 सीटों पर जीत मिली है. हालांकि बीरगांव और चरौदा नगर निगम में भी कांग्रेस ने शानदार प्रदर्शन किया है, लेकिन यहां कांग्रेस बहुमत से चूक गई

है, बीरगांव में कांग्रेस को 19, बीजेपी को 10, जेसीसीजे को 5 और निर्दलीय को 6 सीटों पर जीत मिली है. वहीं चरौदा में कांग्रेस को 22, भाजपा को 11 और अन्य को 7 सीटें मिली हैं. हालांकि सीटों की सं ख्या के हिसाब से यहां भी कांग्रेस का मेयर बन गए हैं। वहीं बात अगर नगर पालिकाओं की जाए तो यहां भी कांग्रेस का डंका बजा है, कांग्रेस ने शिवपुर चरचा, सारंगढ़ (रायगढ़), बैकं ु ठपुर (कोरिया) में जीत दर्ज की है, जबकि जामुल (दर्गु ) में बीजेपी ने जीत दर्ज की है, इसके अलावा खैरागढ़ (राजनांदगांव) में मुकाबला टाई हो गया है. वहीं बात अगर नगर पं चायतों की जाए तो प्रेमनगर(सूरजपुर), नरहरपुर (कांकेर), कोंटा (सुकमा), भैरमगढ़ (बीजापुर), भोपालपट्टनम( बीजापुर), मारो(बेमेतरा) में कांग्रेस ने एक तरफा जीत दर्ज करते हुए बीजेपी का सूपड़ा साफ कर दिया है.

जीत की जोश से लबरेज कांग्रेस

दरअसल, छत्तीसगढ़ में हुए इन नगरीय निकाय चुनावों को 2023 में होने वाले विधानसभा चुनावों का सेमीफाइनल माना जा रहा था. जिसमें कांग्रेस की जीत ने सीएम भूपेश बघेल को बड़ी राहत दी है. इन चुनावों में जहां एक तरफ कांग्रेस का प्रदर्शन शानदार रहा तो दू सरी तरफ बीजेपी को चुनाव में तगड़ा झटका लगा. कांग्रेस ने बीजेपी की गढ़ मानी जाने वाली कई सीटों में सेंधमारी कर दी. जिससे सीएम बघेल का कद भी बढ़ा है. राजनीतिक जानकारों का मानना है कि इस चुनाव से सीएम भूपेश और मजबूत होंगे. क्योंकि हाल फिलहाल में जिस तरह से कांग्रेस में अंतकर्लह की खबरें सामने आ रही थी, उससे माना जा रहा था कि शायद इसका असर निकाय चुनाव में भी देखने को मिल सकता है. लेकिन तमाम अटकलों पर विराम लगाते हुए सीएम बघेल के नेतत्व ृ में कांग्रेस ने शानदार जीत दर्ज की है. जिससे उनके कामकाज पर जनता की मुहर के तौर देखा जा रहा है. निकाय चुनावों में मिली जीत से 2023 में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए भी अब कांग्रेस जोश से लबरेज नजर आ रही है. जीत के बाद सीएम भूपेश बघेल ने ट्वीट करते हुए लिखा कि यह जीत राहुल गांधी के सं कल्पों पर सरकार के अमल की जीत है, यह जीत प्रदेश में अशांति, नकारात्मकता फै लाने की कोशिश करने वालों को जनता का लोकतांत्रिक मुं हतोड़ जवाब है. प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम, मं त्रिमं डल के सहयोगियों सहित सभी कार्यकर्ताओं को बधाई. निकाय चुनाव में मिली जीत के बाद कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने जमकर जश्न मनाया, राजधानी रायपुर में भी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने फटाखें फोड़कर जश्न मनाया. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि 15 नगरीय निकाय चुनाव सं पन्न हुए कांग्रेस की जीत ने तय कर दिया है कि जनता कांग्रेस के साथ है. मुख्यमं त्री की रीति-नीति योजनाओं की वजह से कांग्रेस को यह जीत मिली है. 2023 के विधानसभा चुनाव में भी पार्टी इसी तरह का प्रदर्शन दौहराएगी.

2023 की तैयारियों पर फोकस

छत्तीसगढ़ में कांग्रेस अभी से 2023 में होने वाले विधानसभा चुनावों की तैयारियों की रणनीति बनाने में जुटने चाहती है, जिसको लेकर पार्टी के बड़े नेता सं गठन को हर स्तर पर मजबूत बनाने की तैयारियों में जुटे हैं. रायपुर में हुई बैठक में बूथ कमेटी सदस्यता अभियान और भवन निर्माण की प्रगति पर चर्चा की गई। साथ ही साल भर कांग्रेस पार्टी की कार्य योजनाओं को लेकर भी चर्चा हुई। इसके अलावा विधानसभा चुनाव को लेकर भी तैयारी की जाएगी. जिसके तहत पार्टी पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं को जनता के बीच में जाकर राज्य सरकार की योजनाओं को गिनाने की रणनीति बनाई गई। निकाय चुनाव में जीत से उत्साहित कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर अब पार्टी के दो अभियानों को एकसाथ चलाने की जिम्मेदारी है। दोनों अभियान 2023 के विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखकर तय किए गए हैं। निकाय चुनाव में कांग्रेस की जीत से उत्साहित कार्यकर्ताओं की ऊर्जा को सं गठन पार्टी के अभियानों में उपयोग करना चाहता है। विधानसभा चुनाव-2023 के लिए पार्टी का रोडमैप बनाने को तीन जनवरी को कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी पीएल पुनिया, मुख्यमं त्री भूपेश बघेल और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम की उपस्थिति में प्रदेश कार्यसमिति की बैठक हुई थी। जिसमें आगामी विधानसभा

चुनाव को ध्यान में रखकर सं गठन को दो अभियान की जिम्मेदारी देने का निर्णय लिया गया था। पहला सदस्यता अभियान चलाकर सं गठन का विस्तार करना। सदस्यता अभियान 15 फरवरी तक चलाया जाएगा। इस अभियान के तहत बूथ, सेक्टर और जिला कमेटी के पदाधिकारी व कार्यकर्ता घर-घर जाकर पांच रुपये की रसीद काटकर लोगों को कांग्रेस का सदस्य बनाएं गे। प्रदेश कांग्रेस ने छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के सदस्यों की सं ख्या 10 लाख पहुंचाने का लक्ष्य रखा है। कांग्रेस के पदाधिकारियों का दावा है कि अभी प्रदेश में कांग्रेस करीब सात लाख सदस्य हैं। प्रदेश कांग्रेस कार्यसमिति ने सं गठन के लिए दू सरा अभियान राज्य सरकार को मजबूत करने के लिए दिया है। दू सरे अभियान के तहत कांग्रेस के बूथ, सेक्टर और जिला कमेटी के पदाधिकारी व कार्यकर्ता घर-घर जाकर लोगों को राज्य सरकार की योजनाओं से सं बं धित पं पलेट देकर राज्य सरकार के अच्छे कामों का प्रचार करेंगे। बूथ और जिला कमेटियो ं को सदस्यता बुक उपलब्ध करा दी गई है। प्रदेश कार्यसमिति की बैठक में आए सभी जिलाध्यक्षों को सदस्यता अभियान को गं भीरता से चलाने के निर्देश दिए गए हैं। जिला और बूथ कमेटियो ं को सदस्यता बुक भी उपलब्ध करा दी गई है। हर बुक में 25 पन्नें हैं। मतलब हर बुक में 25-25 सदस्य बनेंगे।

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सुरक्षा, साजिश और सवाल ?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में चूक के बाद मचा सियासी बवाल



नवरी महीने की पांच तारीख को पं जाब के दौरे पर गए प्रधानमं त्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में उस वक्त चूक की घटना हुई, जब फिरोजपुर में कु छ प्रदर्शनकारियों ने उस सड़क मार्ग को अवरुद्ध कर दिया जहां से उन्हें गुजरना था। इस वजह से प्रधानमं त्री एक फ्लाईओवर पर करीब 20 मिनट तक फं से रहे। घटना के बाद प्रधानमं त्री किसी कार्यक्रम में शामिल हुए बिना दिल्ली लौट आए। हालांकि, पं जाब के मुख्यमं त्री चरणजीत सिहं चन्नी ने कहा कि प्रधानमं त्री की सुरक्षा में कोई चूक नहीं हुई और इसके पीछे कोई राजनीतिक मं शा नहीं थी। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि उनकी सरकार किसी भी जांच को तैयार है। आधिकारिक प्रवक्ता के अनुसार, पं जाब सरकार ने प्रधानमं त्री

सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद जांच के लिए कमेटी बनी

मोदी के फिरोजपुर दौरे को लेकर चूक की घटना की समग्र जांच के लिये दो सदस्यीय उच्च स्तरीय समिति का गठन किया। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा कि पं जाब में जिस तरह एक सुनियोजित षड्यंत्र के तहत प्रधानमं त्री की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ किया गया, उसमें कांग्रेस की पं जाब सरकार की भूमिका का सच आज देश ने देख लिया। देश के प्रधानमं त्री की सुरक्षा को योजनाबद्ध तरीके से खतरे में डाला गया। उन्होंने आगे कहा कि पं जाब के मुख्यमं त्री चन्नी और कांग्रेस के नेताओं ने इतने सं वेदनशील मामले का मजाक बनाया। लगातार देश के सामने झठू बोलने और मामले का राजनीतिकरण करने का काम किया। कांग्रेस के नेताओं को देश से माफी मांगनी चाहिए।

प्रधानमं त्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा के सवाल को एक राजनीतिक मुद्दा बनाकर हर तरफ से पं जाब की कांग्रेस सरकार को घेरने की कवायद शुरू हो गई। दू सरी तरफ पं जाब के मुख्यमं त्री चरणजीत सिहं चन्नी ने पहले बयान में ही कह दिया कि प्रधानमं त्री की सुरक्षा में कोई चूक नहीं हुई है। कांग्रेस कह रही है कि प्रधानमं त्री की प्रस्तावित फिरोजपुर रैली में सारी कु र्सियां खाली पड़ी हुई थीं, लोग आए ही नहीं थे। पं जाब के फिरोजपुर में एक रैली को सं बोधित करने जा रहे प्रधानमं त्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा व्यवस्था में बुधवार को जिस तरह की गं भीर चूक सामने आई, वह किसी को भी हैरत में डाल सकती है। बठिंडा से सड़क मार्ग से फिरोजपुर जाते हुए एक फ्लाइओवर पर प्रधानमं त्री के काफिले को रुक जाना पड़ा क्योंकि

सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा के चूक के मामले की जांच के लिए समिति गठित करने के आदेश दिए हैं। पूर्व जस्टिस इंदू मल्होत्रा के नेतृत्व में समिति पूरे मामले की जांच करेगी। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और पंजाब दोनों की जांच पर रोक लगाई थी। सुप्रीम कोर्ट ने 5 जनवरी को पंजाब के फिरोजपुर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में हुई चूक की जांच कराने के लिए सुप्रीम कोर्ट के एक रिटायर्ड न्यायाधीश की अध्यक्षता में एक स्वतंत्र समिति गठित करने को कहा था। सुप्रीम कोर्ट ने समिति में चंडीगढ़ के डीजीपी, आईजी राष्ट्रीय जांच एजेंसी, पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार जनरल और पंजाब के एडीजीपी, सुरक्षा को शामिल करने का प्रस्ताव रखा है। सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार की तरफ से कहा गया था कि पीएम मोदी की सड़क यात्रा की जानकारी चन्‍नी सरकार को पहले से ही थी। इस मामले में सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने प्रधानमंत्री की सुरक्षा को लेकर एसपीजी एक्ट की जानकारी दी थी। साथ ही ब्लू बुक में सुरक्षा को लेकर जो जानकारियां दी गई हैं उसको भी साझा किया। उन्‍होंने कहा कि इसमें कोई शक नहीं कि इस पूरे प्रोसेस के पालन में गड़बड़ हुई है, इस पर कोई विवाद नहीं हो सकता। यह तथ्य अस्वीकार नहीं किया जा सकता कि सुरक्षा में चूक और लापरवाही हुई है। ‘ब्लू बुक’ में साफ है कि सुरक्षा का इंतजाम राज्य पुलिस महानिदेशक की देखरेख में स्थानीय पुलिस करती है।

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आगे प्रदर्शनकारी किसानों ने सड़क जाम कर रखी थी। बीस मिनट तक इं तजार करते रहने के बावजूद सड़क खाली नहीं करवाई जा सकी और प्रधानमं त्री को वहीं से लौट आना पड़ा। देश में आज तक किसी भी प्रधानमं त्री की किसी यात्रा के साथ इस तरह की गफलत नहीं देखी गई। यह सच है कि खराब मौसम के कारण प्रधानमं त्री को हेलिकॉप्टर से जाने का इरादा छोड़ना पड़ा और आखिरी पलों में बठिंडा से फिरोजपुर तक की करीब 110 किलोमीटर की दू री सड़क मार्ग से तय करने का फै सला किया गया। लेकिन प्रधानमं त्री के हर दौरे की तैयारी काफी पहले से शुरू हो जाती है और कई वैकल्पिक मार्गों पर विचार उस तैयारी का हिस्सा होता है। इसलिए रूट का अचानक बदला जाना इस चूक का कोई स्पष्टीकरण नहीं हो सकता। यह हर हाल में अक्षम्य है। मगर इस चूक से ज्यादा अफसोसजनक और दर्भा ु ग्यपूर्ण है इससे निपटने का अंदाज। कें द्रीय मं त्री स्मृति ईरानी ने अपने बयान में इसे प्रधानमं त्री की हत्या करने की कांग्रेस की खूनी साजिश करार दिया। खुद प्रधानमं त्री को यह कहते बताया गया कि अपने मुख्यमं त्री को धन्यवाद कहिएगा, मैं जिदं ा वापस जा रहा हूं। अभी तक सरकार की तरफ से इस बयान का कोई खं डन नहीं आया है। मध्य प्रदेश के मुख्यमं त्री शिवराज सिहं चौहान

प्रधानमं त्री की सुरक्षा के लिए महामृत्युं जय जाप करवाने में लग गए। यानी प्रधानमं त्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा के सवाल को एक राजनीतिक मुद्दा बनाकर हर तरफ से पं जाब की कांग्रेस सरकार को घेरने की कवायद शुरू हो गई। दू सरी तरफ पं जाब के मुख्यमं त्री चरणजीत सिहं चन्नी ने पहले बयान में ही कह दिया कि प्रधानमं त्री की सुरक्षा में कोई चूक नहीं हुई है। कांग्रेस कह रही है कि प्रधानमं त्री की प्रस्तावित फिरोजपुर रैली में सारी कु र्सियां खाली पड़ी हुई थीं, लोग आए ही नहीं थे। इसलिए सुरक्षा का बहाना बनाकर प्रधानमं त्री ने रैली में जाना टाल दिया और उस बात की ओर से ध्यान हटाने के लिए सुरक्षा चूक को लेकर हंगामा खड़ा किया जा रहा है। जाहिर है, दोनों पक्षों के इस तरह का रुख अपना लेने के बाद अब जांच-पड़ताल से भी किसी सर्वमान्य निष्कर्ष की उम्मीद नहीं की जा सकती। प्रधानमं त्री की सुरक्षा कें द्रीय और राज्यों की एजेंसियों के बीच पूर्ण तालमेल के साथ सुनिश्चित की जाती रही है। इसे कें द्र बनाम राज्य विवाद का रूप देकर कु छ हासिल नहीं होगा। देश अपना एक प्रधानमं त्री और एक पूर्व-प्रधानमं त्री गं वा चुका है। ऐसे में प्रधानमं त्री की सुरक्षा को लेकर इस तरह की राजनीति देखना वाकई त्रासद है।

राष्ट्रपति ने भी जताई चिंता

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी सुरक्षा को लेकर हुई चूक के बाद दूसरे ही दिन 6 जनवरी को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात की। राष्ट्रपति भवन में हुई इस मुलाकात में कोविंद ने, एक दिन पहले मोदी के पंजाब दौरे के दौरान उनकी सुरक्षा में हुई चूक की घटना को लेकर चिंता जाहिर की। राष्ट्रपति भवन ने राष्ट्रपति कोविंद के हवाले से ट्वीट में यह जानकारी दी और मुलाकात के चित्र भी साझा किए। ट्वीट के अनुसार, राष्ट्रपति भवन पहुंच कर प्रधानमंत्री मोदी ने कोविंद से मुलाकात की। कोविंद ने एक दिन पहले मोदी के पंजाब दौरे के दौरान हुई सुरक्षा चूक की घटना के बारे में जानकारी ली। ट्वीट के अनुसार, राष्ट्रपति ने सुरक्षा में चूक को लेकर चिंता व्यक्त की।

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शिवराज के सवाल कमलनाथ का पलटवार ये हैं शिवराज के 15 सवाल

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जाब में प्रधानमं त्री नरें द्र मोदी की सुरक्षा में चूक पर मध्यप्रदेश के मुख्यमं त्री शिवराज सिहं चौहान ने कांग्रेस आलाकमान और पं जाब के मुख्यमं त्री चरणजीत चन्नी पर हमला बोला है। शिवराज ने मीडिया से चर्चा में कहा कि यह सं योग नहीं, साजिश थी, षड्यंत्र था। शिवराज सिहं ने कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी को भी आड़े हाथों लिया। कहा- घटना के 7 दिन बाद मैडम गांधी से सवाल पूछना चाहता हूं। घटना की तारीख 5 जनवरी को पीएम के साथ मुख्यमं त्री क्यों नहीं थे? सीएस क्यों नहीं थे? डीजीपी क्यों नहीं थे? इनके साथ शिवराज ने सोनिया गांधी से 15 सवाल पूछे हैं। शिवराज ने कहा कि इन सवालों के जवाब मैडम गांधी, राहुल गांधी और कांग्रेस को देना होगा। शिवराज की प्रेस कॉन्फ्रें स के बाद प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने पलटवार करते हुए कहा है कि मुख्यमं त्री शिवराज इस मामले में सिर्फ राजनीति कर रहे हैं। फिरोजपुर की घटना की जांच कराने सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व न्यायाधीश की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय जांच समिति का गठन किया है। जब यह समिति इस पूरे मामले की जांच कर रही है तो इस समय राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप उचित नहीं है। शिवराज के पास पं जाब की इस घटना के सं बं ध में यदि कोई तथ्य व प्रमाण है तो उन्हें जांच समिति के समक्ष उपस्थित होना चाहिए, लेकिन सिर्फ किसी भी मीडिया रिपोर्ट के आधार पर राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप लगाना उचित नहीं है। उन्हें जांच के निष्कर्षों व जांच रिपोर्ट आने का इं तजार करना चाहिए। उनके इस उतावलेपन से ऐसा लग रहा है कि वह अपनी कु र्सी बचाने व नं बर बढ़ाने में लगे हैं। चलती जांच के बीच वो कांग्रेस पर मनगढ़ंत व झठू े राजनीतिक आरोप लगा लगा रहे हैं। उन्हें इससे बचना चाहिए। 20

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{ कोरोना वाला बयान जारी करने के बाद पंजाब के सीएम बिना मास्क लगाए प्रेस कॉन्फ्रेंस करने पहुंच गए? { पीएम के दौरे में सीएम क्यों नहीं थे? { पीएम के काफिले के साथ मुख्य सचिव क्यों नहीं थे? { डीजीपी की गाड़ी खाली क्यों चली? { पीएम का दौरा हो और सीएम ना रहे, सीएस और डीजीपी की गाड़ी भी खाली हो, क्या यह सिद्ध नहीं करता है कि इनको घटना के बारे में पता था? { पीएम के रूट की जानकारी प्रदर्शनकारियों को किसने दी? { पुलिस की मौजूदगी के बावजूद कम समय में इतने प्रदर्शनकारी कैसे इकठ्ठे हो गए? { रूट सुरक्षित होने का मैसेज पीएम की सिक्योरिटी को क्यों दिया? { दिक्कत थी, तो समय रहते

खतरे से आगाह क्यों नहीं कराया गया? { वो कौन से अफसर हैं, जो दौरे का अलर्ट के बाद भी जरूरी कदम नहीं उठा रहे थे? { मुख्यमंत्री गृह मंत्रालय के अफसरों के फोन क्यों नहीं रिसीव कर रहे थे? भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्‌डा का भी कॉल नहीं रिसीव किया। { पंजाब के मुख्यमंत्री किस घटना का इंतजार कर रहे थे? { जिस फ्लाईओवर पर काफिला फंसा था, वो पाकिस्तान की सीमा से कुछ ही किमी दूर था। यदि घटना होती, तो कौन जिम्मेदार होता? { पीएम की सुरक्षा के संबंध में गलत जानकारी देना राष्ट्रद्रोह नहीं है? { क्या पीएम की सुरक्षा, राष्ट्र की सुरक्षा से खिलवाड़ करने का जुर्माना सिर्फ 200 रुपए है? { शिवराज पर कमलनाथ का पलटवार, कहा- अपनी कुर्सी बचाने उतावलापन दिखा रहे हैं

दलित सीएम के खिलाफ साजिश: बघेल

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जाब में प्रधानमं त्री नरेंद्र मोदी का काफिला रुक जाने का बवाल छत्तीसगढ़ भी पहुंच गया है। मुख्यमं त्री भूपेश बघेल ने इस पूरी घटना को पं जाब में कांग्रेस की सरकार को बर्खास्त करने का षड्यंत्र बताया। उन्होंने कहा, प्रधानमं त्री का काफिला उत्तर प्रदेश और दिल्ली में कई बार जाम में फं सा है। इस बार चुनाव सिर पर है। लोगों की सहानुभूति चाहिए तो जान का खतरा बताया जा रहा है। अब सत्ता के लिए प्रधानमं त्री कितना नीचे गिरेंगे। मुख्यमं त्री भूपेश बघेल ने कहा, प्रधानमं त्री पूरे देश के हैं, चाहे वे किसी भी पार्टी के हों। उनकी सुरक्षा में चूक नहीं होनी चाहिए। पं जाब सरकार ने पूरी व्यवस्था की थी। सरकार को एयरपोर्ट, हेलीपेड और आयोजन स्थल की जानकारी दी गई थी। इसके लिए पं जाब पुलिस के 20 आईपीएस अधिकारी और 10 हजार जवान लगाए गए थे। मुख्यमं त्री भूपेश बघेल ने दावा किया कि प्रधानमं त्री कार्यालय ने बठिंडा से फिरोजपुर तक सड़क से जाने का प्लान PM के बठिंडा पहुंच जाने के बाद बताया। इतने कम समय में उतने लं बे रास्ते को घेर पाना किसी के लिए सं भव नहीं है। मुख्यमं त्री भूपेश बघेल

ने कहा, प्रधानमं त्री को यह क्यों कहना पड़ा कि जिदं ा लौट पाया। क्या उनकी गाड़ी पर पत्थर फें के गए। काले झं डे दिखाए गए। ऐसा नहीं हुआ। सच तो यह है, प्रधानमं त्री नरेंद्र मोदी और भाजपा को पं जाब में एक दलित सीएम बर्दाश्त नहीं हो रहा है। इन लोगों को पता चल गया है कि पं जाब और उत्तर प्रदेश से ये साफ होने वाले हैं। ऐसे में ये लोग विशुद्ध राजनीति कर रहे हैं। अगर प्रधानमं त्री को जान का खतरा था तो रैली करने क्यों गए। खराब मौसम की वजह से कई रैलियां रद्द हुई हैं। कोरोना की वजह से कार्यक्रम रद्द हो रहे हैं। उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ ने कर दिया, प्रियं का गांधी ने कर दिया लेकिन प्रधानमं त्री को तो हर हाल में रैली करनी है। मुख्यमं त्री भूपेश बघेल ने कहा, पीएम वहां के वल राजनीति के लिए गए थे, यह दर्भा ु ग्यजनक है। मुख्यमं त्री भूपेश बघेल ने प्रधानमं त्री कार्यालय और कें द्रीय खुफिया एजेंसियों और प्रधानमं त्री सुरक्षा की एजेंसी पर सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा, जब भाजपा और प्रधानमं त्री कार्यालय ने फिरोजपुर रैली का प्रोग्राम बनाया तो मौसम को नजर अंदाज क्यों किया। मौसम विभाग सात-आठ दिन पहले ही पूर्वानुमान देता

है। मोबाइल तक पर इसकी जानकारी मिल जाती है। जब दिल्ली से उड़े तब भी बठिंडा-फिरोजपुर में बरसात हो रही थी। तब भी अल्टरनेट व्यवस्था क्यों नहीं की गई।

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हैं तैयार हम!

कोरोना की तीसरी लहर में इलाज के लिए 101 अस्पतालों में 42 सौ बेड के इंतजाम

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रोना सं क्रमण के बढ़ते के स को ध्यान में रखकर पूरी छत्तीसगढ़ सरकार अलर्ट मोड में है। राजधानी रायपुर समेत सभी शहरों में अस्पताल, ऑक्सीजन और वेंटिलेटर के पूरे इं तजाम हैं। रायपुर शहर में ही कु ल 101 अस्पताल में सं क्रमित मरीजों के इलाज की व्यवस्था की गई है। इसमें 86 प्राइवेट अस्पताल और 15 सरकारी अस्पताल शामिल हैं। यहां पर करीब 42 सौ बिस्तरों की व्यवस्था की गई है। इनडोर स्टेडियम में 400 बिस्तर, फुं डहर में 300 और उपरवारा, नवा रायपुर में 250250 बिस्तरों के दो कोविड के यर सेंटर तैयार किए जा रहे हैं। नगर निगम के अपर आयुक्त सुनील चं द्रवं शी के मुताबिक कोरोना की तीसरी लहर की आशं का को ध्यान में रखकर जिला प्रशासन, स्वास्थ्य विभाग विशेष एहतियात बरत रहा है। रायपुर नगर निगम लीड एजेंसी के रूप में समन्वय के साथ सारी व्यवस्थाएं बना रहा है। जरूरत पड़ने पर शहर के बड़े सामुदायिक भवनों को भी कोविड सेंटर बनाया जाएगा। वर्तमान में 10 हजार बेड उपलब्ध है। आक्सीजन प्लांट सभी मुख्य अस्पतालों में लगाए गए है। चार बायो मैकेनिकल इं जीनियर भी इससे जुड़े हुए हैं। सारी व्यवस्थाएं दरुु स्त की जा रही है। कोरोना से लड़ने के लिए फिर से निगम पूरी तरह 22

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से तैयार है। सुनील चं द्रवं शी ने बताया कि रायपुर में रोजाना 30 से 40 विदेशी यात्री आते हैं। अब तक 1,466 आ चुके हैं। सभी को ट्रेसकर सात दिन के लिए होम आइसोलेशन और क्वांरटाइन किया गया है। हालांकि राहत की बात यह है कि जांच में सभी विदेशी यात्रियों कोरोना जांच की रिपोर्ट निगेटिव आई है। रायपुर में जहां-जहां मरीज मिल रहे हैं, उन इलाकों को कं टेनमेंट जोन बनाया जा रहा है। कांटेक्ट ट्रेसिगं व जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है और टीकाकरण के लिए लगातार लोगों को प्रेरित किया जा रहा है। जांच व इलाज की व्यवस्था जमीनी स्तर पर की जा रही है। जोन स्तर पर टीम बनाकर जांच अभियान चला रहे हैं। कोरोना जांच, इलाज के लिए कोविड सेंटर की पर्याप्त व्यवस्था है, लेकिन लोगों को भी जागरूक रहने की जरूरत है।

रायपुर समेत लगभग पूरे प्रदेश में नाइट कर्फ्यू राजधानी रायपुर, बिलासपुर, दर्गु , राजनांदगांव, रायगढ़, अंबिकापुर समेत लगभग पूरे प्रदेश में रात 9 बजे से सुबह 6 बजे तक नाईट कर्फ्यू लागू किया गया है। ओमिक्रोन के खतरे को देखते हुए सभी जगहों पर जिला प्रशासन ने बैठक में ये फै सला लिया है। हालांकि कोविड गाइडलाइन का पालन करते हुए थोक व्यापार, सब्जी मं डी, लोडिगं

व अनलोडिगं की अनुमति दी गई है। इसके साथ ही सभी को मास्क लगाना जरूरी होगा। इसकी निगरानी के लिए अधिकारियों को जिम्मेदारी दी गई है। साथ ही होटल, रेस्टोरेंट, ढाबा, बेकरी आइटम, फू ड कोर्ट और खाद्य सं बं धी प्रतिष्ठान रात्रि 11 बजे तक सं चालित होंगे। नगरीय निकाय सीमा क्षेत्र के बाहर 11 बजे के बाद भी ढाबा सं चालन की अनुमति है। वहीं होटलों और ढाबों पर भीड़भाड़ नियं त्रित करना होगा। इसके बाद सं चालन होने पर विधिक कार्रवाई की जाएगी। वहीं धरना, रैली, जुलूस, सार्वजनिक, सांस्कृतिक व धार्मिक कार्यक्रम पर प्रतिबं ध लगाया गया है। वहीं बाजारों में बिना मास्क के दक ु ानदारों को सामान न देने को कहा गया है। वहीं विवाह और अंत्येष्टि के लिए जिला प्रशासन से अनुमति लेना जरूरी है। सभी जिले में स्कू ल, आंगनबाड़ी कें द्र, लाइब्रेरी, स्विमिगं पूल को बं द कर दिया गया है। सार्वजनिक स्थलों में फिजिकल डिस्टेंसिगं का पालन करना अनिवार्य किया गया है। सिनेमाघर, मॉल, जिम, रेस्टोरेंट, ऑडिटोरियम, मैरिज हाल एक तिहाई क्षमता के साथ सं चालित होंगे। रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड और एयरपोर्ट पर दू सरे राज्यों से आने वालों को आरटीपीसीआर नेगेटिव रिपोर्ट दिखाना होगा। जिला स्तर पर आम जनता की सहायता के लिए कं ट्रोल रूम भी स्थापित किया गया है।

छत्तीसगढ़ में बने जीनोम सिक्वेंसिंग लैब

छत्तीसगढ़ राज्य में कोरोना संक्रमण का प्रसार तेजी से हो रहा है। तीसरे लहर की आशंका के बीच पिछले दिनों नए वेरिएंट ओमिक्रोन ने भी दस्तक दे दी है। बिलासपुर में पहला संक्रमित मिला है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ पहले से ही तीसरी लहर आने की आशंका जता रहे थे। इसके बावजूद दुर्भाग्यपूर्ण बात यह रही कि शासन और प्रशासन ने राज्य में जीनोम सिक्वेंसिंग लैब स्थापना के लिए ठोस पहल नहीं की। कोरोना के प्रसार को देखते हुए राज्य में जीनोम सिक्वेंसिंग लैब की कमी खलने लगी है। अभी जांच के लिए सैंपल भुवनेश्वर भेजा जाता है। वहां से रिपोर्ट आने में देरी के चलते प्रभावी निर्णय लेने में विलंब तो होता ही है। पीड़ित से लेकर डाक्टरों तक को परेशानी से जूझना पड़ रहा है। आश्चर्यजनक बात यह है कि ओमिक्रोन का मामला सामने आने के बाद राज्य के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री को पत्र लिखकर रायपुर के दो चिकित्सा संस्थानों में जीनोम सिक्वेंसिंग लैब की अनुमति मांगी है। जबकि यह कार्य उसी समय कर लेना चाहिए था, जब देश में ओमिक्रोन को लेकर पिछले एक महीने से हलचल तेज हो गई थी।

प्रभावित नहीं होगी अर्थव्यवस्था: भूपेश बघेल

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि कोरोना की वजह से प्रदेश में आर्थिक गतिविधियां प्रभावित नहीं होंगी। उन्होंने कहा कि राज्य के लोगों के सहयोग और सावधानी से हम कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर को भी हराएंगे। उन्होंने राज्य में बढ़ते कोरोना संक्रमण को देखते हुए उन्होंने कोविड गाइडलाइन का कड़ाई से पालन करने और सावधानियां बरतने की अपील की है। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना की बीती दोनों लहरों को राज्य ने सभी वर्गों के सहयोग से जिस प्रभावी ढंग निपटने में कामयाबी हासिल की थी, वैसी ही कामयाबी हम तीसरी लहर में भी हासिल करेंगे। उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण के बावजूद भी हम राज्य की आर्थिक गतिविधियों को पूरी सावधानी के साथ जारी रखेंगे।

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भूमिहीन मजदूरों की संवरेगी किस्मत

गणतंत्र दिवस पर मिलेगी भूमिहीन कृ षि मजदूर न्याय योजना की पहली किश्त



त्तीसगढ़ के ज्यादातर ग्रामीण नागरिक कृ षि मजदू री पर अपने भरण-पोषण के लिए निर्भर है। लेकिन छत्तीसगढ़ में खरीफ सत्र में ही पर्याप्त कृ षि मजदू री के अवसर होते हैं। रबी सत्र में कृ षि मजदू री के पर्याप्त अवसर उपलब्ध नहीं होते है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृ षि मजदू र न्याय योजना का शुभारंभ किया गया है। इस योजना के माध्यम से कृ षि मजदू रों को आर्थिक

सहायता प्रदान की जाएगी। इस महत्वाकांक्षी राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृ षि मजदू र न्याय योजना की पहली किश्त 26 जनवरी को जारी की जाएगी। सरकार ने इस योजना को लेकर अपनी तैयारी पूरी कर ली है। गुरुवार को मुख्यमं त्री भूपेश बघेल ने बताया, गणतं त्र दिवस को योजना की पहली किश्त जारी होगी। मुख्यमं त्री भूपेश बघेल ने पिछले साल इस योजना को लान्च किया था। इसके तहत ग्रामीण क्षेत्रों के भूमिहीन मजदू रों और दू सरे पारंपरिक काम करने वाले परिवारों को हर

इन्हें मिलेगा योजना का फायदा { चरवाहा { बढ़ई { लोहार { मोची

{ नाई { धोबी { पुरोहित

{ पौनी पसारी व्यवस्था से जुड़े परिवार { वनोपज संग्राहक तथा शासन द्वारा समयसमय पर निर्यात अन्य वर्ग

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साल 6 हजार रुपए दिया जाना था। इसके लिए 30 नवम्बर 2021 तक पं जीयन हुए। आखिर तक छत्तीसगढ़ में 4 लाख 41 हजार से अधिक भूमिहीन खेतिहर मजदू रों ने अपना पं जीयन करा लिया था। पं जीयन के बाद आवेदनों की स्क्रू टनी हुई। अधिकारियों ने बताया, स्क्रू टनी और दावाआपत्ति के निराकरण के बाद पात्र लोगों की अंतिम सूची प्रकाशित की जाएगी। इस सूची में आए लोगों को राज्य सरकार इस योजना के तहत सालाना 6 हजार रुपए का भुगतान करेगी।

क्या है न्याय योजना पिछले साल शुरू राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर योजना का उद्देश्य खेतिहर मजदूरों को आर्थिक अनुदान सहायता उपलब्ध कराना है। इस योजना के लिए पात्र पाए गए लोगों को सालाना 6 हजार रुपए दिए जाएंगे। यह रकम सीधे बैंक खाते में ट्रांसफर की जानी है। योजना का लाभ छत्तीसगढ़ के ऐसे मूल निवासियों को मिलेगा। जिन परिवारों के पास कृषि भूमि नहीं है, ऐसे परिवारों में चरवाहा, बढई, लोहार, मोची, नाई, धोबी और पुरोहित जैसे पारंपरिक काम से जुड़े लोगों को भी इस योजना में शामिल किया गया है। पौनी-पसारी व्यवस्था से जुड़े परिवार, वनोपज संग्राहक तथा शासन द्वारा समय-समय पर नियत ऐसे अन्य वर्ग भी पात्र होंगे जिनके परिवार के पास कृषि भूमि नहीं है।

ऐसे करें

आवेदन

{ सर्वप्रथम आपको राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना की आधिकारिक वेबसाइट पर जाना होगा। { अब आपके सामने होम पेज खुलकर आएगा। { होम पेज पर आपको अप्लाई नाउ के

4 लाख

41 हजार से ज्यादा का पंजीयन

विकल्प पर क्लिक कर रहा होगा। { इसके बाद आपके सामने आवेदन पत्र खुल कर आएगा। { आप को आवेदन पत्र में पूछी गई सभी जानकारी जैसे कि आपका नाम, मोबाइल नंबर, ईमेल आईडी आदि दर्ज करना होगा।

{ अब आपको सभी महत्वपूर्ण दस्तावेजों को अपलोड करना होगा। { इसके बाद आपको सबमिट के विकल्प पर क्लिक करना होगा। { इस प्रकार आप भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना के अंतर्गत आवेदन कर पाएंगे।

1 सितं बर 2021 से 30 नवं बर 2021 तक इस योजना के अंतर्गत सभी जिलों में ग्राम पं चायत स्तर पर आवेदन प्राप्त किए गए हैं। अब तक राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृ षि मजदू र न्याय योजना के अंतर्गत 4 लाख 41 हजार 658 से ज्यादा आवेदन प्राप्त हुए हैं। जनपद स्तर पर सभी प्राप्त आवेदनों के पं जीयन का कार्य किया जा रहा है। इसके अलावा आवेदन का परीक्षण क्षेत्र के तहसीलदार के माध्यम से किया जा रहा है। सभी पात्र नागरिको को इस योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए गांव के ग्राम पं चायत में आवेदन प्रस्तुत करना होगा। इस योजना का कार्यान्वयन राज्सब एवं आपदा प्रबं धन विभाग द्वारा किया जाएगा। लाभार्थियो ं की पहचान करके उनको वार्षिक आधार पर आर्थिक अनुदान सहायता उपलब्ध करवाई जाएगी। यह सहायता 6000 रुपया सालाना

होगी जो कि सीधे लाभार्थी के खाते में जमा करवाई जाएगी। इस आर्थिक सहायता के माध्यम से लाभार्थी के जीवन स्तर में सुधार आएगा। छत्तीसगढ़ के सभी नागरिक जिनके पास कृ षि भूमि नहीं है एवं जो चरवाहा, बड़ाई, लोहार मोची, नाई, धोबी और पुरोहित जैसी पौनी पसारी व्यवस्था से जुड़े हैं उनको इस योजना का लाभ प्रदान किया जाएगा। इसके अलावा शासन द्वारा समय-समय पर अन्य वर्ग के पात्र नागरिकों को भी जोड़ा जाएगा। इस योजना के अंतर्गत सभी प्राप्त होने वाले आवेदनों का परीक्षण कर के पात्र हितग्राहियों की सूची तैयार की जाएगी। इस सूची को ग्राम सभा में दावा आपत्ति प्राप्त करने हेतु रखा जाएगा। दावा आपत्ति के निराकरण के पश्चात पात्र हितग्राहीको की अंतिम सूची प्रकाशित की जाएगी।

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राजद्रोह का आरोपी आईपीएस गिरफ्तार

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लं बित एडीजी जीपी सिहं को दिल्ली से गिरफ्तार कर लिया गया है। उन्हें एं टी करप्शन ब्यूरो की टीम ने पकड़ा है। सूचना है कि सिहं को उस समय पकड़ा गया जब वे अपने वकील से मिलकर उनके चेंबर से बाहर आए थे। जो टीम उन्हें गिरफ्तार करने गई थी, वो पिछले तीन दिन से उनके वकील के घर के आसपास थी। मं गलवार को सिहं सुप्रीम कोर्ट के इस बड़े वकील से मिलने आए थे और बाहर निकलते समय उन्हें टीम ने घेर लिया। टीम में डीएसपी सपन चौधरी और इं स्पेक्टर नितिन उपाध्याय के साथ दो पुलिस अधिकारी और थे। इन लोगों ने सिहं को अपनी गाड़ी में बैठाया और सीधे एयरपोर्ट ले आए। आय से अधिक सं पत्ति, राजद्रोह जैसे मामलों में जीपी सिहं साल 2021 के जुलाई महीने से फरार थे। कु छ दिन पहले जीपी सिहं की तलाश में दिल्ली गई छत्तीसगढ़ पुलिस की एक टीम के 4 अफसर कोरोना की वजह से सं क्रमित हो गए थे। जीपी सिहं अलग-अलग मामलों में पुलिसिया कार्रवाई से बचने कोर्ट में गिरफ्तारी या पुलिस एक्शन रोकने की मांग करने के आवेदन दे चुके थे। हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने भी उन्हें राहत देने से इनकार कर दिया था।

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छह महीने से फरार चल रहे निलंबित एडीजी जीपी सिंह की दिल्ली से हुई गिरफ्तारी जिस विभाग के चीफ थे वहीं दर्ज है के स एक समय प्रदेश के सबसे ताकतवर पुलिस अधिकारी माने जाने वाले जीपी सिहं को पहले हाईकोर्ट ने कोई राहत नहीं दी और फिर सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें राहत देने से इनकार कर दिया। वहीं ईओडब्ल्यू की एक टीम हाई कोर्ट से उन्हें राहत नहीं मिलने के बाद से ही दिल्ली में रहकर उन पर नजर रख रही थी और उन्हें आखिरकार गिरफ्तार कर लिया गया। सबसे खास बात ये है कि आईपीएस जीपी सिहं जिस विभाग ईओडब्ल्यू के चीफ थे वहीं उसके खिलाफ अपराध दर्ज है। आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो रायपुर के अपराध क्रमांक 22/2021 धारा 13(b),13(2)भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम एवं धारा 201, 467, 471 के तहत जीपी सिहं पर के स दर्ज है. आरोपी निलं बित अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक जीपी सिहं , जिन्हें प्रकरण की विवेचना में उपस्थित होने के लिए कई नोटिस जारी किए गए थे और उसके बाद भी वह विवेचना में सहयोग नहीं कर रहे थे ना और ना ही ईओडब्ल्यू कार्यालय में उपस्थित हो रहे थे।

सुप्रीम कोर्ट ने लगाई थी फटकार

हाईकोर्ट से सुप्रीम कोर्ट तक हाइप्रोफाइल वकीलों की टीम पुलिस के एक्शन से जीपी सिहं को बचाने के लिए पूरा जोर लगाए हुए थी। लेकिन उन्हें कहीं से भी राहत नहीं मिली। पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट के राहत से इं कार के बाद जीपी सिहं की मुश्किलें बढ़नी तय थीं। जीपी सिहं की गिरफ्तारी या सरेंडर की चर्चा जोरों पर थीं। देश की सर्वोच्च अदालत ने पुलिसिया कार्रवाई से बचने के लिए किए गए आवेदन को रिजेक्ट कर दिया था। जीपी सिहं के वकीलों ने पहले ये आवेदन बिलासपुर हाईकोर्ट में दिया था, वहां बात नहीं बनी तो मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा था। जहां सुप्रीम कोर्ट ने भी इस मामले में राहत देने से इं कार कर दिया। अक्टूबर के महीने में सीजेआई एनवी रमना ने जीपी सिहं मामले में सुनवाई करते हुए कहा था कि आप हर मामले में सुरक्षा नहीं ले सकते, आपने पैसा वसूलना शुरू कर दिया, क्योंकि आप सरकार के करीब हैं। यही होता है अगर आप सरकार के करीब हैं और इन चीजों को करते हैं तो आपको एक दिन वापस भुगतान करना होगा। सीजेआई रमना ने आगे कहा कि जब आप सरकार के साथ अच्छे हैं, आप वसूली कर सकते हैं, लेकिन अब आपको ब्याज के साथ भुगतान करना होगा। कोर्ट ने कहा था कि यह बहुत ज्यादा हो रहा है। हम ऐसे अधिकारियों को सुरक्षा क्यों दें? यह देश में एक नया ट्रेंड है, उन्हें जेल जाना होगा।

कई विवादों में घिरे हैं जीपी सिंह

फिलहाल जीपी सिंह सस्पेंड चल रहे हैं। छत्तीसगढ़ एसीबी के चीफ रह चुके आईपीएस जीपी सिंह पर राज्य सरकार राजद्रोह, आय से अधिक संपत्ति का केस कर चुकी है। 1 जुलाई की सुबह 6 बजे एसीबी और ईओडब्ल्यू की टीमों ने रायपुर, राजनांदगांव और ओडिशा में एक साथ छापा मारा था। जीपी सिंह पर एफआईआर दर्ज की गई। दूसरे दिन दिन भर की जांच के बाद 5 करोड़ की चल-अचल संपत्ति का खुलासा हुआ। 10 करोड़ की संपत्ति मिलने और इसके बढ़ने की आधिकारिक जानकारी दी गई। रायपुर में एक युवक से मारपीट, भिलाई में सरेंडर करने वाले नक्सल कमांडर से रुपयों का लेन-देन, रायपुर में एक केस में आरोपी की मदद का इल्जाम भी जीपी सिंह पर लगा है। इन पुराने केस की फिर से जांच की जा रही है। इन तमाम मामलों के बीच 5 जुलाई को राज्य सरकार ने एडीजी जीपी सिंह को एक आदेश पत्र में यह लिखते हुए निलंबित कर दिया कि एक अफसर से ऐसी अपेक्षा नहीं थी।

मुझे झूठे केस में फंसाया: जीपी सिंह कोर्ट में पेश करने के दौरान निलंबित एडीजी जीपी सिंह ने मीडिया से कहा कि मुझे झूठे केस में फंसाया गया है। एसीबी ने जो प्रॉपर्टी के दस्तावेज जब्त किए हैं, वे मेरे परिजनों के नाम पर हैं। मेरे नाम पर कुछ नहीं है।

कानून से ऊपर कोई नहीं: भूपेश मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने निलंबित एडीजी जीपी सिंह की गिरफ्तारी पर पूछे गए सवाल पर कहा कि पुलिस अपना काम कर रही है। अधिकारी कितना बड़ा क्यों ना हो, कानून से ऊपर कोई नहीं है।

छापे में मिली ये संपत्तियां

{ आईपीएस के बैंक मैनेजर दोस्त मणि भूषण के घर से एक 2 किलो सोने की पट्टी जिसकी कीमत लगभग एक करोड़ है। { कारोबारी प्रीतपाल सिंह चंडोक के बेडरूम से 13 लाख रुपए के बंडल। { राजनांदगांव में चार्टर्ड अकाउंटेंट राजेश बाफना के ऑफिस से जीपी सिंह की पत्नी और बेटों के नाम 79 बीमा दस्तावेज। { एक से अधिक एचयूएफ अकाउंट जिनमें 64 लाख रुपए हैं। 17 बैंक खाते जिनमें 60 लाख जमा हैं। पीपीएफ अकाउंट जिनमें 10 लाख रुपए हैं। { मल्टीनेशनल कंपनियों में 1 करोड़ से अधिक की राशि जमा की गई है। { जीपी सिंह की पत्नी और बेटे के नाम पर डाकघर में 29 अकाउंट हैं जिनमें 20 लाख से अधिक की राशि जमा है। { जीपी सिंह के परिवार ने 69 बार शेयर और म्युचुअल फंड्स में बड़ी राशि 3 करोड़ का इंवेस्टमेंट किया। { उनके परिवार के सदस्यों के नाम पर हाईवा, जेसीबी, कांक्रीट मिक्सचर जैसी 65 लाख की गाड़ियां खरीदी गई हैं। { जीपी सिंह के नाम पर दो प्लॉट, एक फ्लैट, उनकी पत्नी के नाम पर दो मकान भी दर्ज है। { जीपी सिंह की मां के नाम पर 5 प्लॉट एक मकान, पिता के नाम पर 10 प्लॉट, 2 फ्लैट मिले हैं। { लगभग 49 लाख के डेढ़ दर्जन से अधिक लैपटॉप, कंप्यूटर, आईपैड और महंगे मोबाइल फोन मिले हैं।

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सीबीआई खोलेगी खूनी राज! छ छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट का कवर्धा राजमाता के भांजे की हत्या की जांच सीबीआई से कराने का आदेश

राजा योगेश्वर सिंह पर संपत्ति विवाद में परिजन ने लगाया है सुपारी किलिंग का आरोप 28

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त्तीसगढ़ के कवर्धा में राज परिवार के सदस्य की हत्या की जांच हाईकोर्ट ने सीबीआई से कराने का आदेश दिया है। इस बहुचर्चित हत्याकांड को परिजनों ने सुनियोजित सुपारी कीलिगं बताया है। साथ ही आरोप लगाया है कि पुलिस ने सं पत्ति विवाद के चलते हुई हत्या को महज अरहर चोरी करने का मामला बताकर रफादफा कर दिया है। जानकारी

के अनुसार, अगस्त 2021 में योगेश्वर राज फार्म हाउस में विश्वनाथ नायर की खून से लथपथ लाश मिली थी। पुलिस ने इस मामले की जांच की और गांव के ही पांच युवकों को आरोपी बनाकर जेल भेज दिया। उन पर आरोप है कि ग्रामीण युवक फार्म हाउस में अरहर व सबमर्सिबल पं प चोरी करने गए थे। तभी नींद खुलने पर उनकी हत्या कर दी गई। इधर, उनकी पत्नी ज्योति नायर सहित परिवार

है। बताया जा रहा है कि राजमाता की बेटियो ं की तरफ से भी विश्वनाथ ही कोर्ट में पैरवी कर रहा था।उनकी बेटियो ं ने विश्वनाथ को पावर ऑफ अटार्नी भी दिया है। जिसके आधार पर विश्वनाथ कोर्ट की लड़ाई लड़ रहा था। याचिका में यह भी बताया गया कि विश्वनाथ की मौत के पहले योगेश्वर ने उसे सं पत्ति विवाद के इस के स में नहीं पड़ने की धमकी दी थी और खून खराबा होने की चेतावनी दी थी। हत्या की वारदात के बाद भी योगेश्वर ने कहा था कि उसने पहले ही बोला था कि सं पत्ति विवाद में हत्या हो जाएगी। हालांकि विश्वनाथ के परिजनों का आरोप है कि हत्या साजिश के तहत हुई थी। यही वजह है कि परिजनों ने सही तरीके से जांच नहीं होने का आरोप लगाते हुए हाईकोर्ट का रुख किया था और सीबीआई जांच की मांग की थी। कु छ दिनों पहले ही योगेश्वर सिहं के खिलाफ उनकी भांजी ने भी पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी। भांजी ने योगेश्वर सिहं पर मारपीट और घर से धक्का देकर निकाल देने का आरोप लगाया था।

राजा योगेश्वरराज सिंह के बुआ के बेटे थे विश्वनाथ

52 साल के मृतक विश्वनाथ नायर कवर्धा के पूर्व विधायक राजा योगेश्वरराज सिहं के बुआ के बेटे थे। नायर 10-12 साल से राज परिवार के हिस्से के 100 एकड़ से अधिक क्षेत्र में फै ले खेती-बाड़ी के देखरेख कर रहे थे। मुख्य रूप से वह रायपुर निवासी थे, जो सप्ताह में तीन से चार दिन कवर्धा आते और फार्म हाउस में ही रहते थे। जिस फार्म हाउस में हत्या हुई, वहां चार कमरे और बरामदे हैं। जहां रासायनिक खाद, बीज सहित अन्य कृ षि सं बं धी सामाग्री रखे हुए थे। बरामदे व बाहर मेन गेट के एं गल में दो-तीन सीसीटीवी कै मरे भी लगे थे।

ऐसे हुई थी हत्या

के सदस्यों ने हत्या को षडयं त्र बताया था। उन्होंने अपने ही रिश्तेदार व पूर्व विधायक योगश्वर राज व उनकी पत्नी कृ ति देवी सिहं पर सुपारी देकर हत्या कराने के आरोप लगाए थे। उन्होंने पहले स्थानीय पुलिस अफसरों से शिकायत की। फिर पुलिस मुख्यालय सहित राज्य शासन से भी शिकायत कर हत्याकांड की निष्पक्ष जांच कराने की मांग की। कोई कार्रवाई नहीं होने पर अधिवक्ता सौरभ डांगी के माध्यम से हाईकोर्ट में याचिका दायर की। जस्टिस रजनी दबु े ने मामले की सुनवाई के बाद हत्याकांड की सीबीआई को जांच करने का आदेश दिया है।

वसीयत और संपत्ति का है विवाद हाईकोर्ट में याचिका लगाने वाली अंजू नायर के वकील सौरभ डांगी ने बताया कि राजमाता शशि प्रभा ने जो अपनी वसीयत तैयार की थी, उसमें कथित तौर पर बेटे योगेश्वर सिहं के साथ ही बेटियो ं को भी सं पत्ति में हिस्सा दिया था। साथ ही कु छ हिस्सा अपने भतीजे विश्वनाथ नायर के नाम भी किया था। हालांकि योगेश्वर सिहं ने इस वसीयत को चुनौती दी और ये मामला कोर्ट में विचाराधीन

कवर्धा जिले के पिपरिया थाना के ग्राम इं दौरी और कोसमं दा के बीच राजपरिवार का पुश्तैनी कृ षि फार्म हाउस है। इसी कृ षि फार्म हाउस में राजमाता के भांजे विश्वनाथ नायर की 2021 के अगस्त महीने में हत्या हुई। खेती-बाड़ी की देखरेख करने वाले विश्वनाथ नायर का शव खून से लथपथ फार्म हाउस के एक कमरे मिला। राज परिवार से जुड़ा होने के कारण मामला हाईप्रोफाइल हो गया। अनहोनी का सं देह तब हुआ जब खेती बाड़ी के कार्य के लिए मजदू र फार्महाउस पहुंचे और बाहर का गेट बं द था। फोन किया गया तो रिसीव नहीं किए। इसके बाद कमरे में जाकर देखा गया। जहां खून से लथपथ शव देखकर मजदू रों ने पुलिस को सूचना दी। घटना की भनक लगते ही पिपरिया थाना पुलिस टीम डॉग स्क्वायड लेकर पहुंची। साथ ही पुलिस कप्तान भी मौके पर पहुंचे और फार्म हाउस में देखरेख करने वाले से प्रारंभिक पूछताछ की। पिपरिया पुलिस ने पं चनामा बनाकर शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।

साक्ष्य और सबूत नहीं जुटाने का आरोप कवर्धा पुलिस ने इस सनसनीखेज हत्याकांड में कु छ दिन बाद ही खुलासा करने का दावा किया था। पुलिस का दावा था कि पांच लोगों ने मिलकर हत्या की वारदात को अंजाम दिया है। पुलिस के अनुसार एक आरोपी प्रेमलाल के साथ चार आरोपी हैं, जो कि पास के ही गांव के रहने वाले हैं। वे चोरी की नीयत से आए थे। शोरगुल की आवाज से विश्वनाथ की नींद खुल गई। जिससे बचने के लिए आरोपियों ने रॉड से सिर पर ताबड़तोड़ वार करके उसकी हत्या कर दी थी। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में याचिका लगाने वाले ने आरोप लगाया है कि राजपरिवार के फार्म हाउस में हुई हत्या के इस मामले को पुलिस ने गं भीरता से नहीं लिया। आरोप है कि जिस कार से लोहे के राड वगैरह की जब्ती की गई। उसकी भी जांच कर फिंगर प्रिंट वगैरह नहीं लिए गए। साथ ही सुपारी कीलिगं की आशं काओं पर भी जांच नहीं की।

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डेढ़ हफ्ते में 15 लाख के टिकट कैंसल

कोरोना की तीसरी लहर और ओमिक्रान वैरिएंट के चलते लोगों ने बदले अपने प्लान



मिक्रान वैरिएं ट की वजह से आई कोरोना की तीसरी लहर ने राजधानी के 16 लाख से ज्यादा आबादी की जिन चीजों पर सबसे ज्यादा असर डाला है, उनमें फरवरी से अप्रैल के बीच प्रस्तावित ट्रेन यात्रा भी है। पिछले 10 दिन में राजधानी के एयरपोर्ट में 20 फीसदी यात्री कम हुए हैं, लेकिन ट्रेनों में यह सं ख्या 50 फीसदी से ऊपर पहुंच रही है। रायपुर के लोगों ने 1 जनवरी से अब तक सिर्फ 11 दिनों में 15 लाख रुपए के ट्रेन टिकट कैं सल करवा दिए हैं। रोजाना औसतन डेढ़ लाख रुपए के टिकट रद्द करवाए गए हैं। रेलवे अफसरों का अनुमान है कि इन 11 दिनों में ही 10 हजार से ज्यादा लोगों ने यात्राएं रद्द की हैं और ट्रेंड ऐसा है कि अगले 10 दिन में ही यह सं ख्या 50 हजार तक पहुंच सकती है। दिलचस्प यह है कि यह आंकड़े के वल काउं टर कैं सिलेशन के हैं। ऑनलाइन टिकट भी बड़ी सं ख्या में कैं सिल हो रहे हैं और लोगों के पास रिफं ड जा रहा है, लेकिन स्टेशन अफसरों के पास इसका आंकड़ा नहीं है। राजधानी के स्टेशन परिसर में टिकट और रिजर्वेशन काउं टरों पर अब

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लाइनें नहीं लग रही हैं। लोकल टिकट के लिए ट्रेन पहुंचने के समय कु छ लोगों की लाइन लग गई तो बहुत है, वर्ना काउं टर खाली रहने लगे हैं। भीड़ रिजर्वेशन कैं सिल करनेवाले काउं टरों पर हैं। रायपुर स्टेशन में रोजाना औसतन सवा से डेढ़ लाख रुपए के टिकट कैं सिल करके लोगों को रकम लौटाई जा रही है। इस तरह, तीन-चार माह पहले रिजर्वेशन कराने वाले अब वे टिकट कैं सिल कराने काउं टर पहुंच रहे हैं। इस साल जनवरी के 11 दिनों में 15 लाख रुपए से अधिक के टिकट कैं सिल कराए गए। काउं टर टिकट लेने वाले ही रिजर्वेशन काउं टर पर पहुंच रहे हैं। ऐसे लोग लोगों की सं ख्या भी बहुत है, जिन्होंने ऑनलाइन या एप के माध्यम से रिजर्वेशन कराया और अब तीसरी लहर के खतरे से टिकट कैं सिल करा रहे हैं। टिकट कैं सिलेशन बहुत कठिन काम नहीं है, के वल स्टेशन में कैं सिलेशन काउं टर तक टिकट लेकर जाना है। वहां कैं सिलेशन का फार्म भरकर उसमें टिकट अटैच की जाती है। टिकट और फार्म में नाम, नं बर, उम्र और पता समान होना चाहिए। टिकट कैं सिल होने पर स्लीपर टिकट के 20 रुपए तथा इसी तरह अलग-अलग क्लास को मिलाकर

अधिकतम 60 रुपए रेलवे काट लेगा। बची हुई राशि काउं टर से कै श ही वापस की जाएगी। रेलवे अफसरों के मुताबिक टिकट कैं सिलेशन यात्री का अधिकार है, कोई भी ऐसा कर सकता है। जो लोग ऑनलाइन टिकट बनवाकर कैं सिल करवा रहे हैं, उनकी रकम ऑनलाइन ही उनके बैंक खाते में वापस आएगी।

कहीं नहीं जाना चाहते लोग ओमिक्रॉन वैरिएंट से घबराहट ऐसी बढ़ी है कि लोग अब कहीं घूमने के लिए नहीं जाना चाहते। जो टिकट कैंसिल कराए जा रहे हैं, वे सभी रूट के हैं। इनमें रामेश्वरम, माउंट आबू, पुरी, अजमेर, विशाखापट्‌टनम, अमृतसर, उज्जैन, महेश्वर, तिरुपति, आगरा, जम्मू-कश्मीर, प्रयागराज, शिर्डी समेत अनेक धार्मिक व पर्यटन स्थल हैं। ज्यादातर लोगों ने बच्चों की परीक्षा के बाद या वीकेंड में घूमने की प्लानिंग के साथ रिजर्वेशन करवाया था, जिसे टाला जा रहा है। अभी नया रिजर्वेशन करवाने वाले नहीं के बराबर हैं, रद्द करवाने वाले ज्यादा नजर आ रहे हैं। कैंसिलेशन के लिए पहुंचे राजधानी के एक व्यक्ति ने बताया कि उनके परिवार के पांच सदस्य मार्च में रामेश्वरम् जाने वाले थे, पर कोराेना के खतरे के बीच यात्रा का रिस्क नहीं ले सकते।

33% घट गए हवाई यात्री

कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों का असर हवाई यातायात पर फिर पड़ने लगा है। रायपुर एयरपोर्ट पर पिछले दो हफ्ते से हवाई यात्रियों की संख्या में भारी गिरावट देखने को मिल रही है। एयरपोर्ट अथॉरिटी की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक साल 2022 की जनवरी शुरू होने के पहले जहां आने-जाने वाली यात्रियों की संख्या 48000 थी, जो घटकर जनवरी के पहले हफ्ते 31750 हो गई। मतलब एक हफ्ते में ही 33 प्रतिशत की कमी देखने को मिल रही है। कम होती हवाई यात्रियों का असर फ्लाइट की संख्या पर भी पड़ा है। जनवरी शुरू होने से पहले तक 394 फ्लाइट का मूवमेंट हुआ था, जो इस हफ्ते 364 हो गया। कोरोना संक्रमण के मामले अगर इसी तेजी से बढ़ते रहे, तो आने वाले दिनों में हवाई यात्रियों की संख्या में और गिरावट देखने को मिल सकती है।

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मध्यप्रदेश का हर गांव होगा स्मार्ट

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का प्रदेश के गांवों को टूरिस्ट प्लेस बनाने का प्लान



ध्यप्रदेश के मुख्यमं त्री शिवराज सिहं चौहान ने कहा है कि प्रदेश की पं चायतों के कार्य की ग्रेडिगं की जायेगी तथा जो पं चायतें अच्छा कार्य कर रही हैं, उन्हें इनाम दिया जाएगा। हर पं चायत की विकास योजना बनाई गई है, उस पर अमल कर ‘स्मार्ट विलेज’ बनाए जाएं गे। चौहान सोमवार को मं त्रालय में पं चायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के कार्यों की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने विभाग द्वारा गांव-गांव में कचरा सं ग्रहण एवं परिवहन के लिये बनाये गए ‘मोबाइल ऐप’ का लोकार्पण भी किया। सीएम चौहान ने कहा कि प्रदेश में स्व-सहायता समूहों द्वारा 127 ‘दीदी कै फे ’ सं चालित किए जा रहे हैं। ये स्वल्पाहार के न्द्रों के रूप में सफलतापूर्वक सं चालित हो रहे हैं। आने वाले ं चल, सतपुड़ा आदि स्थानों पर भी दीदी कै फे खोले समय में वल्लभ भवन, विध्यां जाएं गे। चौहान ने कहा कि प्रदेश में प्लास्टिक कचरा निपटान के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य हो रहा है। गांव-गांव से प्लास्टिक कचरा सं ग्रहण की व्यवस्था की गई है, जहां से प्लास्टिक कचरा सं ग्रहण के न्द्रों तक पहुंचेगा और वहीं से इसकी बिक्री होगी। प्रदेश में 28 प्लास्टिक सं ग्रहण कें द्र खोले जा रहे हैं, जिनका सं चालन स्व-सहायता समूह की महिलाओं द्वारा किया जाएगा। प्रदेश में लगभग 9 हजार किलोमीटर सड़कों के निर्माण में वेस्ट प्लास्टिक का उपयोग किया जा रहा है।

हर गांव में मनेगा स्थापना दिवस

मुख्यमं त्री शिवराज सिहं चौहान ने कहा कि प्रदेश में समुदाय आधारित ग्रामीण पर्यटन में होम-स्टे योजना सफलता से सं चालित की जा रही है। योजना के प्रति पर्यटकों में अच्छा उत्साह दिख रहा है। निवाड़ी जिले के लदपुरा ग्राम तथा पन्ना जिले के मदला ग्रामों में ‘होम-स्टे’ में बड़ी सं ख्या में पर्यटक रुक रहे हैं। चौहान ने कहा कि हर गांव के इतिहास, गौरव, पहचान, सं स्कृति, महापुरुषों आदि को पुन: स्थापित करने के लिए सरकार द्वारा निर्णय लिया गया है कि प्रत्येक गांव में हर वर्ष ‘ग्राम स्थापना दिवस’ मनाया जाएगा। उन्होंने आगामी अप्रैल माह से इस सं बं ध में कार्यवाही के निर्देश दिए।

रोजगार मांगने वाले नहीं देने वाले बनो: शिवराज सिंह राष्ट्रीय युवा दिवस को रोजगार दिवस के रूप में मनाया गया। इस मौके पर भोपाल के राज्य स्तरीय कार्यक्रम में मुख्यमं त्री शिवराज सिहं चौहान ने कहा कि मैं युवाओं से कहता हूं कि रोजगार मांगने वाले नहीं देने वाले बनो। सीएम ने हितग्राहियों से सं वाद में पूछा कि आपको ऋण प्राप्त करने में कोई कठिनाई तो नहीं हुई। किसी ने कोई राशि तो नहीं मांगी है। उन्होंने कहा कि जागरूकता हो तो सशक्तीकरण से कोई नहीं रोक सकता है। पूरे मध्य प्रदेश में छह लाख से ज्यादा लोग सीधे कार्यक्रम से जुड़े हैं। आज सवा पांच लाख बेटे बेटियो ं को रोजगार मिल रहा है। विवेकानं द जी से ऊर्जा मिलती है मैं अपना बचपन से पढ़ता रहा हूं। हम बड़ा कार्यक्रम करने वाले थे लेकिन कोरोना बार-बार आड़े आ जाता है। अगर आप किसी व्यवसाय के बारे में निश्चय कर लो तो रास्ता निकल आता है परिश्रम करने पर सफलता मिलना सुनिश्चित है। सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यम मं त्री ओमप्रकाश सकलेचा ने कहा कि पिछले पौने दो साल कोरोना सं क्रमण से प्रभावित हुए। इसके बाद भी स्वरोजगार की दिशा में सरकार काम करती रही आर्थिक गतिविधियों को थामने नहीं दिया। हम फर्नीचर, खिलौना सहित अन्य क्लस्टर मना रहे हैं जिनमें बड़ी सं ख्या में रोजगार सृजित होंगे। इं दौर, भोपाल, नीमच सहित अन्य जिलों में व्यवस्था बनाई जा रही हैं। बड़ी-बड़ी कं पनियों इन क्लस्टर में काम करने की रुचि दिखाई है। आगामी 2 साल में हम 30 लाख रोजगार के नए अवसर युवाओं को उपलब्ध कराएं गे। 32

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2024 तक सबको मिलेगा घर

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने निर्देश दिए कि राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन में हर गांव में ग्राम संगठन बनें। वर्तमान में प्रदेश में 32 हजार 874 ग्राम संगठन हैं। उन्होंने सभी 45 हजार गांवों में ग्राम संगठन बनाने के निर्देश दिये। चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना में वर्ष 2024 तक सभी को आवास दिए जाने का लक्ष्य है। योजना में प्रदेश को 30 लाख 39 हजार आवास का लक्ष्य मिला है, जिसके विरुद्ध प्रदेश में 29 लाख 78 हजार यानी 97.3 प्रतिशत आवास स्वीकृत किये जा चुके हैं तथा 22 लाख 65 हजार यानी 74 प्रतिशत आवास पूर्ण किये जा चुके हैं।

1154 गांव ओडीएफ प्लस

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि स्वच्छ भारत मिशन में वर्ष 2024-25 तक प्रदेश के सभी गांवों को ‘ओडीएफ-प्लस’ बनाना है। इसमें सभी घरों में शौचालय, 80 प्रतिशत घरों में कम्पोस्ट पिट, 80 प्रतिशत घरों में तरल अपशष्टि प्रबंधन तथा सभी ग्रामों में प्लास्टिक अपशष्टि संग्रहण एवं पृथकीकरण काम किए जाने हैं। प्रदेश के 1154 गांव को अभी तक ‘ओडीएफ-प्लस’ बनाया जा चुका है। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए हैं कि इस बात का पूरा ध्यान रखा जाए कि नए बनने वाले घर बिना शौचालय के न हों।

सब टेंशन दूर करेगा कपालभाति

हर मौसम में एक्टिव रहे और हर बीमारी से लड़ने के लिए शरीर को तैयार करें



रीर को स्वस्थ रखने के लिए व्यक्ति को सबसे पहले अपनी दिनचर्या अनुशासित रखना चाहिए. साथ ही नियमित रूप से योगासन भी करना चाहिए. जिससे आपका शरीर हर मौसम में एक्टिव रहे और हर बीमारी से लड़ने के लिए तैयार रहे. योगाभ्यस करने से न सिर्फ आप स्वस्थ रहते हैं बल्कि आपके चेहरे पर भी एक अलग ऊर्जा दिखाई देती है. अपने खान पान पर विशेष ध्यान देना भी उतना ही जरुरी है जितना नियमित योगासन करना, क्योंकि आपके खान-पान से ही आपका स्वास्थ जुड़ा है. कपालभाति कै से करें उसके लाभ और किसे करना चाहिए किसे नहीं इन सबके बारे में आइए जानते हैं. सबसे पहले मेट लगाकर सीधे बैठ जाइए. कमर और गर्दन सीधी कर लीजिए. अब अपने दोनों हाथों को आपस में जोड़ते हुए हथेली को सामने की तरफ घुमाकर सिर के ऊपर लेकर जाएं . 10 गिनने तक रुके और धीरे-धीरे नीचे लेकर आएं . अब अपनी आंखों को बं द करें और सहज होते हुए अपनी आती जाती सांसों को देखें. अब दायां पैर बाईं थाई के ऊपर और बायां पैर दाईं थाई के नीचे रखना है. इससे ब्लड सर्कु लेशन बढ़िया बना रहता है. घुटने में दर्द हो तो न करें. यह प्रक्रिया बारी बारी से दोहराना है.

ध्यान लगाइए किसी भी योगासन की शुरुआत ध्यान के साथ करना चाहिए. इससे मन एकाग्र होता है और योगसन के अच्छे परिणाम देखने को मिलते हैं. अपनी आती जाती सांसों पर ध्यान कें द्रित करें. उसके बाद ओम के साथ किसी भी मं त्र का उच्चारण करें.

कपालभाति योगा मैट पर बैठ कर अपनी रीढ़ की हड्डी को सीधा रखें. इसके बाद अपने हाथों को घुटनों पर रखें और गहरी लं बी सांस लें. अब सांस छोड़ते हुए धीमी गति से पेट को अंदर की ओर खींचे. इसे अपनी क्षमता अनुसार ही करें. अपनी नाभि को अंदर की

ओर खींचे और कु छ सेकेंड में सांस छोड़ दें. एक राउं ड खत्म होने के बाद, आराम करें और अपनी आंखों को बं द कर लें. धीरे धीरे करके इस आसान की समयावधि बढ़ाएं . ध्यान रहे कि शुरुआती दौर में आपको ज्यादा फोर्सके साथ नहीं करना है.

किसे करना चाहिए कपालभाति अभ्यास को खाली पेट करना है. अगर पेट से जुड़ी कोई समस्या है, तो यह अभ्यास नहीं करना है. हार्ट पेशेंट वाले लोग डॉक्टर की राय से ही कपालभाति करें. एसिडिटी की प्रॉब्लम वाले भी न करें. कपालभाति डाइजेस्टिव सिस्टम ठीक करती है. इससे ब्लड सर्कु लेशन ठीक रहता है. बच्चों को भूख लगने की समस्या है, तो यह इससे ठीक हो जाएगा. इस अभ्यास के बेनिफिट बहुत ज्यादा है लेकिन इसमें सावधानियां भी बरते. कपालभाति जरूरी अभ्यास है. इसे रोजाना करना चाहिए. कपालभाति के कई फायदे हैं. यह मस्तिष्क पर शाइन लेकर आती है. उड्डीयान बं ध उड्डीयान बं ध को सांस छोड़ कर और श्वास भर कर भी किया जा सकता है. इसके लिए Padmasana में बैठ जाएं . अब अपनी हथेलियों को घुटनों पर रखें. इसके बाद पेट को अंदर की ओर खींचें. अपनी सांस को धीरे-धीरे अंदर की और लेते हुए अपनी पसलियों को ऊपर की ओर उठाएं . अब अपनी सांस को रोक कर रखें. इसके लिए अपनी क्षमता अनुसार अपनी सांस को होल्ड करें. फिर धीरे से सांस छोड़ दें.

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सितमगर सर्दी योग से सेहत का रखें ख्याल! सर्दी के मौसम में स्वास्थ्य से जुड़ी कु छ समस्याएं होना आम बात है। मौसम ठं डा होने के कारण सिरदर्द, कमर दर्द, जुकाम, बदन दर्द, जोड़ों में समस्या, सांस लेने में परेशानी और हार्ट संबंधी व मानसि‍क समस्याएं भी हो सकती हैं। लेकिन योग व्यायाम का साथ, आपके स्वास्थ्य पर बेहतर बनाए रखने में सहायक होगा

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शरीर संचालन हेतु पैर की उंगलियां, एड़ी, घुटना, जांघ, पेट, हाथों की उंगलियां, कलाई, कोहनी, कंधा, गर्दन व आंख प्रत्येक अंग का 5 से 10 बार संचालन सुबह-शाम दोनों समय करना फायदेमंद होगा। सायको सोमेटिक, न्यूरोसोमेटिक, दमा में भी ये यौगिक क्रियाएं लाभदायक हैं। इसके साथ-साथ शशांक आसन, योगमुद्रा, पवनमुक्तासन, भुजंगासन, स्ट्रेच मकरासन (क्रोकोडायल)-2 लाभदायक हैं। कुछ शारीरिक व मानसिक रोग तनाव व चिंता से भी होते हैं। इन्हें दूर करने के लिए यौगिक क्रियाएं उत्तम हैं। प्राणायाम और मेडिटेशन करना मानसिक समस्याओं में बेहद फायदेमंद है। स्वस्थ लोगों के लिए भी यौगिक क्रियाएं लाभदायक हैं। स्वस्थ लोग स्वस्थ रहें, इसलिए योग विशेषज्ञ की सलाह से ये आसन करें - ताड़ासन, त्रिकोणासन, कमर को खड़े होकर आगे-पीछे व दाएं-बाएं झुकाने की क्रियाएं 5 बार करें। सीधा लेटकर अर्द्धहलासन, साइकलिंग, पवनमुक्तासन, सीधा नौकासन। बैठकर पश्चिमोत्तासन, शशांक आसन व योगमुद्रा करना चाहिए। उल्टा लेटकर भुजंगासन, सर्पासन, शलभासन, धनुरासन, नौकासन, रोलिंग नौकासन करना चाहिए। प्राणायाम सभी के लिए लाभदायक है। इसमें योगेन्द्र प्राणायाम, नाड़ीशोधन प्राणायाम, भ्रमिका प्राणायाम, उज्जयी प्राणायाम अधिक लाभदायक रहते हैं। ध्यान अपनी शक्ति के अनुसार कर सकते हैं। लंबी गहरी सांस लें व छोड़ें। ओम का उच्चारण भी महत्वपूर्ण माना जाता है। ध्यान, प्राणायाम, शवासन, योगनिद्रा के द्वारा सुषुप्त शक्तियों को जाग्रत कर सकते हैं। इससे काम करने की शक्ति बढ़ सकती है, मन एकाग्र होता है, बुद्धि तीक्ष्ण होती है। इन क्रियाओं से शारीरिक व मानसिक रोगों से लड़ने की प्रतिरोधात्मक शक्ति बढ़ जाती है। ठंड के दिनों में, उच्च रक्तचाप, हृदय रोग के रोगियों को रात में अधिक कष्ट होता है। उनके लिए भी डॉक्टर की सलाह व योग विशेषज्ञ की सलाह से लाभ होता है। प्रत्येक व्यक्ति को प्रात- शाम घूमना चाहिए। दिन में एक बार दिल खोलकर हंसना चाहिए। सोने के 2 घंटे पूर्व सुपाच्य भोजन करना चाहिए।

ये 15 चीजें रखेंगी सेहत का ख्याल

सर्दियों में फायदेमंद हैं ये मसाले चटपटे खाने की जान होते हैं, मसाले। मसालेदार और चटपटा खाने के शौकीनों को मसालों से खास लगाव होता है। मसाले पकवानों का स्वाद बढ़ाने का काम ही नहीं करते बल्कि इसके सेहत से जुड़े हुए फायदे भी हैं।

धनिया पाउडर हमारे खाने में सजावट और फ्लेवर के लिए इस्तेमाल होने वाला धनिया, पाउडर के रूप में पाचक क्रिया को तेज करने में सहायता करता है। आयुर्वेद में पेट से संबंधित गड़बड़ियों को दूर करने में इसका इस्तेमाल किया जाता है। इसका सेवन रक्त में शुगर के स्तर को नियंत्रित रखता है।

दालचीनी दालचीनी में एंटीऑक्सीडेंट्स किसी भी अन्य मसाले से कहीं ज्यादा होते हैं। यह सूजन, रक्त में शुगर लेवल और ट्राय ग्लिसराइड्स को कम करती है। दालचीनी में मैग्नेशियम, आयरन और कैल्शियम जैसे मिनरल्स भी अच्छी मात्रा में पाए जाते हैं

सौंफ सौंफ खाने में तो डाली ही जाती है, इसे खाने के बाद खाना पचाने के लिए भी खाया जाता है। यह पोषक तत्वों से भरपूर होती है। इसमें कॉपर, पोटैशियम, कैल्शियम, जिंक, मैग्नेशियम, आयरन, सेलेनियम, मैग्नीज और विटामिन सी अच्छी मात्रा में पाए जाते हैं।

जीरा जीरा एक लैक्सेटिव की तरह काम करता है और बवासीर की समस्या को कम करता है। जीरा एक अच्छा पाचक है। यह मैग्नेशियम और आयरन का अच्छा स्रोत है, कैल्शियम के अवशोषण में सहायता करता है और ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करता है। साथ ही लिवर को विषैले पदार्थों से मुक्त भी रखता है।

लहसुन लहसुन हमारे खाने में प्राकृतिक एंटीबायोटिक की तरह काम करता है। यह रक्तदाब और कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करता है, लहसुन खाने वालों को हृदय रोगों और कैंसर का खतरा कम हो जाता है।

मेथीदाना मेथीदानों के सेवन से पाचन दुरुस्त रहता है और यह रक्त में कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करता है। मेथी शरीर की आंतरिक तथा बाहरी सूजन में आराम पहुंचाती है। स्तनपान कराने वाली महिलाओं में यह मिल्क फ्लो को बढ़ाती है।

राई राई यानी सरसों के बीज में विटामिन बी कॉम्प्लेक्स काफी मात्रा में पाया जाता है। इसका सेवन रूमैटाइड ऑर्थराइटिस और मांसपेशियों के दर्द में आराम पहुंचाता है और अस्थमा के लक्षणों को नियंत्रित करता है।

हल्दी हल्दी हमारे भोजन का अनिवार्य अंग है। इसमें पाया जाने वाला कुरकुमिन एक शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट होता है, जो वातावरण के हानिकारक तत्वों से लड़कर कई बीमारियों और उम्र बढ़ने के प्रभाव को कम करता है।

सर्दी के दिनों में खास तौर से कु छ विशेष चीजों का सेवन करना कई तरह से फायदेमंद साबित होता है। हम आपको ऐसी ही 11 चीजों के बारे में बता रहे हैं, जिनका प्रयोग सर्दियो ं में रखेगा आपकी सेहत, सुं दरता और मस्तिष्क का विशेष ख्याल रखेगा।

खसखस

अंजीर

भीगी हुई खसखस खाली पेट खाने से दिमाग में तरावट और दिनभर ऊर्जा बनी रहती है। आप चाहें तो खसखस वाला दूध या फिर खसखस और बादाम का हलवा खा सकते हैं।

इसमें आयरन होता है, जो खून बढ़ाने में सहायक होता है।

काजू इसमें कैलोरी ज्यादा रहती है। ठंड में शरीर का तापमान नियंत्रित रखने के लिए ज्यादा कैलोरी की आवश्यकता होती है। काजू से कैलोरी मिलती है जिससे शरीर स्वस्थ रहता है।

बादाम यह दिमाग को तेज करने में सहायक होता है। ठंड के दौरान इसे खाने से प्रोटीन, कैल्शियम मिलता है। इसके चाहें तो रातभर पानी में रखकर सुबह खा लें या फिर इसका दूध या हलवा बनाएं।

अखरोट कोलेस्ट्राल को कम करने में सहायक होता है। इसमें फायबर, विटामिन ए और प्रोटीन रहता है। जो कि शरीर को स्वस्थ रखने में सहायता प्रदान करता है।

दूध रात को सोते समय केसर, अदरक, खजूर, अंजीर, हल्दी दूध में डालकर लेना चाहिए। सर्दी के मौसम में होने वाली सर्दी-खांसी से बचाव हो जाता है।

गोंद लड्डू

इस मौसम में ज्यादा अच्छे रहते हैं क्योंकि आसानी से पच जाते हैं। एक लड्डू में 300 से 350 कैलोरी होती है।

मिक्स दाल के लड्डू

दाल में प्रोटीन होता है। शरीर को स्फूर्ति प्रदान करता है।

हरी सब्जियां सर्दी में हरी सब्जियों की आवक खूब होती है अत: इनका भरपूर सेवन करें। हरी सब्जियां पर्याप्त पोषण के साथ-साथ शरीर को आंतरिक शक्ति प्रदान करती हैं।

शहद

च्यवनप्राश प्रतिदिन खाने से शरीर का पाचनतंत्र सुदृढ़ होता है, स्फूर्ति बनी रहती है।

शहद एक प्राकृतिक एंटीबायोटिक है जिसमें मौजूद औषधीय गुण आपको सर्दी की सेहत समस्याओं से बचाएंगे और प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में मददगार साबित होंगे।

गजक

साबुत अनाज

यह गुड़ और तिल से बनाई जाती है। गुड़ में आयरन, फास्फोरस अधिक मात्रा में पाया जाता है। तिल में कैल्शियम व वसा होता है। इसके कारण ठंड के समय शरीर को अधिक कैलोरी मिल जाती है और शरीर का तापमान भी नियंत्रित रहता है।

चूं‍कि यह मौसम सेहत बनाने के लिए बढ़िया होता है अत: इस मौसम में साबुत अनाज लेना हमेशा फायदे का सौदा है। चाहे अंकुरित करके या फिर सभी प्रकार के अनाज का आटा बनाकर प्रयोग करें।

च्यवनप्राश

पिंड खजूर इसमें आयरन के साथ मिनरल्स और विटामिन भी रहते हैं। इसे ठंड में 20 से 25 ग्राम प्रतिदिन लेना चाहिए।

घी ठंड में जोड़ों की समस्या, घुटनों व जोड़ों के दर्द, आर्थराइटिस आदि से बचाव के लिए शरीर में आवश्यक चिकनाई होना बेहद जरूरी है।

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दांव पर दो हजार करोड़

2022 में रिलीज होने वाली 14 बड़ी फिल्मों पर कोरोना की तीसरी लहर का असर

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की शुरुआत में आई कोरोना की तीसरी लहर ने बॉलीवुड और साउथ सिनेमा दोनों के ही रिलीज कै लेंडर को पूरी तरह बिगाड़ दिया है। अप्रैल 2022 तक रिलीज के लिए शेड्ल यू 14 फिल्मों को अपनी रिलीज डेट आगे बढ़ानी पड़ सकती हैं। इसकी शुरुआत जनवरी में शेड्ल यू हुईं आरआरआर, राधे-श्याम और पृथ्वीराज की रिलीज टलने से हो चुकी है। अके ले इन 3 फिल्मों पर इं डस्ट्री के करीब

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1100 करोड़ रुपए दांव पर लगे हैं। वहीं, अप्रैल 2022 तक की फिल्मों पर नजर डालें तो 14 बड़ी फिल्मों पर इं डस्ट्री के 2125 करोड़ रुपए लगे हैं। मेकर्स जल्दबाजी में रिलीज करके अपनी कमाई के अनुमानों को बिगाड़ने के मूड में नहीं लग रहे हैं। जनवरी में शेड्ल यू की गईं सारी फिल्मों की रिलीज लगभग टल चुकी है। अगर हालात ऐसे ही रहे तो फरवरी और मार्च 2022 में रिलीज होने वाली फिल्मों की रिलीज भी टाली जाएं गी। तगड़ी कमाई की उम्मीद रखने वाली बड़ी फिल्में अब

रिलीज के लिए लं बा इं तजार करेंगी। शूटिंग-पोस्ट प्रोडक्शन रूक रहे हैं, इसका असर साल के अंत में आने वाली फिल्मों की रिलीज पर भी हो सकता है। दिल्ली, हरियाणा, छत्तीसगढ़ और बिहार में सिनेमाघर बं द हैं। महाराष्ट्र, तमिलनाडु, पश्चिम बं गाल में 50% क्षमता के साथ थिएटर चल रहे हैं। यूपी, गुजरात समेत ज्यादातर राज्यों में नाइट शो बं द हो चुके हैं। इसी को देखते हुए फिलहाल चार फिल्मों जर्सी, आरआरआर, राधे-श्याम और पृथ्वीराज की रिलीज टाली जा चुकी है।

फिलहाल नहीं आएंगी बड़ी फिल्में पर्सेप्ट पिक्चर कं पनी के फीचर फिल्म बिजनेस हेड और फिल्म डिस्ट्रीब्यूशन एक्सपर्ट युसूफ शेख के मुताबिक आरआरआर, पृथ्वीराज, लालसिहं चड्ढा जैसी फिल्मों में 200 से 400 करोड़ का निवेश है। अब इतनी तगड़ी कमाई के लिए सारे देश में थिएटर में नॉर्मल ऑक्यूपेंसी चाहिए। जब तक ऐसे हालात नहीं होते इन फिल्मों की रिलीज के बारे में कोई सोच-विचार नहीं होगा। फिल्म इं डस्ट्री के सारे स्टैक होल्डर्स, प्रोड्यूसर, डिस्ट्रीब्यूटर, एग्जिबिटर्स, ओवरसीज डिस्ट्रीब्यूटर कोई अपनी रिलीज डेट पर नहीं अड़ेंगे। अच्छी कमाई चाहिए तो सबको बदलाव लाना होगा। अब जनवरी में कोई फिल्म रिलीज नहीं होने वाली है। इसके बाद सब कु छ नए सिरे से सेट करते-करते तीन-चार महीने तो लग ही जाएं गे।

नए सिरे से तय होगा रिलीज कैलेंडर ट्रेड मैगजीन ‘कं पलीट सिनेमा’ के एडिटर और ट्रेड एनालिस्ट अतुल मोहन के मुताबिक बीते दो साल का बॉलीवुड का अनुभव रहा है कि सिनेमा सबसे पहले बं द होते हैं लेकिन फिर सबसे लास्ट में खुलते हैं। महाराष्ट्र में तो कोविड के बाद 100% ऑक्यूपेंसी कभी आई ही नहीं। ऐसे में बड़े बजट लेकर बैठे कोई प्रोड्यूसर जल्दबाजी नहीं करेंगे। अभी तो बिग बजट फिल्मों की रिलीज की सं भावना अप्रैल 2022 तक तो मुश्किल लग रही है। बड़ी फिल्में रिशेड्ल यू होने का प्रभाव दू सरी छोटी फिल्मों पर होगा। कु छ मिड बजट फिल्में आगे-पीछे होंगी। कु छ OTT पर चली जाएं गी। फिर से शूटिंग और पोस्ट प्रोडक्शन रुकने लगे हैं, इसका मतलब साल के अंत में आने वाली फिल्मों की रिलीज डेटस ् भी री-शफल हो सकते हैं।

इंतजार कर रही पूरी इंडस्ट्री दिल्ली में और हरियाणा के कु छ बड़े शहरों में सिनेमाघर बं द किए गए हैं। फिल्म बिजनेस में इनका हिस्सा 10 से 15% है। अगर कोई फिल्म 100 करोड़ की कमाई की उम्मीद रखती है तो 10 से 15 करोड़ यहीं से मिलते हैं। जाहिर है कि कोई प्रोड्यूसर इस टैरिटरी को अनदेखा नहीं कर सकता। बिहार में सिनेमा बं द किए गए हैं, बं गाल और तमिलनाडु में आधी क्षमता कर दी गई है। कोई प्रोड्यूसर अभी तो नई तारीख के बारे में सोचेंगे भी नहीं। जब सारा माहौल ठीक हो जाएगा, पैनिक खत्म हो जाएगा और लगेगा कि अब कोई रिस्ट्रिकशं स आने की सं भावना नहीं है। तभी वह रिलीज का जोखिम उठाएं गे। फिलहाल पूरी इं डस्ट्री फिर से वेट एं ड वॉच के मोड में आ गई है।

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भूमि का दिलकश अंदाज

भूमि पेडनेकर ने अपनी हालिया बोल्ड फोटोशूट की तस्वीरें इंस्टाग्राम पर शेयर की हैl इसमें उन्हें डीप नेक ब्रालेट के साथ कोट और स्कर्ट पहने देखा जा सकता हैl फोटो में भूमि पेडनेकर ने लिपस्टिक लगा रखी हैl उन्होंने मेकअप कर रखा हैl उनकी टोंड फिगर भी देखी जा सकती हैंl भूमि पेडनेकर ने इयररिंग्स पहन रखे हैंl तस्वीरें शेयर करते हुए भूमि पेडणेकर ने आमिर खान की फिल्म गुलाम का गाना लिखा हैl वह लिखती है, ‘ए क्या बोलती तू, क्या मैं बोलूं, मास्क पहनो, घर पर रहो वरना नो घूमेंगे, फिरेंगे, नाचेंगे, गाएंगे, ऐश करेंगे और क्याl’ भूमि पेडनेकर की फोटो इंस्टाग्राम पर वायरल हो गई हैl इसे अब तक डेढ़ लाख से ज्यादा लाइक्स मिले हैl वहीं कई लोगों ने इस पर कमेंट भी किए हैl टिस्का चोपड़ा ने लिखा है, ‘लड़की आपके कारण मुझे कुछ आइस सोडा लेना पड़ेगाl’ वहीं कई लोगों ने दिल की इमोजी भी शेयर की हैl पत्रलेखा ने लिखा है, ‘उफ्फ भूमि अलग लेवल की हॉटनेस हैl’ तुषार हीरानंदानी ने लिखा है, ‘भूमि कोई फ्लावर नहीं फायर हैl’ वहीं एक फैन ने लिखा है, ‘भूमि बहुत हॉट हो गई हैl’

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